हाथरस : बीते 12 नवंबर को हाथरस के जिला अस्पताल में बच्ची को जन्म देने वाली नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष भेजा गया है. जिला महिला अस्पताल की सीएमएस ने बताया है कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहें, इसलिए दोनों को बाल कल्याण अधिकारी के समक्ष भेजा जा रहा है. फिलहाल इन्हें वन स्टॉप सेंटर पर रखा गया है.
पेट में दर्द की शिकायत पर पहुंची थी अस्पताल
हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की किशोरी मथुरा में अपनी ननिहाल में रहकर दसवीं में पढ़ाई करती थी. वह करीब चार दिन पहले ननिहाल से अपने गांव आई थी. जहां उसकी तबियत खराब हो गई. जिस पर परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे. जहां पेट में दर्द होने की जानकारी दी. परिजन उसे अस्पताल के शौचालय में लेकर गए, जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया. इस बात की जानकारी अस्पताल के स्टाफ को हुई तो महिला अस्पताल से डॉक्टर को बुलाया गया. तब नवजात और उसकी मां को महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस मामले की जानकारी अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी. पुलिस ने वहां पहुंचकर पूछताछ की. पता चला कि किशोरी के ननिहाल में ही एक युवक से शारीरिक संबंध बन गए थे. उसे इस बात का अहसास भी नहीं था कि वह गर्भवती है.
मां और नवजात दोनों खतरे से बाहर
बुधवार को जच्चा -बच्चा को बाल कल्याण समिति के सामने लाया गया. इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है, तब तक के लिए इन्हें वन स्टॉप सेंटर पर रखा गया है. जिला महिला अस्पताल की अधीक्षक डॉ. शैली सिंह ने बताया कि बच्चे को एसएनसीयू में जबकि मां को लेबर रूम के वार्ड में भर्ती कराया गया था. मां को खून की भी काफी कमी हो गई थी. इस समय दोनों बेहतर स्थिति में हैं. जिला प्रोविजन अधिकारी सीमा मौर्य के निर्देश पर दोनों को सही सलामत स्थिति में महिला एवं बाल विकास सुरक्षा वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक ललित पालीवाल को सौंपा गया है. वहीं महिला एवं बाल विकास सुरक्षा वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक ललित पालीवाल ने बताया कि बाल कल्याण अधिकारी आगे की कार्रवाई तय करेंगे.
जिला प्रोविजन अधिकारी सीमा मौर्य ने बताया कि बाल कल्याण समिति जो प्रक्रिया है, करेगी. उसके बाद देखा जाएगा कि इनको कहां रखा जा सकता है.
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