हाथरस: हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव देर रात उसके गांव पहुंचा और ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार करा दिया गया. हालांकि परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं थे, इसके बावजूद पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया. वहीं, पीड़िता के पिता का आरोप है कि दाह संस्कार के दौरान पुलिस ने उन्हें घर में बंद कर दिया था.
हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव देर रात चंदपा थाना क्षेत्र के गांव में पहुंचा. परिजनों ने प्रशासन से रात में दाह संस्कार नहीं करने की मिन्नतें की. पीड़िता की मां रो-रोकर गुहार लगाती रही, लेकिन प्रशासन नहीं माना. प्रशासन द्वारा परिजनों की बिना मर्जी के ही दाह संस्कार कर दिया गया. बताया जाता है कि पुलिस ने दाह संस्कार स्थल पर मृतका के परिजनों में से भी सबको नहीं आने दिया. पुलिस ने मीडिया को भी रोक दिया.
दुष्कर्म की शिकार हुई बेटी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार में सामान्य तौर पर भाग न ले पाने का गम पीड़िता के पिता को भी है. मृतका के पिता ओमप्रकाश ने बताया कि उनको पुलिस ने घर में बंद कर दिया था. वह अपनी बेटी का दाह संस्कार विधिवत नहीं कर सके, इसका उन्हें अफसोस है. उन्होंने यह भी कहा कि आज बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.
परिजनों के सहयोग और अनुमति से मृतका का अंतिम संस्कार करा दिया गया है. पूरे गांव और पूरे शहर में शांति व्यवस्था बनी हुई है, किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई है.
-प्रेम प्रकाश मीणा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट
क्या बोले जिलाधिकारी प्रवीण कुमार
मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी प्रवीण कुमार ने पत्रकारों के सवालों पर कहा कि मृतका के परिजनों द्वारा लगाए गए सारे आरोप गलत हैं. परिवारीजनों को समय दिया गया था. मृतका का अंतिम संस्कार परिजनों ने ही किया है.