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सरकार और जनप्रतिनिधियों से टूटी उम्मीद, ग्रामीणों ने खुद बना डाला नदी पर ऐसा पुल

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में कई दशकों से सरकार की बेरुखी से परेशान ग्रामीणों ने नदी के ऊपर खुद ही लकड़ी का पुल तैयार कर डाला. हालांकि यह पुल बेहद कमजोर है, कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

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ग्रामीणों ने बनाया लकड़ी का पुल.
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Published : Dec 9, 2019, 8:37 PM IST

हरदोई: जिले के अहिरोरी ब्लॉक के बीच से होकर निकली सई नदी बर्रा डाल सिंह गांव को छू कर निकली है. हरदोई लखनऊ राजमार्ग से इस गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच में यह नदी पड़ती है, लेकिन कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां पुल नहीं बनाया जा सका है. सरकारों के तमाम जनप्रतिनिधियों ने यहां आकर इस पुल को बनवाये जाने को लेकर दावे-वादे जरूर किये, लेकिन ये दावे अभी तक महज दिखावटी साबित हुई हैं.

ग्रामीणों ने खुद ही तैयार किया लकड़ी का पुल.

गांव वालों ने बनाया काम चलाऊ लकड़ी का पुल
इसका प्रमाण यहां नदी के ऊपर गांव वालों द्वारा बनाया गया ये काम चलाऊ लकड़ी का पुल है. गांव वालों ने अपने निजी खर्च और प्रयासों से करीब 60 मीटर लम्बे इस पुल को बनाया है. इसे बनाने के लिए गांव वालों ने लकड़ी के बांस का ट्रैक तैयार कर उसे बालू की बोरियों के ऊपर टिका रखा है, ताकि गांव के लोगों के लिए आवागमन ठप न हो.

किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगा जाता है यह पुल
इस पुल के ऊपर से सिर्फ दो पहिया वाहन और साइकिल ही गुजर सकती है. अगर गांव में कोई आगजनी और बड़ा हादसा हो जाए, तो अग्निशमन की गाड़ियां, एम्बुलेंस और अन्य चौपहिया वाहन प्रवेश नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये पुल बेहद कमजोर है. हालत ये है कि यह पुल बाइक और साइकिल ही नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगाने लगता है. ऐसे में यह कमजोर पुल कभी भी क्षतिग्रस्त होकर किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है. बावजूद इसके मौजूदा सरकार और जिला प्रशासन के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

ग्रामीणों ने बयां की दर्द
जब ग्रामीणों से बात की गई तो कैमरे के सामने आते ही उनका दर्द छलक उठा और हो रही समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया. किसी ने इसके कभी भी टूटने की आशंका व्यक्त करते हुए इसे खतरे का पुल बताया, तो किसी ने सरकारों पर आरोप लगाते हुए उन्हें दोषी ठहराया. वहीं स्थानीय बच्चों ने बताया कि नदी में बाढ़ आने के बाद ये पुल अपना अस्तित्व खो देता है, तो स्कूल जाने वाले बच्चे भी डर के कारण इस पुल के ऊपर से गुजरना नहीं चाहते.

अधिशासी अभियंता इरिगेशन को इस संबंध में सूचित किया गया है. बजट आते ही इस पुल का निर्माण कराया जाएगा.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

हरदोई: जिले के अहिरोरी ब्लॉक के बीच से होकर निकली सई नदी बर्रा डाल सिंह गांव को छू कर निकली है. हरदोई लखनऊ राजमार्ग से इस गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच में यह नदी पड़ती है, लेकिन कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां पुल नहीं बनाया जा सका है. सरकारों के तमाम जनप्रतिनिधियों ने यहां आकर इस पुल को बनवाये जाने को लेकर दावे-वादे जरूर किये, लेकिन ये दावे अभी तक महज दिखावटी साबित हुई हैं.

ग्रामीणों ने खुद ही तैयार किया लकड़ी का पुल.

