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हाथरस: परीक्षा देने से रोके जाने पर बेहोश हुई छात्रा, मचा हड़कंप

हाथरस जिले में एक स्कूल प्रबंधक द्वारा बारहवीं की छमाही की परीक्षा देने से मना करने पर एक छात्रा का बेहोश होने का मामला सामने आया है. आरोप है कि छात्रा की फीस नहीं जमा हुई थी, जिसके कारण स्कूल प्रबंधन ने उसे परीक्षा देने से मना कर दिया.

परीक्षा देने से रोके जाने पर बेहोश हुई छात्रा
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Published : Nov 5, 2019, 11:59 PM IST

हाथरस: जिले में एक स्कूल प्रबंधन ने पूरी फीस न मिलने पर एक छात्रा को घरेलू छमाही परीक्षा में नहीं बैठने दिया. उससे कहा गया कि फीस न भरने की वजह से उसका नाम काट दिया गया है. यह सुनते ही छात्रा रोने लगी और वह बेहोश हो गई. छात्रा की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

परीक्षा देने से रोके जाने पर बेहोश हुई छात्रा
जिला अस्पताल में चल रहा इलाजजिले के पोरा स्थित श्रीमती शीला देवी मुंशी लाल इंटर कॉलेज में 12वीं क्लास की पूजा नाम की छात्रा पिछले कुछ दिनों से बीमारी के कारण स्कूल नहीं आ सकी थी. उसकी फीस भी पूरी जमा नहीं थी. मंगलवार को शुरू हुई घरेलू छमाही परीक्षा देने के लिए जब वह स्कूल आई तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. उससे कहा गया कि उसका नाम कट गया है. इस बात पर छात्रा रोते-रोते बेहोश हो गई.


फीस न देने पर परीक्षा में बैठने नहीं दिया
जानकारी मिलने पर उसके परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. बीमार छात्रा की बहन गंगा ने बताया कि उसकी बहन एक से डेढ़ घंटे तक स्कूल में बेहोश पड़ी रही लेकिन स्कूल वालों ने उसकी कोई सुध नहीं ली. उसने बताया कि उसकी बहन की फीस के एक हजार रुपये देने बाकी थे, इसलिए उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. कहा गया कि उसका नाम काट दिया गया है. इसी कारण वह रोते-रोते बेहोश हो गई. गंगा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उस पर ड्रामा करने का भी आरोप लगाया है.

इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि मिलेगी तो वह इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई कराएंगे.
- सुनील कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक

हाथरस: जिले में एक स्कूल प्रबंधन ने पूरी फीस न मिलने पर एक छात्रा को घरेलू छमाही परीक्षा में नहीं बैठने दिया. उससे कहा गया कि फीस न भरने की वजह से उसका नाम काट दिया गया है. यह सुनते ही छात्रा रोने लगी और वह बेहोश हो गई. छात्रा की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

परीक्षा देने से रोके जाने पर बेहोश हुई छात्रा
जिला अस्पताल में चल रहा इलाजजिले के पोरा स्थित श्रीमती शीला देवी मुंशी लाल इंटर कॉलेज में 12वीं क्लास की पूजा नाम की छात्रा पिछले कुछ दिनों से बीमारी के कारण स्कूल नहीं आ सकी थी. उसकी फीस भी पूरी जमा नहीं थी. मंगलवार को शुरू हुई घरेलू छमाही परीक्षा देने के लिए जब वह स्कूल आई तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. उससे कहा गया कि उसका नाम कट गया है. इस बात पर छात्रा रोते-रोते बेहोश हो गई.


फीस न देने पर परीक्षा में बैठने नहीं दिया
जानकारी मिलने पर उसके परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. बीमार छात्रा की बहन गंगा ने बताया कि उसकी बहन एक से डेढ़ घंटे तक स्कूल में बेहोश पड़ी रही लेकिन स्कूल वालों ने उसकी कोई सुध नहीं ली. उसने बताया कि उसकी बहन की फीस के एक हजार रुपये देने बाकी थे, इसलिए उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया. कहा गया कि उसका नाम काट दिया गया है. इसी कारण वह रोते-रोते बेहोश हो गई. गंगा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उस पर ड्रामा करने का भी आरोप लगाया है.

इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है. यदि मिलेगी तो वह इस मामले की जांच करा कर कार्रवाई कराएंगे.
- सुनील कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक

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एंकर- हाथरस जिले में एक स्कूल प्रबंधन ने पूरी फीस न मिलने पर एक छात्रा को घरेलू छमाही परीक्षा में नहीं बैठने दिया। जिस वजह से छात्रा की तबियत बिगड़ गई। छात्रा की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे।जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।


Body:वीओ1- हाथरस जिले के पोरा स्थित श्रीमती शीला देवी मुंशी लाल इंटर कॉलेज में पूजा नाम की छात्रा 12वीं क्लास में पढ़ती है। पिछले कुछ दिनों से वह बीमार थी तो स्कूल नहीं आ सकी थी। उसकी फीस भी पूरी जमा नहीं थी ।मंगलवार को शुरू हुई घरेलू छमाही परीक्षा देने के लिए जब वह स्कूल आई तो उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया ।उससे कहा गया कि उसका नाम कट गया है।इस पर छात्रा रोते-रोते बेहोश हो गई। जानकारी मिलने पर उसके परिजन उसे लेकर सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया अब उसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। बीमार छात्रा की बहन गंगा ने बताया कि उसकी बहन एक से डेढ़ घंटे तक स्कूल में बेहोश पड़ी रही लेकिन स्कूल वालों ने उसकी कोई सुध नहीं ली ।उसने बताया कि उसकी बहन की फीस के एक हजार रुपए देने बाकी थे इसलिए उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया ।कहा गया कि उसका नाम कट गया है तो वह रोते-रोते बेहोश हो गई। गंगा ने बताया कि स्कूल प्रबंधन ने उस पर ड्रामा करने का भी आरोप लगाया है ।जिला अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने एके सिंह ने बताया कि छात्रा सिकंदराराऊ से रैफर होकर आई है। इलाज चल रहा है स्थिति में सुधार भी हो रहा है।जिला विद्यालय निरीक्षक सुनील कुमारने कहा कि उन्हें इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है ।यदि मिलेगी तो वह इस मामले की जांच करा कर कार्यवाही कराएंगे।
बाईट1- गंगा -पीड़ित छात्रा की बहन
बाईट2-डा. एके सिंह -चिकित्सक जिला अस्पताल
बाईट3- सुनील कुमार- जिला विद्यालय निरीक्षक


Conclusion:वीओ2- इस मामले की वास्तविकता क्या है यह तो जांच पड़ताल के बाद ही पता चल सकेगा?

अतुल नारायण
9045400210
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