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जालौन: यमुना की चपेट में आए 20 गांव, विधायक ने प्रभावित इलाकों का जाना हाल

यूपी के जालौन में यमुना नदी का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया. जलस्तर बढ़ने से यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में हड़कंप मच गया. किसानों के नुकसान का जायजा लेने विधायक नरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे.

जलस्तर बढ़ने से 20 गांव चपेट में.
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Published : Aug 20, 2019, 9:28 AM IST

जालौन: राजस्थान के कोटा बैराज और हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया. पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. कालपी तहसील के महेवा ब्लॉक में किरतपुर, हीरापुर, घोड़ाखाल, देवकली, मंगरोल जैसे गांव में आवागमन के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है.

जलस्तर बढ़ने से 20 गांव चपेट में.

जलस्तर बढ़ने से बर्बाद हुई फसलें-

  • यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
  • जलस्तर बढ़ने से हुए नुकसान का जायजा लेने विधायक नरेंद्र सिंह बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे.
  • विधायक नरेंद्र सिंह ने नाव से बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया.
  • जलस्तर बढ़ने से कुछ जगहों पर नाव चलने लगी है.
  • सोमवार को यमुना का जलस्तर 108.3 मीटर दर्ज किया गया है.

बाढ़ग्रस्त इलाकों के हालात पर क्या बोले विधायक

  • यमुना नदी में बढ़े हुए जलस्तर से लगभग 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
  • किसानों की लगभग हजार बीघा फसलें बर्बाद हुई हैं.
  • तिल, ज्वार, बाजरा, मूंग, उरद, मूंगफली और सब्जी आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है.
  • बाढ़ग्रस्त इलाकों में हुए लोगों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है.
  • किसानों की फसलों के नुकसान का जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- जालौन: जल संरक्षण पर लापरवाही बरतने में अधिकारियों का वेतन रोकने के दिए आदेश

यमुना नदी के जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है. अभी खतरे के निशान के बराबर यमुना बह रही हैं. सभी लेखपालों को अलर्ट कर दिया गया है. जो गांव चपेट में आए हैं और फसलों की बर्बादी हुई है, उसका सर्वे करा कर उनको मुआवजा दिलाया जाएगा. साथ ही बाढ़ चौकियों को लेकर अलर्ट किया गया है. स्थिति अभी पूरी तरीके से नियंत्रण में है.
भैरपाल सिंह, उपजिलाधिकारी

जालौन: राजस्थान के कोटा बैराज और हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया. पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. कालपी तहसील के महेवा ब्लॉक में किरतपुर, हीरापुर, घोड़ाखाल, देवकली, मंगरोल जैसे गांव में आवागमन के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है.

जलस्तर बढ़ने से 20 गांव चपेट में.

जलस्तर बढ़ने से बर्बाद हुई फसलें-

  • यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
  • जलस्तर बढ़ने से हुए नुकसान का जायजा लेने विधायक नरेंद्र सिंह बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे.
  • विधायक नरेंद्र सिंह ने नाव से बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया.
  • जलस्तर बढ़ने से कुछ जगहों पर नाव चलने लगी है.
  • सोमवार को यमुना का जलस्तर 108.3 मीटर दर्ज किया गया है.

बाढ़ग्रस्त इलाकों के हालात पर क्या बोले विधायक

  • यमुना नदी में बढ़े हुए जलस्तर से लगभग 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
  • किसानों की लगभग हजार बीघा फसलें बर्बाद हुई हैं.
  • तिल, ज्वार, बाजरा, मूंग, उरद, मूंगफली और सब्जी आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है.
  • बाढ़ग्रस्त इलाकों में हुए लोगों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है.
  • किसानों की फसलों के नुकसान का जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- जालौन: जल संरक्षण पर लापरवाही बरतने में अधिकारियों का वेतन रोकने के दिए आदेश

यमुना नदी के जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है. अभी खतरे के निशान के बराबर यमुना बह रही हैं. सभी लेखपालों को अलर्ट कर दिया गया है. जो गांव चपेट में आए हैं और फसलों की बर्बादी हुई है, उसका सर्वे करा कर उनको मुआवजा दिलाया जाएगा. साथ ही बाढ़ चौकियों को लेकर अलर्ट किया गया है. स्थिति अभी पूरी तरीके से नियंत्रण में है.
भैरपाल सिंह, उपजिलाधिकारी

Intro:जालौन जिले में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ कर अपने खतरे के निशान को पार कर गया जिससे यमुना नदी के किनारे बसे गांव में हड़कंप सा मच गया नगर के सभी घाट बाढ़ में डूब चुके हैं और यमुना किनारे सीतामऊ से लेकर इकौना तक किसानों की फसलें बाढ़ में डूब गई हैं हालात यह है कि कुछ जगहों पर सड़क पर नाव चल रही है सोमवार को यमुना का जलस्तर 108. 3 मीटर दर्ज किया गया


Body:राजस्थान के कोटा बैराज और हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया जिसका असर जालौन जिले में यमुना नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया साथ ही कालपी तहसील के महेवा ब्लाक में किरतपुर हीरापुर घोड़ाखाल देवकली मंगरोल जैसे गांव में आवागमन के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है यमुना नदी में बढ़े हुए जलस्तर से गांव और फसलों में किसानों का कितना नुकसान हुआ इसका जायजा लेने विधायक नरेंद्र सिंह जादौन खुद मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने नाव से बाढ़ ग्रस्त इलाकों का मुआयना किया और लोगों से बात की ईटीवी भारत से बात करते हुए कालपी विधायक नरेंद्र सिंह जादौन ने बताया यमुना नदी में बढ़े हुए जलस्तर से लगभग 20 गांव चपेट में आए हैं और हजार भीगा के लगभग फसल किसानों की बर्बाद हुई है खासतौर पर तिल ज्वार बाजरा मूंग उर्द मूंगफली और सब्जी इन सब फसलों को नुकसान पहुंचा है बाढ़ ग्रस्त इलाकों का मुआयना कर लोगों के नुकसान का प्रशासन के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है और किसानों को जल्द ही इसका मुआवजा दिलाया जाएगा उपजिलाधिकारी भैरपाल सिंह ने बताया यमुना नदी के जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है और अभी खतरे के निशान के बराबर यमुना नदी बह रही है सभी लेखपालों को अलर्ट कर दिया गया है और जो गांव चपेट में आए हैं और फसलों की बर्बादी हुई है उसका सर्वे करा कर उनको मुआवजा दिलाया जाएगा साथ ही बाढ़ चौकियों को लेकर अलर्ट किया गया है और स्थिति अभी पूरी तरीके से नियंत्रण में बनी हुई है बाइट नरेंद्र सिंह जादौन विधायक कालपी बाइट भैरपाल सिंह उपजिलाधिकारी कालपी


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