हाथरस: कोरोना की दूसरी लहर के बीच जिले की एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लोगों को समझाने के लिए एक गीत बनाया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता क्षेत्र में इस गीत के जरिए लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने में जुटी हैं. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेनू रावत ने इस गीत में कोरोना की हकीकत बयां करने के साथ ही इसका मार्मिक दृश्य भी खींचा है.
लोगों को समझाने के लिए लिया गीता सहारा
जिले की सासनी ब्लॉक के गांव दयानतपुर में तैनात रेनू रावत शुरुआत से ही कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं. वह हमेशा से ही लोगों को इसके बारे में सावधान करती आ रही हैं. कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों को समझाने के लिए उन्होंने एक गीत का सहारा लिया, जिसके माध्यम से वह अपनी टीम के साथ लोगों को सावधान करने में लगी हुई हैं.
गीत में मार्मिक दृश्य खींचा गया है
रेनू रावत ने इस गीत के माध्यम से लोगों को इस मनुष्य जीवन को सुरक्षित रखने के लिए समझाने की कोशिश की है कि 'यह मानस जनम फिर मिले ना मिले, तू इसको बचा ले मेरे लाडले'. गीत से उन्होंने साबुन से हाथ धोने, दो गज की दूरी बनाए रखने और घर में रहने का संदेश भी दिया है. अपने इस गीत में रेनू रावत ने एक मार्मिक दृश्य खींचते हुए संदेश दिया है कि 'चार कंधे तेरे साथ में लगते थे, अब कोई पास में ना आए मेरे लाडले'.
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घर-घर जाकर कर रही है लोगों को जागरूक
उन्होंने बताया कि इस गाने को उन्होंने अपने प्रयासों से बनाया है. गांव के लोगों को जागरूक करने के लिए इसे बनाया है. उन्होंने बताया कि वह घर-घर जाकर ग्रामीणों को जागरूक करने का काम कर रही हैं. गांव की निगरानी समिति भी उनका इसमें सहयोग करती है. रेनू रावत ने बताया कि हम लोग सभी को समझा रहे हैं कि अपने घरों में ही रहें, अगर किसी आवश्यक कार्य से निकल रहे हैं, तो मास्क लगाकर ही निकलें. साबुन से हाथ धोएं या सैनिटाइजर का प्रयोग करें.