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हाथरस को मिली ट्रूनेट मशीन, कोविड-19 जांच प्रक्रिया में आएगी तेजी

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Published : Jun 7, 2020, 7:00 PM IST

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले को एक ट्रूनेट मशीन आवंटित हुई है. इस मशीन की सहायता से कोरोना संभावितों की जांच की जाएगी. जल्द ही इसे जिला अस्पताल में इंस्टॉल कर दिया जाएगा, ताकि मरीजों को इसका लाभ मिल सके.

hathras district hospital
हाथरस को एक ट्रूनॉट मशीन आवंटित हुई है.

हाथरस: यूपी के हाथरस जिले को ट्रूनेट मशीन आवंटित हुई है. इस मशीन के द्वारा कोरोना संभावितों की जांच की जाएगी. इसे जल्द ही जिला अस्पताल में इंस्टॉल कर दिया जाएगा. इसमें एक साथ दो सैंपल लगाए जा सकेंगे और महज कुछ घंटों में ही रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी. मशीन के आ जाने से जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी. इस मशीन को वैसे तो टीबी की जांच प्रक्रिया में तेजी और सटीकता लाने के लिए बनाया गया, लेकिन इससे कोरोना संक्रमण की भी जांच की जा रही है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल सागर वशिष्ठ ने बताया कि स्वदेशी मशीन ट्रूनेट हाथरस समेत सूबे के 55 जिलों को मिली है. राज्य क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन मशीनों की मदद से न केवल टीबी की जांच होगी, बल्कि कोविड-19 संक्रमण की जांच भी की जा सकेगी.

टीबी की जांच के लिए अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास सीबी नॉट मशीन थी. ट्रूनेट मशीन उससे भी एडवांस बताई जा रही है. विभिन्न चरणों में भारत सरकार राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को ट्रूनेट मशीनें उपलब्ध कराएगी. जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली कार्टिलेज ट्रूनेट मशीन सस्ती पड़ेगी. फिलहाल जिले को एक मशीन आवंटित हुई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि अब कोविड-19 की जांच करना आसान हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी मशीन जिला अस्पताल में लगाई जाएगी. शीघ्र ही मशीन का लाभ मरीजों को मिलेगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संभावित जिनकी डिलीवरी, ऑपरेशन होना है, उनकी स्क्रीनिंग इस मशीन द्वारा की जाएगी. इस मशीन को जल्द इंस्टॉल कर दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हाथरस: चकबंदी के संबंध में अधिकारियों ने ली ग्रामीणों की राय

हाथरस: यूपी के हाथरस जिले को ट्रूनेट मशीन आवंटित हुई है. इस मशीन के द्वारा कोरोना संभावितों की जांच की जाएगी. इसे जल्द ही जिला अस्पताल में इंस्टॉल कर दिया जाएगा. इसमें एक साथ दो सैंपल लगाए जा सकेंगे और महज कुछ घंटों में ही रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी. मशीन के आ जाने से जांच प्रक्रिया में तेजी आएगी. इस मशीन को वैसे तो टीबी की जांच प्रक्रिया में तेजी और सटीकता लाने के लिए बनाया गया, लेकिन इससे कोरोना संक्रमण की भी जांच की जा रही है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल सागर वशिष्ठ ने बताया कि स्वदेशी मशीन ट्रूनेट हाथरस समेत सूबे के 55 जिलों को मिली है. राज्य क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन मशीनों की मदद से न केवल टीबी की जांच होगी, बल्कि कोविड-19 संक्रमण की जांच भी की जा सकेगी.

टीबी की जांच के लिए अब तक स्वास्थ्य विभाग के पास सीबी नॉट मशीन थी. ट्रूनेट मशीन उससे भी एडवांस बताई जा रही है. विभिन्न चरणों में भारत सरकार राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को ट्रूनेट मशीनें उपलब्ध कराएगी. जांच के लिए प्रयोग की जाने वाली कार्टिलेज ट्रूनेट मशीन सस्ती पड़ेगी. फिलहाल जिले को एक मशीन आवंटित हुई है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि अब कोविड-19 की जांच करना आसान हो जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी मशीन जिला अस्पताल में लगाई जाएगी. शीघ्र ही मशीन का लाभ मरीजों को मिलेगा. उन्होंने बताया कि कोरोना संभावित जिनकी डिलीवरी, ऑपरेशन होना है, उनकी स्क्रीनिंग इस मशीन द्वारा की जाएगी. इस मशीन को जल्द इंस्टॉल कर दिया जाएगा.

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