हरदोई: जिले के अहिरोरी ब्लॉक के बीच से होकर निकली सई नदी बर्रा डाल सिंह गांव को छू कर निकली है. हरदोई लखनऊ राजमार्ग से इस गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच में यह नदी पड़ती है, लेकिन कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां पुल नहीं बनाया जा सका है. सरकारों के तमाम जनप्रतिनिधियों ने यहां आकर इस पुल को बनवाये जाने को लेकर दावे-वादे जरूर किये, लेकिन ये दावे अभी तक महज दिखावटी साबित हुई हैं.
गांव वालों ने बनाया काम चलाऊ लकड़ी का पुल
इसका प्रमाण यहां नदी के ऊपर गांव वालों द्वारा बनाया गया ये काम चलाऊ लकड़ी का पुल है. गांव वालों ने अपने निजी खर्च और प्रयासों से करीब 60 मीटर लम्बे इस पुल को बनाया है. इसे बनाने के लिए गांव वालों ने लकड़ी के बांस का ट्रैक तैयार कर उसे बालू की बोरियों के ऊपर टिका रखा है, ताकि गांव के लोगों के लिए आवागमन ठप न हो.
किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगा जाता है यह पुल
इस पुल के ऊपर से सिर्फ दो पहिया वाहन और साइकिल ही गुजर सकती है. अगर गांव में कोई आगजनी और बड़ा हादसा हो जाए, तो अग्निशमन की गाड़ियां, एम्बुलेंस और अन्य चौपहिया वाहन प्रवेश नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये पुल बेहद कमजोर है. हालत ये है कि यह पुल बाइक और साइकिल ही नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगाने लगता है. ऐसे में यह कमजोर पुल कभी भी क्षतिग्रस्त होकर किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है. बावजूद इसके मौजूदा सरकार और जिला प्रशासन के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.
ग्रामीणों ने बयां की दर्द
जब ग्रामीणों से बात की गई तो कैमरे के सामने आते ही उनका दर्द छलक उठा और हो रही समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया. किसी ने इसके कभी भी टूटने की आशंका व्यक्त करते हुए इसे खतरे का पुल बताया, तो किसी ने सरकारों पर आरोप लगाते हुए उन्हें दोषी ठहराया. वहीं स्थानीय बच्चों ने बताया कि नदी में बाढ़ आने के बाद ये पुल अपना अस्तित्व खो देता है, तो स्कूल जाने वाले बच्चे भी डर के कारण इस पुल के ऊपर से गुजरना नहीं चाहते.
अधिशासी अभियंता इरिगेशन को इस संबंध में सूचित किया गया है. बजट आते ही इस पुल का निर्माण कराया जाएगा.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट