हाथरस: कोरोना वायरस को मात देने के लिए घर से बाहर निकलना पूरी तरह से मना है. ऐसे में लोग घर में मन लगाने की तरह-तरह की तरकीब आजमा रहे हैं. इस महत्वपूर्ण समय को घर-परिवार के साथ बिताने के साथ ही सगे-सम्बन्धियों और इष्ट मित्रों से फोन या संदेशों के आदान-प्रदान के जरिये संपर्क में रहना भी एक अच्छा तरीका साबित हो सकता है. हाथरस जिले के शेल्टर होम्स में जाकर वहां रह रहे लोगों की मनोचिकित्सकों द्वारा काउंसलिंग की जाएगी.
आप घर में रहकर देश और समाज के लिए कर रहे हैं योगदान
क्लीनिकल मनोचिकित्सक रिंकी लाखरा का कहना है कि लॉकडाउन में लोगों की आमदनी और आजादी कम हो गयी है. लोगों के पास फालतू वक्त और असुरक्षा की भावना बढ़ गयी है, लिहाजा तनाव बढ़ना लाजमी है. हम इस तनाव को नजरिया बदलकर दूर कर सकते हैं. लॉकडाउन कोरोना का फैलाव रोकने के लिए जरूरी है. दूसरा, आप घर में रहकर देश समाज के लिए योगदान दे रहे हैं. तीसरा, यह अनंत काल की समस्या नहीं है. यह जल्द ही खत्म हो जाएगा.
मनोचिकित्सक से लें सलाह:
डॉ. मानिनी श्रीवास्तव | 8004430853 |
डॉ. रिंकी लाखरा | 7366096023, 7870195053 |
लॉकडाउन के कारण बाहर से आए लोगों को अपने घरों से अलग रहना पड़ रहा है. शेल्टर होम में समायोजन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे लोगों में मानसिक तनाव बढ़ रहा है. शेलटर होम्स में जाकर डॉ. मानिनी श्रीवास्तव और रिंकी लाखरा उनकी काउंसलिंग करेंगी. इससे साफ है की महकमा नहीं चाहता कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की परेशानी का सामना करे.