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34 करोड़ की लागत से बना 132 केवी विद्युत स्टेशन, 211 गांवों से छंटा अंधेरा

उत्तर प्रदेश के जालौन में एक गांव में 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन सुचारू रूप से संचालित हो गया है, जिससे 211 गांव के रहने वाले ग्रामीणों को आए दिन होने वाली लो वोल्टेज, ब्रेकडाउन, तार टूटने की समस्या से निजात मिल गयी है.

132 केवी विद्युत स्टेशन
132 केवी विद्युत स्टेशन
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Published : Nov 27, 2021, 4:36 PM IST

जालौन: प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनकी जमीनी हकीकत अब दिखाई देने लगी है. जिले के माधौगढ़ तहसील के मींगनी गांव में 34 करोड़ रुपए की लागत से बना 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन सुचारू रूप से संचालित हो गया है, जिससे 211 गांव के रहने वाले ग्रामीणों को आए दिन होने वाली लो वोल्टेज, ब्रेकडाउन, तार टूटने की समस्या से निजात मिल गयी है. इस सबस्टेशन से 5 फीडरों के जरिए विद्युत आपूर्ति संचालित है, साथ ही एक फीडर रिजर्व में अतिरिक्त रखा गया है.

उरई मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बीहड़ क्षेत्र की माधौगढ़ तहसील में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति किसी भी सरकार के लिए चुनौती रही है. लेकिन योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संचालन नियमित करने के लिए सर्वे कराया, जिसमें मींगनी गांव में 132 केवी के सबस्टेशन का प्रस्ताव रखा गया, जिससे 211 गांव की बिजली आपूर्ति सुधर सके. इसको देखते हुए 34 करोड़ रुपए शासन से मंजूर किए गए और दो साल के अंदर 5 फीडरों वाला 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है. सबस्टेशन से बीहड़ झेत्र के 6 फीडर माधौगढ़, रामपुरा, जगम्मनपुर, सिद्धपुरा, सिंगतौली से बिजली आपूर्ति की जा रही है, जबकि एक फीडर अतिरिक्त रूप से रिजर्व रखा गया है.

इसे भी पढ़ें- फर्जी वोट कटवाने को लेकर सपा एमएलसी ने डीएम को लिखा खत

वरिष्ठ अधिशासी अभियंता विनोद सिंह ने बताया सब स्टेशन चालू होने से उपभोक्ताओं को बिजली भरपूर मिलेगी. इसके साथ ही ब्रेकडाउन, लो वोल्टेज और तार टूटने जैसी समस्या से निजात मिल पाएगी. ब्रेकडाउन के दौरान माधवगढ़ से जालौन तक 35 किलोमीटर की लाइन चेक करने में कई घंटे लग जाते थे, जिस कारण इस गांव की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो जाती थी. अब मात्र 5 किलोमीटर के अंदर ही 10 मिनट में लाइन चेक करने के बाद ही चालू की जा सकेगी.

मींगनी गांव के रहने वाले लक्ष्मीकांत का कहना है कि 50 साल पहले डाले गए विद्युत तार जर्जर हो चुके हैं, जिससे अधिक गर्मी और सर्दी के दौरान तार टूट जाते थे और विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाती थी. उसे सुधारने में कई घंटों बीत जाते थे. विद्युत सबस्टेशन बन जाने से हम लोगों को बिजली सुचारू रूप से मिल सकेगी और तार टूटने, ब्रेकडाउन जैसी समस्या से निजात मिल सकेगी.

इसे भी पढ़ें- इरादत नगर द्वितीय विद्यालय गेट पर ताला लगे होने से बच्चे खड़े रहे बाहर, फिर जो हुआ उससे मची खलबली..

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया सरकार कि मंशा के अनुसार 34 करोड़ की लागत से मिनी सबस्टेशन विद्युत सप्लाई शुरू हो चुकी है. इससे बीहड़ क्षेत्र के 6 फीडरों में सप्लाई सुचारु रुप से की जा रही है. 211 गांव में बिजली की समस्या से लोगों को निजात मिल गई है, साथ ही किसान जिनको खेतों में पानी लगाने में बिजली की समस्या उत्पन्न होती थी अब वह भी दूर हो गई है.

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जालौन: प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनकी जमीनी हकीकत अब दिखाई देने लगी है. जिले के माधौगढ़ तहसील के मींगनी गांव में 34 करोड़ रुपए की लागत से बना 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन सुचारू रूप से संचालित हो गया है, जिससे 211 गांव के रहने वाले ग्रामीणों को आए दिन होने वाली लो वोल्टेज, ब्रेकडाउन, तार टूटने की समस्या से निजात मिल गयी है. इस सबस्टेशन से 5 फीडरों के जरिए विद्युत आपूर्ति संचालित है, साथ ही एक फीडर रिजर्व में अतिरिक्त रखा गया है.

उरई मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बीहड़ क्षेत्र की माधौगढ़ तहसील में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति किसी भी सरकार के लिए चुनौती रही है. लेकिन योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संचालन नियमित करने के लिए सर्वे कराया, जिसमें मींगनी गांव में 132 केवी के सबस्टेशन का प्रस्ताव रखा गया, जिससे 211 गांव की बिजली आपूर्ति सुधर सके. इसको देखते हुए 34 करोड़ रुपए शासन से मंजूर किए गए और दो साल के अंदर 5 फीडरों वाला 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है. सबस्टेशन से बीहड़ झेत्र के 6 फीडर माधौगढ़, रामपुरा, जगम्मनपुर, सिद्धपुरा, सिंगतौली से बिजली आपूर्ति की जा रही है, जबकि एक फीडर अतिरिक्त रूप से रिजर्व रखा गया है.

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मींगनी गांव के रहने वाले लक्ष्मीकांत का कहना है कि 50 साल पहले डाले गए विद्युत तार जर्जर हो चुके हैं, जिससे अधिक गर्मी और सर्दी के दौरान तार टूट जाते थे और विद्युत आपूर्ति बाधित हो जाती थी. उसे सुधारने में कई घंटों बीत जाते थे. विद्युत सबस्टेशन बन जाने से हम लोगों को बिजली सुचारू रूप से मिल सकेगी और तार टूटने, ब्रेकडाउन जैसी समस्या से निजात मिल सकेगी.

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