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कोरोना का कहरः हाथरस में लॉकडाउन के बाद शुरू हुई राशन की काला बाजारी

उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. लॉकडाउन के बाद हाथरस में राशन की कालाबाजारी शुरू हो गई है. इस कालाबाजारी को लेकर मनाही के बाद भी लोगों की भीड़ राशन की दुकान पर जमा हुई.

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लॉक डाउन से राशन की काला बाजारी
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Published : Mar 24, 2020, 7:57 PM IST

हाथरसः पूरे देश में कोरोना कहर बरपा रहा है. प्रदेश के पड़ोसी जिले आगरा और अलीगढ़ में लॉकडाउन होने के बाद अब हाथरस में राशन की कालाबाजारी शुरू हो गई है. शासन और प्रशासन के निर्देश के बाद भी राशन की कालाबाजारी और अन्य सामानों पर महंगाई की मार ने लोगों के सब्र का बांध तोड़ दिया है. लोगों का आरोप है कि कलतक 250 रुपये में मिलने वाला आटे का कट्टा अब 300 रुपये और उससे अधिक का बिक रहा है. लोगों ने कहा कि भूखे रहने से बढ़िया है कि इकट्ठे मर जाएं.

राशन की कालाबाजारी का लोगों ने लगाया आरोप.

जिले के बगमूला चौराहे पर आटे की कालाबाजारी की सूचना पर जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो, लोगों की भीड़ वहां पहले से जमा थी. लोगों का आरोप है कि आटे की कालाबाजारी हो रही है. जब लोगों से कहा गया कि इकट्ठा होने से मना किया जा रहा है तो, फिर वह एक साथ क्यों जमा है ? इस पर लोगों का जवाब था कि भूखे रहने से अच्छा है कि हम सब एक साथ मर जाएं.

एक महिला ने सब्जी पर भी महंगाई होने की बात कही और कहा कि रोजगार बंद है ऐसे में महंगाई की मार से कैसे बच्चों के लिए राशन लाएं. लोगों की भीड़ जमा होते देख आरोपी दुकानदार अपनी दुकान बंद कर कर भाग गया. आटे पर कालाबाजारी की शिकायत करने वाली मुकेश ने बताया कि उसे कल तक तो 270 रुपये में मिलने वाला आटे का कट्टा आज 300 रुपये का दिया जा रहा है. मैं गरीब हूं, बच्चे भूखे बैठे हैं ऐसे में कहां से राशन लाऊं.

पढ़ें-यूपी के 51 मेडिकल कॉलेजों में स्थापित होंगे कोविड-19 अस्पताल

कन्हैया उपाध्याय ने कहा कि ऐसे में भूखे रहने से बढ़िया इकट्ठा मर जाएं. मिथिलेश ने कहा कि सब्जी भी महंगी हो रही है, गरीब आदमी क्या करें. जब कोरोना यहां आएगा तब यह आटा और सब्जी बेचने वाले क्या करेंगे. रोज कमा कर खाने वाले जब फैक्ट्री बंद है तो कहां से पैसा लाएं.

हाथरसः पूरे देश में कोरोना कहर बरपा रहा है. प्रदेश के पड़ोसी जिले आगरा और अलीगढ़ में लॉकडाउन होने के बाद अब हाथरस में राशन की कालाबाजारी शुरू हो गई है. शासन और प्रशासन के निर्देश के बाद भी राशन की कालाबाजारी और अन्य सामानों पर महंगाई की मार ने लोगों के सब्र का बांध तोड़ दिया है. लोगों का आरोप है कि कलतक 250 रुपये में मिलने वाला आटे का कट्टा अब 300 रुपये और उससे अधिक का बिक रहा है. लोगों ने कहा कि भूखे रहने से बढ़िया है कि इकट्ठे मर जाएं.

राशन की कालाबाजारी का लोगों ने लगाया आरोप.

जिले के बगमूला चौराहे पर आटे की कालाबाजारी की सूचना पर जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची तो, लोगों की भीड़ वहां पहले से जमा थी. लोगों का आरोप है कि आटे की कालाबाजारी हो रही है. जब लोगों से कहा गया कि इकट्ठा होने से मना किया जा रहा है तो, फिर वह एक साथ क्यों जमा है ? इस पर लोगों का जवाब था कि भूखे रहने से अच्छा है कि हम सब एक साथ मर जाएं.

एक महिला ने सब्जी पर भी महंगाई होने की बात कही और कहा कि रोजगार बंद है ऐसे में महंगाई की मार से कैसे बच्चों के लिए राशन लाएं. लोगों की भीड़ जमा होते देख आरोपी दुकानदार अपनी दुकान बंद कर कर भाग गया. आटे पर कालाबाजारी की शिकायत करने वाली मुकेश ने बताया कि उसे कल तक तो 270 रुपये में मिलने वाला आटे का कट्टा आज 300 रुपये का दिया जा रहा है. मैं गरीब हूं, बच्चे भूखे बैठे हैं ऐसे में कहां से राशन लाऊं.

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कन्हैया उपाध्याय ने कहा कि ऐसे में भूखे रहने से बढ़िया इकट्ठा मर जाएं. मिथिलेश ने कहा कि सब्जी भी महंगी हो रही है, गरीब आदमी क्या करें. जब कोरोना यहां आएगा तब यह आटा और सब्जी बेचने वाले क्या करेंगे. रोज कमा कर खाने वाले जब फैक्ट्री बंद है तो कहां से पैसा लाएं.

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