हाथरस: राजा महेंद्र प्रताप के प्रपौत्र चरत प्रताप हाथरस पहुंचे. कस्बा मुरसान पंहुचने पर लोगों ने फूल माला पहना कर उनका सम्मान किया. उन्होंने कस्बा मुरसान में अपने दादाजी की बेहाल पड़ी मूर्ति देखी और कहा कि ऐसा लगता है कि दादाजी कैद हैं. उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप के नाम से बन रहे विश्वविद्यालय में हाथरस के लोगों की सहभागिता हो, इसके लिए वह सार्थक प्रयास करेंगे.
हाथरस में राजा महेंद्र प्रताप के प्रपौत्र चरत प्रताप उत्तराखंड के देहरादून से हाथरस पहुंचे चरत प्रताप ने राजा महेंद्र प्रताप की बेहाल मूर्ति को देखकर आपत्ति जताई और कहा कि दादाजी की जहां भी मूर्ति लगाई जाए, उन्हें सम्मान मिले और सम्मानित जगह मिले. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यह मूर्ति अपने दादा महेंद्र प्रताप की तरह नहीं लग रही है. उन्हें स्थानीय लोगों से कहा कि वह जगह चुन लें तो वह एक अच्छे मूर्तिकार से दादाजी की मूर्ती बनवा कर स्थापित करा देंगे.
स्थानीय लोगों से बात करते हाथरस में राजा महेंद्र प्रताप के प्रपौत्र चरत प्रताप चरत प्रताप ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप के नाम से अलीगढ़ में बन रही यूनिवर्सिटी से हाथरस-मुरसान के लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले. उन्होंने कि रोजगार से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि पहले लोग पढ़ाई करें, जिससे उनका नजरिया बदलेगा. लोग पढ़ेंगे तो उनकी सीमाएं बढ़ेंगी.
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राजा के प्रपौत्र चरत प्रताप ने साफ किया कि 14 सितंबर का दिन दादा जी का था. किसको बुलाया, किसको खुश किया ये जरूरी नहीं था. दादाजी को खुश किया, इससे बड़ा सम्मान दादा जी को नहीं मिल सकता था. उन्होंने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि जो अच्छा काम करेगा, उसे जितना चाहिए. लोग चाहे कुछ भी कह रहे हों, लेकिन इतना तय है कि राजा महेंद्र प्रताप के वंशज उनके नाम से अलीगढ़ में बन रही यूनिवर्सिटी से बेहद खुश हैं.