हाथरस: जिले की सादाबाद कोतवाली इलाके के एक गांव की करीब 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है. पीड़िता के पिता का आरोप है कि अलीगढ़ जिले के इगलास थाना क्षेत्र के एक गांव में पीड़िता से उसकी मौसी के ही बेटे ने 14 सितम्बर को दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद इलाज के दौरान बालिका ने दिल्ली में बीते रविवार को दम तोड़ दिया. अब पीड़िता के परिजन गांव में शव लाने के बाद उसे रात से ही खंदौली-बलदेव मार्ग पर रखकर जाम लगाए हुए हैं. नाराज परिजन इगलास एसएचओ को सस्पेंड करने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, पीड़िता की मां की मौत 18 जनवरी को हो गई थी. पीड़िता और उसकी बहन को मौसी अपने साथ अलीगढ़ जिले के इगलास थाना क्षेत्र में अपने गांव ले गई थी. बता दें कि पीड़िता के दो भाई उसके पिता के पास रहते हैं जबकि पीड़िता और उसकी बड़ी बहन अपनी मौसी के यहां रहती थी.
अलीगढ़ पुलिस का कहना है कि उन्हें यह सूचना मिली थी कि एक गांव में लड़की को भूखा प्यासा रखा जा रहा है. इस सूचना पर पुलिस और बाल संरक्षण आयोग के लोगों ने बच्ची का रेस्क्यू किया. इसके बाद उसे 17 सितंबर को अलीगढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके साथ ही लड़की के पिता को भी सूचना दे दी गई. अलीगढ़ जिला अस्पताल में लड़की की हालत बिगड़ने पर उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. वहां से उसे 4 अक्टूबर को दिल्ली रेफर कर दिया गया, जहां उसी रात इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई.
इस मामले में पीड़िता के पिता का आरोप है कि मौसी के यहां बच्ची को भूखा रखा गया. उसके बेटे ने वहां मासूम के साथ दरिंदगी की. सीओ इगलास ने बताया कि पिता द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर आरोपी किशोर को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया गया है, जहां से उसे बाल संरक्षण केंद्र भेज दिया गया है.
बच्ची की मौत के बाद उसके पिता बच्ची के शव को अपने गांव ले आए, जहां नाराज गांव वालों ने शव को खंदोली-बलदेव मार्ग पर रखकर जाम लगा दी है. पीड़िता के पिता का कहना है कि इगलास थाने के एसएचओ ने यदि समय से सुनवाई कर ली होती तो उसके साथ ऐसा ना होता. उन्होंने एसएचओ को निलंबित करने की मांग की है. इसके साथ ही वह अपनी दूसरी बड़ी बेटी को भी मौसी के चंगुल से छुड़ाने की भी मांग रखी है.
सादाबाद के सीओ ब्रह्मदेव ने बताया रात को प्रदर्शन स्थल पर अलीगढ़ के एडिशनल एसपी भी मौजूद थे. सीओ ब्रह्मदेव ने जानकारी दी कि एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन लोग अभी रोड से हटने को तैयार नहीं है.