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हाथरस में साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक हैं मां भद्रकाली - यूपी की खबरें

उत्तर प्रदेश में हाथरस के कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. यहां एक मुस्लिम शख्स हर सोमवार को मां की सेवा करने आता है. मां और भक्त का यह रिश्ता सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है.

साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक हैं मां भद्रकाली.
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Published : Oct 3, 2019, 5:48 AM IST

हाथरस: मां और भक्तों का रिश्ता अनोखा होता है. ऐसा ही एक रिश्ता हाथरस के कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली के मंदिर में देखने को मिलता है. जहां एक मुस्लिम शख्स हर सोमवार को मां के दर्शन करने और सेवा करने आता है. मां और भक्त का यह रिश्ता सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मिसाल है.

जानकारी देते संवाददाता.

सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं मां
जिले कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. जहां देश-विदेश से लोग मां के दर्शन करने के लिए आते हैं. मान्यता है कि मां दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. सिर्फ हिंदू धर्म के ही लोग नहीं मुसलमान भी इस मंदिर में आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज में 'काली स्वांग' का हुआ आयोजन, मां ने दिया भक्तों को आशीर्वाद


हर सोमवार को दर्शन के लिए आते हैं नसरो खान
कस्बा सहपऊ के रहने वाले नसरो खान हर सोमवार को दर्शन करने मां के मंदिर आते हैं. नसरो खान ने बताया कि जब वह 6 महीने के थे, तब से उनका मां से गहरा नाता है. उन्होंने बताया कि वह बहुत ही कमजोर थे. उनकी दादी मां के दरबार में उन्हें लेकर आई थी. तब उन्होंने मां से कहा था कि या तो इस बच्चे की मिट्टी समेट ले या फिर इसे पूरी तरह से स्वस्थ कर दें.

मां ने पूरी की उनकी दादी की मुराद
उन्होंने बताया कि मां ने उनकी दादी की मुराद पूरी की और आज 70 साल की उम्र में वह मां के सामने खड़े हैं. यह सब मां की कृपा है. उन्होंने यह भी बताया कि वह नवदुर्गा में रोजाना मां के मंदिर आते हैं. उन्होंने कहा कि वह मां के भक्त हैं और मां उनकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं. उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनके कस्बे में मां भद्रकाली विराजमान है, जो लोगों की मुरादें पूरी करती हैं.

हाथरस: मां और भक्तों का रिश्ता अनोखा होता है. ऐसा ही एक रिश्ता हाथरस के कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली के मंदिर में देखने को मिलता है. जहां एक मुस्लिम शख्स हर सोमवार को मां के दर्शन करने और सेवा करने आता है. मां और भक्त का यह रिश्ता सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मिसाल है.

जानकारी देते संवाददाता.

सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं मां
जिले कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली का प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. जहां देश-विदेश से लोग मां के दर्शन करने के लिए आते हैं. मान्यता है कि मां दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. सिर्फ हिंदू धर्म के ही लोग नहीं मुसलमान भी इस मंदिर में आकर मां की पूजा अर्चना करते हैं.

ये भी पढ़ें- प्रयागराज में 'काली स्वांग' का हुआ आयोजन, मां ने दिया भक्तों को आशीर्वाद


हर सोमवार को दर्शन के लिए आते हैं नसरो खान
कस्बा सहपऊ के रहने वाले नसरो खान हर सोमवार को दर्शन करने मां के मंदिर आते हैं. नसरो खान ने बताया कि जब वह 6 महीने के थे, तब से उनका मां से गहरा नाता है. उन्होंने बताया कि वह बहुत ही कमजोर थे. उनकी दादी मां के दरबार में उन्हें लेकर आई थी. तब उन्होंने मां से कहा था कि या तो इस बच्चे की मिट्टी समेट ले या फिर इसे पूरी तरह से स्वस्थ कर दें.

मां ने पूरी की उनकी दादी की मुराद
उन्होंने बताया कि मां ने उनकी दादी की मुराद पूरी की और आज 70 साल की उम्र में वह मां के सामने खड़े हैं. यह सब मां की कृपा है. उन्होंने यह भी बताया कि वह नवदुर्गा में रोजाना मां के मंदिर आते हैं. उन्होंने कहा कि वह मां के भक्त हैं और मां उनकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं. उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनके कस्बे में मां भद्रकाली विराजमान है, जो लोगों की मुरादें पूरी करती हैं.

Intro:up_hat_02_maa_bhadrakali_symbolizes_communal_harmony_pkg_up10028 ओपननिंग पीटूसी- मां और भक्तों का रिश्ता अनोखा होता है। यह रिश्ता धर्म की सीमा पार करने पर और भी अनोखा हो जाता है। ऐसा ही रिश्ता हाथरस के कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली के मंदिर में देखने को मिलता है। जहां एक मुस्लिम शख्स हर सोमवार को मां की सेवा को आता है। मां और भक्त का यह रिश्ता सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता है।


Body:वीओ1- हाथरस के कस्बा सहपऊ में मां भद्रकाली का प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर है ।जिसमें देश-विदेश से लोग मां के दर्शन करने के लिए आते हैं।मान्यता है कि मां दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं।सिर्फ हिंदू धर्म के ही लोग नहीं मुसलमान भी इस मंदिर में आकर मां की सेवा पूजा व दर्शन करते हैं।कस्बा सहपऊ के रहने वाले नसरो खान हर सोमवार को दर्शन करने मां के मंदिर आते हैं ।नसरो खान ने ईटीवी को बताया कि जब वह 6 महीने के थे तब से उनका मां से गहरा नाता है। उन्होंने बताया कि वह बहुत ही कमजोर थे। उनकी दादी मां के दरबार में उन्हें लेकर आई थी। तब उन्होंने मां से कहा था कि या तो इस बच्चे की मिट्टी समेट ले या फिर इसे पूरी तरह से स्वस्थ कर दें। उन्होंने बताया कि मां ने उनकी दादी की मुराद पूरी की और आज 70 साल की उम्र में वह मां के सामने खड़े हैं। यह सब मां की कृपा है। उन्होंने यह भी बताया कि वह नवदुर्गा में रोजाना मां के पास आते हैं ।उन्होंने बताया कि वह मां के भक्त हैं।उन्होंने कहाकि मां उनकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं। उन्होंने खुशी जाहिर की कि उनके कस्बा में मां भद्रकाली विराजमान है जो लोगों की मुरादें पूरी करती हैं। बाईट-नसरो खान- मां भद्रकाली का भक्त


Conclusion:फाइनल पीटूसी- अपने भक्तों को स्वस्थ काया देना मां का यहां जीता जागता प्रमाण है। अतुल नारायण 9045400210
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