हाथरसः जिले के बहुचर्चित बिटिया कांड में मुख्य आरोपी संदीप का पॉलीग्राफ टेस्ट सामने आ गया है. जिसमें उसके झूठ का पर्दाफाश हो गया है. दरअसल वो घटना के वक्त मौके पर ही मौजूद था. उसने खुद के बचाव में जो भी पहले बयान दिये हैं, वो पॉलीग्राफ में गलत साबित हुये हैं.
पॉलीग्राफ टेस्ट में पकड़ाया झूठ आरोपी के खुद के बयान में अंतर सीबीआई ने चारों आरोपियों संदीप, रवि, रामू और लवकुश को गुजरात के गांधीनगर ले जाकर पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराये थे. जिसके रिपोर्ट से सामने आया है कि मुख्य आरोपी संदीप के अपने बचाव में दिए गए सभी बयान झूठे थे.
ये था मामला14 सितंबर को हाथरस की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. वहीं इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. चारों आरोपी अलीगढ़ जेल में बंद हैं. तभी से आरोप-प्रत्यारोप के बीच ये मामला सुर्खियों में है. सीबीआई ने 18 दिसंबर को इस मामले में हाथरस कोर्ट में चार्जशीट सौंपी थी. सीबीआई ने इस मामले के सभी आरोपियों के पॉलीग्राफ टेस्ट कराए थे. 4 जनवरी को सभी आरोपियों की कोर्ट में पेशी हुई थी. कोर्ट ने अगली तारीख 29 जनवरी की दी है.
संदीप से पॉलीग्राफ टेस्ट में पूछे गए अहम सवालपॉलीग्राफ टेस्ट में मुख्य आरोपी संदीप से कई अहम सवाल पूछे गए थे. जो इस तरह के थे. क्या घटना के दिन 14 सितंबर को वो उस खेत की निगरानी कर रहा था, जिस पर पीड़ित जा रही थी? क्या 14 सितंबर को वो पीड़ित के खेत में हुए जानलेवा हमले में शामिल था? क्या घटना के दिन छोटू के खेत में उसने पीड़िता को छुआ था? क्या उसने पीड़ित का गला दुपट्टा से दबाया था? पीड़िता के साथ उसके क्या रिश्ते थे? उसने इन सभी सवालों के जवाब पहले ना में दिये थे. लेकिन पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान जो भी सवाल पूछ गये थे उसका कोई भी जवाब टेस्ट की कसौटी पर खरा नहीं उतरा. इससे सीबीआई की जांच में ये सामने आया है कि संदीप घटना के वक्त मौके पर मौजूद था. उसके पहले के बयान और पॉलीग्राफ टेस्ट में दिये गये बयान मेल नहीं खाये. हालांकि मामला अभी कोर्ट में चल रहा है.