इटावा: जिले के रिहायशी इलाकों में पिछले 15 दिनों से अजगर और सांप आए दिन निकल रहे हैं. शहर में थाना सिविल लाइंस के बाहर खड़े एक ट्रक में लगभग 10 फीट का अजगर आराम फरमा रहा था. राहगीरों ने देखा तो वन विभाग की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञों की टीम को बुलया.
वन विभाग की टीम ने विशाल अजगर को पकड़कर जंगल में छोड़ दिया. इसके बाद 80 किलो वजन का दूसरा विशालकाय अजगर शहर से वाइसख्वाजा के पास बकरी मुर्गी फार्म के पास देखा गया. लगभग 18 फिट के इस विशालकाय अजगर ने एक सियार के बच्चे को अपना निवाला बना लिया था. सूचना पर इसे पकड़ने गयी इस्कॉन की वन्य जीव जंतु विशेषज्ञ की टीम ने पहले इसके पेट से सियार के बच्चे को निकाला. तब विशालकाय अजगर को पकड़ कर शहर से सटे जंगल मे छोड़ दिया.
भारी बारिश होने से इनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो गए हैं. इसलिए अजगर जंगलों से निकल कर रिहायशी इलाकों में आ गए हैं. इटावा इनका सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थल है. यहां सात फीट से लेकर 25 फिट तक के अजगर हैं. इटावा के जंगलों में पाइथन, मोलूरस नस्ल के अजगर हैं. अब इस नस्ल का संरक्षण बेहद जरूरी है.
-सत्यपाल, डीएफओ
यह सत्य है कि विशालकाय अजगरों का मुख्य प्राकृतिक वास इटावा जिले का जंगल है, लेकिन अब इनके प्राकृतिक स्थानों पर आम लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है. इस वजह से सांपों की प्रजाति के सबसे शर्मीले यह जीव रिहायशी इलाकों में दहशत का पर्याय बन गए हैं. सरकार को इनको मजबूत संरक्षण देने की जरूरत है.
-संजीव चौहान, वन्य जीव विशेषज्ञ, सचिव इस्कान