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बुखार का प्रकोप: घर-घर खाट पर लगे मरीज, CMO कर रहे इनकार - डेंगू बुखार

सासनी तहसील क्षेत्र स्थित गांव लुटसान में वायरल फीवर (viral fever) से पीड़ित बड़ी संख्या में मरीज पड़े हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के बीच लोग अपना इलाज खुद ही करा रहे हैं. जिले में अब तक बुखार से कई मौतें हो चुकी हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन मौतों को डेंगू से हुआ नहीं मानता है.

हाथरस में वायरल फीवर का कहर
हाथरस में वायरल फीवर का कहर
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Published : Oct 3, 2021, 5:30 PM IST

हाथरस: जिले की सासनी तहसील स्थित गांव लुटसान में इन दिनों बुखार (viral fever) का प्रकोप है. गांव में घर-घर बुखार के मरीजों की चारपाइयां पड़ीं हुई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. सीएमओ ने बताया गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले भी गई थी और लोगों के परीक्षण किए थे. जरूरत के अमुसार पीड़ित मरीजों का दवाईयां उपलब्ध कराई गई थी. उन्होंने, जानकारी दी आज फिर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम जा रही है.


सासनी तहसील क्षेत्र के गांव लुटसान में हर घर में खाटों पर बड़ी संख्या में मरीज पड़े हैं. हालात यह हैं कि लोग अपना इलाज खुद ही करा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी कई बार दी गई. मगर, गांव में स्वास्थ्य टीम अभी तक नहीं आई. गांव के लोग गांव में डेंगू (dengue fever) फैले होने की बात कह रहे हैं. इस बुखार से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. पिछले तीन दिन में दो मासूम भी अपनी जान गवां चुके हैं.

हाथरस में वायरल फीवर का कहर



गांव के विजय सिंह ने बताया कि गांव डेंगू बुखार की गिरफ्त में आ गया है. उनके घर में और मरीज पड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि डेंगू से उनके 11 महीने के नाती राघव की जान जा चुकी है. उन्होंने बताया कि वह बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल में गए थे, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई तो बच्चे की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जांच कराने का तो मौका ही नहीं मिला.

इसे भी पढ़ें-वायरल बुखार का कहर, 15 दिन में 13 मौतें



वहीं, सीएमओ डॉ. सीएम चतुर्वेदी ने बताया कि इस गांव में टीम गई थी. वहां जांच हुई, दवाई भी दी गई और फॉगिंग भी कराई गई थी. उन्होंने बताया कि आज फिर वहां टीम जा रही है जांच कराई जाएगी. मरीज मिलते हैं तो दवा भी दी जाएगी. गांव में ही अपने संसाधनों से इलाज कराने पर उन्होंने कहा यह तो इन लोगों की अपनी सोच है. उन्होंने बताया कि 102 व 108 एंबुलेंस उपलब्ध हैं, जिससे जिला अस्पताल में इलाज के लिए आया जा सकता है. उन्होंने बताया जहां भी कैंप लगते हैं वह लोगों को बताया जाता है कि एंबुलेंस का इस्तेमाल कर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे. हालांकि, जिले में अब तक बुखार से कई मौतें हो चुकी हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन मौतों को डेंगू से हुआ नहीं मानता है.

हाथरस: जिले की सासनी तहसील स्थित गांव लुटसान में इन दिनों बुखार (viral fever) का प्रकोप है. गांव में घर-घर बुखार के मरीजों की चारपाइयां पड़ीं हुई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. सीएमओ ने बताया गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहले भी गई थी और लोगों के परीक्षण किए थे. जरूरत के अमुसार पीड़ित मरीजों का दवाईयां उपलब्ध कराई गई थी. उन्होंने, जानकारी दी आज फिर गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम जा रही है.


सासनी तहसील क्षेत्र के गांव लुटसान में हर घर में खाटों पर बड़ी संख्या में मरीज पड़े हैं. हालात यह हैं कि लोग अपना इलाज खुद ही करा रहे हैं. गांव वालों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी कई बार दी गई. मगर, गांव में स्वास्थ्य टीम अभी तक नहीं आई. गांव के लोग गांव में डेंगू (dengue fever) फैले होने की बात कह रहे हैं. इस बुखार से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. पिछले तीन दिन में दो मासूम भी अपनी जान गवां चुके हैं.

हाथरस में वायरल फीवर का कहर



गांव के विजय सिंह ने बताया कि गांव डेंगू बुखार की गिरफ्त में आ गया है. उनके घर में और मरीज पड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि डेंगू से उनके 11 महीने के नाती राघव की जान जा चुकी है. उन्होंने बताया कि वह बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल में गए थे, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई तो बच्चे की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि जांच कराने का तो मौका ही नहीं मिला.

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वहीं, सीएमओ डॉ. सीएम चतुर्वेदी ने बताया कि इस गांव में टीम गई थी. वहां जांच हुई, दवाई भी दी गई और फॉगिंग भी कराई गई थी. उन्होंने बताया कि आज फिर वहां टीम जा रही है जांच कराई जाएगी. मरीज मिलते हैं तो दवा भी दी जाएगी. गांव में ही अपने संसाधनों से इलाज कराने पर उन्होंने कहा यह तो इन लोगों की अपनी सोच है. उन्होंने बताया कि 102 व 108 एंबुलेंस उपलब्ध हैं, जिससे जिला अस्पताल में इलाज के लिए आया जा सकता है. उन्होंने बताया जहां भी कैंप लगते हैं वह लोगों को बताया जाता है कि एंबुलेंस का इस्तेमाल कर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे. हालांकि, जिले में अब तक बुखार से कई मौतें हो चुकी हैं लेकिन स्वास्थ्य महकमा इन मौतों को डेंगू से हुआ नहीं मानता है.

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