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इटावा: रिहायशी इलाके में निकला विशालकाय अजगर, मची अफरातफरी

उत्तर प्रदेश के इटावा में बारिश के चलते अब अजगर रिहायशी इलाकों में आए दिन निकल रहे हैं. थाना सिविल लाइंस में एक ट्रक में 10 फीट का अजगर मिला है. स्थानीय लोगों ने वन विभाग की टीम को बुलाकर अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया.

इटावा के रिहायशी इलाके में निकला अजगर.
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Published : Oct 4, 2019, 8:09 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जिले के रिहायशी इलाकों में पिछले 15 दिनों से अजगर और सांप आए दिन निकल रहे हैं. शहर में थाना सिविल लाइंस के बाहर खड़े एक ट्रक में लगभग 10 फीट का अजगर आराम फरमा रहा था. राहगीरों ने देखा तो वन विभाग की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञों की टीम को बुलया.

इटावा के रिहायशी इलाके में निकला अजगर.

वन विभाग की टीम ने विशाल अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद 80 किलो वजन का दूसरा विशालकाय अजगर शहर से वाइसख्वाजा के पास बकरी मुर्गी फार्म के पास देखा गया. लगभग 18 फिट के इस विशालकाय अजगर ने एक सियार के बच्चे को अपना निवाला बना लिया था. सूचना पर इसे पकड़ने गयी इस्कॉन की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञ की टीम ने पहले इसके पेट से सियार के बच्चे को निकाला. तब विशालकाय अजगर को पकड़ कर शहर से सटे जंगल मे छोड़ दिया.

भारी बारिश होने से इनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए हैं. इसलिए अजगर जंगलों से निकल कर रिहायशी इलाकों में आ गए हैं. इटावा इनका सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थल है. यहां सात फीट से लेकर 25 फिट तक के अजगर हैं. इटावा के जंगलों में पाइथन, मोलूरस नस्ल के अजगर हैं. अब इस नस्ल का संरक्षण बेहद जरूरी है.
-सत्यपाल, डीएफओ

यह सत्य है कि विशालकाय अजगरों का मुख्य प्राकृतिक वास इटावा जिले का जंगल है, लेकिन अब इनके प्राकृतिक स्थानों पर आम लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. इस वजह से सांपों की प्रजाति के सबसे शर्मीले यह जीव रिहायशी इलाकों में दहशत का पर्याय बन गए हैं. सरकार को इनको मजबूत संरक्षण देने की जरूरत है.
-संजीव चौहान, वन्य जीव विशेषज्ञ, सचिव इस्कान

इटावा: जिले के रिहायशी इलाकों में पिछले 15 दिनों से अजगर और सांप आए दिन निकल रहे हैं. शहर में थाना सिविल लाइंस के बाहर खड़े एक ट्रक में लगभग 10 फीट का अजगर आराम फरमा रहा था. राहगीरों ने देखा तो वन विभाग की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञों की टीम को बुलया.

इटावा के रिहायशी इलाके में निकला अजगर.

वन विभाग की टीम ने विशाल अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद 80 किलो वजन का दूसरा विशालकाय अजगर शहर से वाइसख्वाजा के पास बकरी मुर्गी फार्म के पास देखा गया. लगभग 18 फिट के इस विशालकाय अजगर ने एक सियार के बच्चे को अपना निवाला बना लिया था. सूचना पर इसे पकड़ने गयी इस्कॉन की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञ की टीम ने पहले इसके पेट से सियार के बच्चे को निकाला. तब विशालकाय अजगर को पकड़ कर शहर से सटे जंगल मे छोड़ दिया.

भारी बारिश होने से इनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए हैं. इसलिए अजगर जंगलों से निकल कर रिहायशी इलाकों में आ गए हैं. इटावा इनका सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थल है. यहां सात फीट से लेकर 25 फिट तक के अजगर हैं. इटावा के जंगलों में पाइथन, मोलूरस नस्ल के अजगर हैं. अब इस नस्ल का संरक्षण बेहद जरूरी है.
-सत्यपाल, डीएफओ

यह सत्य है कि विशालकाय अजगरों का मुख्य प्राकृतिक वास इटावा जिले का जंगल है, लेकिन अब इनके प्राकृतिक स्थानों पर आम लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. इस वजह से सांपों की प्रजाति के सबसे शर्मीले यह जीव रिहायशी इलाकों में दहशत का पर्याय बन गए हैं. सरकार को इनको मजबूत संरक्षण देने की जरूरत है.
-संजीव चौहान, वन्य जीव विशेषज्ञ, सचिव इस्कान

Intro:एंकर-सूबे का इटावा जिला अजगर सांप का प्रमुख इलाका है।पिछले 15 दिनों से जिले के रिहायशी इलाकों में अजगर साँप के आये दिन निकलने से आम जनमानस में भारी दहशत है।शहर में थाना सिविल लाइंस के बाहर खड़े एक ट्रक में लगभग 10 फिट का अजगर आराम फरमा रहा था।राहगीरों ने देखा तो लोगों में दहशत फैल गयी।तत्काल थाना सिविल लाइंस पुलिस ने वन विभाग की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञों की टीम को बुलवाया,तब इस विशाल अजगर को पकड़ कर उसे जंगल मे छोड़ा गया।इसके बाद 80 किलो वजन का दूसरा विशालकाय अजगर शहर से वाइसख्वाजा के पास बकरी मुर्गी फार्म के पास देखा गया।लगभग 18 फिट के इस विशालकाय अजगर ने एक सियार के बच्चे को अपना निवाला बना दिया था।सूचना पर इसे पकड़ने गयी इस्कॉन की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञ की टीम ने पहले इसके पेट से सियार के बच्चे को निकाला,तब इस विशाल काय अजगर को पकड़ कर शहर से सटे जंगल मे छोड़ दिया।

वाइट-सत्यपाल(डीएफओ)Body:वीओ(1)-शहर के रिहायशी इलाकों में निकल रहे अजगरों को पकड़ने के काम मे लगी वन्य जीव जंतु विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि भारी बारिश होने से इनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए हैं।इसलिए ये अजगर जंगलों से निकल कर रिहायशी इलाकों में आ गए हैं।विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि इटावा इनका सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थल है।यहां 7 फीट से लेकर 25 फिट तक के अज़गर हैं।इटावा के जंगलों में पाइथन मोलूरस नस्ल के अजगर हैं।अब इस नस्ल का संरक्षण बेहद जरूरी है।

वाइट-संजीव चौहान(,वन्य जीव विशेषज्ञ,सचिव इस्कान)Conclusion:वीओ(2)-यह सत्य है कि विशालकाय अजगरों का मुख्य प्राकृतिक वास है इटावा जिले का जंगल।लेकिन अब इनके प्राकृतिक स्थानों पर आम लोगो ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है।इस वजह से सांपो की प्रजाति का सबसे शर्मीले यह जीव रिहायशी इलाकों में दहशत का पर्याय बन गया है।सरकार को इनको मजबूत संरक्षण की जरूरत है।इटावा में पिछले एक माह में 50 से अधिक विशालकाय अजगर रिहायशी इलाकों में अपनी मौजूदगी की दस्तक दे चुके हैं।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

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