जालौन: राजस्थान के कोटा बैराज और हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ने की वजह से यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया. पानी छोड़े जाने के कारण यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई हैं. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है. कालपी तहसील के महेवा ब्लॉक में किरतपुर, हीरापुर, घोड़ाखाल, देवकली, मंगरोल जैसे गांव में आवागमन के लिए नाव का सहारा लिया जा रहा है.
जलस्तर बढ़ने से बर्बाद हुई फसलें-
- यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से गांव और किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
- जलस्तर बढ़ने से हुए नुकसान का जायजा लेने विधायक नरेंद्र सिंह बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे.
- विधायक नरेंद्र सिंह ने नाव से बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जायजा लिया.
- जलस्तर बढ़ने से कुछ जगहों पर नाव चलने लगी है.
- सोमवार को यमुना का जलस्तर 108.3 मीटर दर्ज किया गया है.
बाढ़ग्रस्त इलाकों के हालात पर क्या बोले विधायक
- यमुना नदी में बढ़े हुए जलस्तर से लगभग 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं.
- किसानों की लगभग हजार बीघा फसलें बर्बाद हुई हैं.
- तिल, ज्वार, बाजरा, मूंग, उरद, मूंगफली और सब्जी आदि फसलों को नुकसान पहुंचा है.
- बाढ़ग्रस्त इलाकों में हुए लोगों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है.
- किसानों की फसलों के नुकसान का जल्द ही मुआवजा दिलाया जाएगा.
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यमुना नदी के जलस्तर पर लगातार निगाह रखी जा रही है. अभी खतरे के निशान के बराबर यमुना बह रही हैं. सभी लेखपालों को अलर्ट कर दिया गया है. जो गांव चपेट में आए हैं और फसलों की बर्बादी हुई है, उसका सर्वे करा कर उनको मुआवजा दिलाया जाएगा. साथ ही बाढ़ चौकियों को लेकर अलर्ट किया गया है. स्थिति अभी पूरी तरीके से नियंत्रण में है.
भैरपाल सिंह, उपजिलाधिकारी