हरदोई: जिले में आम लोग भी अब निराश्रित पशुओं को पशु आश्रय स्थलों से लेकर उनका पालन कर सकेंगे. इसके लिए शासन से आए निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. इस योजना के तहत सभी पशु आश्रय स्थलों से गोपालक गोवंश को लेकर उन्हें पाल सकेंगे. एक गोपालक 4 गोवंश को पाल सकेगा, इसके लिए सरकार की ओर से एक पशु का गोपालकों को 9 सौ रुपये महीने दिया जाएगा.
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निराश्रित पशुओं को मिलेगा गोपालकों का सहारा-
- जिले में सरकार की निःशुल्क बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
- इसके तहत प्रेक्षा ग्रह में पशु चिकित्सा अधिकारियों, ग्राम पंचायत अधिकारियों व लेखपालों की मीटिंग की गई.
- इस मीटिंग में सभी को मुख्य विकास अधिकारी ने जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं.
- इस योजना के अंतर्गत जिले में वर्तमान समय में संचालित 74 पशु आश्रय स्थलों से अब गोपालक गायों को पालने के लिए निशुल्क गाय ले सकेंगे.
- प्रत्येक गोपालक 4 निराश्रित गोवंश से ज्यादा नहीं पाल सकेंगे, इसके लिए उन्हें एक प्रमाण पत्र लिख कर देना होगा.
- इन सभी गोवंश के चारे का खर्चा सरकार उठाएगी और प्रत्येक गोवंश पर 30 रुपये रोजाना यानी 9 सौ प्रतिमाह सरकार गोपालक को देगी.
सरकार की इस योजना से गोपालकों को मुफ्त में गाय पालने के लिए मिलेगी और सरकार चारे का रुपया देकर उन्हें प्रोत्साहित करेगी. पशु आश्रय स्थलों से गोवंश की संख्या कम होगी. इससे किसानों और आम लोगों को तो राहत मिलेगी ही साथ ही साथ दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. प्रशासन ने जिले में नए पशु आश्रय स्थल बनवाने के लिए जोर-शोर से कवायद शुरू कर दी है और इसके लिए सभी न्याय पंचायतों में जमीन का चिन्हांकन किया जा रहा है. जिले में मौजूद 191 न्याय पंचायतों में सभी जगह पशु आश्रय स्थल बनवाये जा सकें.
सरकार की निःशुल्क बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के तहत बैठक की गई. इस योजना के तहत अब निराश्रित गोवंश को पालने के लिए गोपालक पशु आश्रय स्थल से गौवंश को ले सकेंगे और सरकार 30 रुपये प्रति गोवंश के हिसाब से गोपालक को देगी. प्रत्येक गोपालक 4 गोवंश से अधिक नहीं पाल सकेंगे और उन्हें यह लिख कर देना होगा. वह इन गौवंश की सेवा करेंगे. न्याय पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थलों के लिए जमीनों का चिन्हांकन का कार्य शुरू कर दिया गया है. जल्द ही पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जाएगा.
-निधि गुप्ता वत्स, मुख्य विकास अधिकारी, हरदोई