हाथरसः जिले के कस्बा सहपऊ में कई सालों पहले फैली महामारी के चलते लोगों ने चैत्र की नवरात्र में रामलीला का मंचन करना शुरू कर दिया था. साथ ही महामारी रूपी रावण का भी दहन करते थे, तभी से यह सिलसिला लगातार चला आ रहा है. इस बार कोरोना वायरस माहामारी के चलते न तो रामलीला का मंचन किया गया और न ही दशमी को रावण का दहन होगा.
नहीं होगा दशमी को रावण का वध
कई साल पहले जिले से कस्बा सहपऊ में महामारी फैली थी, जिससे कई लोगों की जान गई थी. कस्बे के लोग कस्बा के बाहर हनुमान टीला पर आकर बस गए थे. बताया जाता है कि तब एक बुजुर्ग को सपना आया कि रामलीला का मंचन और रावण का वध करेंगे तो उन्हें इस महामारी से मुक्ति मिलेगी. लोगों ने उस समय ऐसा ही किया और तभी से यहां चैत्र की नवरात्रि में रामलीला का मंचन और दशमी को रावण दहन का सिलसिला चलता चला रहा है.
यहां अष्टमी, नवमी और दशमी को तीन दिन मेला भी लगता था, लेकिन इस बार कोरोना माहमारी के चलते न तो रामलीला का मंचन हुआ और न ही मेला लगा. वहीं न ही दशमी को रावण का वध होगा.
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