हाथरस : एक बेटी की चीखें आपकी रुह कंपा देगी. एक किसान पिता को महज इसलिए गोली मार दी गई क्योंकि वह एक बेटी का बाप था. क्योंकि वह अपनी बेटी की आबरु बचाना चाहता था. क्योंकि उसने बेटी के साथ छेड़खानी करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. अपने सिर से पिता का साया छीन जाने के बाद अब बेटी इंसाफ की भीख मांग रही है. हाथ जोड़ रही है. गिड़गिड़ा रही है.
सुन रहे हैं योगी जी. एक बेटी इंसाफ की भीख मांग रही है. वह चिल्ला-चिल्ला कर गुहार लगा रही है. उसका रोना सुनकर किसी का भी कलेजा फट जाए. इस सिस्टम का भी कलेजा फट जाना चाहिए. इस बेटी के पिता और 48 साल के किसान अपने खेत पर आलू की खुदाई कर रहे थे. तब उन्हें भी नहीं पता था कि मौत उनका इंतजार कर रही है. खेत पर ही एक गाड़ी में सवार कुछ लोग पहुंचे और फिर उन्होंने किसान पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी.
हाथरस जिले के सासनी कोतवाली इलाके का मामला है. गोली मारने के आरोपी गौरव शर्मा के खिलाफ साल 2018 में छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया गया था. इस मामले में आरोपी गौरव शर्मा जेल भी गया था. करीब एक महीने बाद वह जमानत पर बाहर आया. इसके बाद से ही दोनों परिवारों के बीच मनमुटाव चल रहा था. और फिर सोमवार को खेत में जाकर किसान को गोली मार दी गई.
आनन-फानन में घायल किसान को अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक वो दम तोड़ चुके थे. एक बेटी के सिर से बाप का साया उठ चुका था. पुलिस की नाकामी भी सामने आ चुकी थी. मामले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया और दोषियों के खिलाफ NSA लगाने के आदेश दिए. अब तक सुस्त रही पुलिस भी चुस्त हो गई और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
मामला सियासी तूल भी पकड़ चुका था. हत्यारोपी गौरव शर्मा समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. बेटी के आंसू से सियासी जमीन गीली हो चुकी थी. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया. हत्यारोपी गौरव शर्मा का समाजवादी पार्टी से कनेक्शन का खुलासा होते ही मामला सियासी रंग में रंग चुका था. जहां भाजपा ने समाजवादी पार्टी पर हमले बोलना शुरू कर दिया, वहीं समाजवादी पार्टी ने भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में जंगलराज होने का हवाला दिया.
इन सबके बीच मृतक के परिवार को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करा दी. यही काम अगर पुलिस ने पहले कर लिया होता तो आज एक बेटी के सिर से बाप का साया नहीं छीनता. अब बेटी के आंसुओं को इंसाफ का इंतजार है. जिस बेटी के कंधों ने अपने बाप की अर्थी को कांधा दिया है, उसे इंसाफ का इंतजार है. बस सबकी यही गुहार है कि इस बार कुछ ऐसा करें कि फिर किसी बिटिया के सिर से यूं उसके पिता का साया न छीन जाए. फिर कोई गौरव शर्मा ऐसी हिम्मत करने की जुर्रत नहीं कर सके.
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