हरदोई: जिले में आज भी तमाम ऐसे ग्रामीण क्षेत्र मौजूद हैं, जो विकास से कोसों दूर हैं. शहर से सटे हुए ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं, जो जिला मुख्यालय से महज डेढ़ या दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ये तस्वीरें है जिले के आशा नगर देहात की, जहां के 2 हजार से अधिक लोग करीब 10 वर्षों से जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं. यहां व्याप्त जलभराव सिर्फ सड़कों व गलियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इलाके में बने घर भी अब पानी की जद में आ चुके हैं. यहां जल भराव इस कदर व्याप्त है कि यहां का नजारा किसी तालाब से कम नहीं प्रतीत होता. यहां रहने वाले लोग इसी तालाब के बीच से होकर आवागमन करते हैं, जिस वजह से स्थानीय लोगों को तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत की टीम ने जब यहां का जायजा लिया तो हालात चौकाने वाले मिले. यहां व्याप्त जल भराव सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि लोगों के घरों तक पहुंच चुका है. स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत से बताया कि वे समस्या को लेकर प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक सभी को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके की स्थिति आज के समय में ऐसी है कि लोगों के घर पानी के बीच में तैरते हुए नजर आते हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि 10 वर्षों से अधिक यहां जल भराव की समस्या है. उन्होंने कहा कि गंदे पानी से निकलने पर कीड़े और सांप आदि के काटने की आशंका बनी रहती है. इतना ही नहीं लोगों ने बताया कि घरों में पानी भरने से घर कमजोर हो रहा है, जिससे कभी भी लोगों के घर ढह कर गिर सकते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है. फिर मजबूरन उन्हें यहां से पलायन करना पड़ता है. कई बार इसकी लिखित शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
इस मामले पर सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने जानकारी दी कि आशानगर की ये समस्या लंबे समय से बरकरार है. इसको लेकर नगर पालिका हरदोई को आदेशित किया गया है कि नगर पालिका के जिम्मेदार नगर क्षेत्र और इससे जुड़े हुए क्षेत्रों में व्याप्त जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए जल्द से जल्द एक कार्ययोजना तैयार करें. उन्होंने भविष्य में समस्या का समाधान किये जाने का आश्वासन दिया.