गांव वालों ने बनाया काम चलाऊ लकड़ी का पुल
इसका प्रमाण यहां नदी के ऊपर गांव वालों द्वारा बनाया गया ये काम चलाऊ लकड़ी का पुल है. गांव वालों ने अपने निजी खर्च और प्रयासों से करीब 60 मीटर लम्बे इस पुल को बनाया है. इसे बनाने के लिए गांव वालों ने लकड़ी के बांस का ट्रैक तैयार कर उसे बालू की बोरियों के ऊपर टिका रखा है, ताकि गांव के लोगों के लिए आवागमन ठप न हो.

किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगा जाता है यह पुल
इस पुल के ऊपर से सिर्फ दो पहिया वाहन और साइकिल ही गुजर सकती है. अगर गांव में कोई आगजनी और बड़ा हादसा हो जाए, तो अग्निशमन की गाड़ियां, एम्बुलेंस और अन्य चौपहिया वाहन प्रवेश नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये पुल बेहद कमजोर है. हालत ये है कि यह पुल बाइक और साइकिल ही नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगाने लगता है. ऐसे में यह कमजोर पुल कभी भी क्षतिग्रस्त होकर किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है. बावजूद इसके मौजूदा सरकार और जिला प्रशासन के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

ग्रामीणों ने बयां की दर्द
जब ग्रामीणों से बात की गई तो कैमरे के सामने आते ही उनका दर्द छलक उठा और हो रही समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया. किसी ने इसके कभी भी टूटने की आशंका व्यक्त करते हुए इसे खतरे का पुल बताया, तो किसी ने सरकारों पर आरोप लगाते हुए उन्हें दोषी ठहराया. वहीं स्थानीय बच्चों ने बताया कि नदी में बाढ़ आने के बाद ये पुल अपना अस्तित्व खो देता है, तो स्कूल जाने वाले बच्चे भी डर के कारण इस पुल के ऊपर से गुजरना नहीं चाहते.

अधिशासी अभियंता इरिगेशन को इस संबंध में सूचित किया गया है. बजट आते ही इस पुल का निर्माण कराया जाएगा.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिले में आज भी तमाम ऐसी समस्याएं एक बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं जिनसे एक या दो नहीं बल्कि हज़ारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।ये समस्याएं किस एक सरकार के कार्यकाल में नहीं पैदा हुईं बल्कि कई दशकों से इनको चुनावी मुद्दा बनाया जाता रहा है,लेकिन इनका समाधान किसी भी सरकार ने नहीं करवा पाया।तो आज भी हम एक ऐसे ही मुद्दे से आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं।ये समस्या है जिले के अहिरोरी ब्लॉक से गुजरी सई नदी के ऊपर बनाये जाने वाले पुल की।जिसे आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के जिम्मेदार ने बनवाने की जहमत नहीं उठाई।तो ग्रामीणों ने अपने निजी प्रयासों से एक वैकल्पिक लकड़ी के पुल को बना कर खड़ा कर दिया है।तो ये पुल कभी भी क्षतिग्रस्त होकर कोसी बड़े हादसे को दावत भी दे सकता है।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के बीच से होकर निकली सई नदी इस ब्लॉक के बर्रा डाल सिंह गांव को छू कर निकली है।तो हरदोई लखनऊ राजमार्ग से इस गांव को जाने वाले मुख्य मार्ग के बीच मे ये नदी पड़ती है।तो लाज़मी से बात है कि गांव के अंदर जाने के लिए इस नदी के ऊपर एक पक्का पुल भी होना चाहिए।तो आज कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां पुल नहीं बनाया जा सका।हालांकि तमाम सरकारों के जन प्रतिनिधियों ने यहां आकर इस पुल को बनवाये जाने को लेकर दावे वादे जरूर किये, लेकिन ये दावे महज दिखावटी साबित हो रहे हैं।इसका प्रमाण यहां नफी के ऊपर गांव वालों द्वारा बनाया गया ये काम चलाऊ लकड़ी का पुल है।गांव वालों ने अपने निजी खर्च व प्रयासों से करीब 60 मीटर लम्बे इस पुल को बनाया है।इसे बनाने के लिए गांव वालों ने लकड़ी के बांस का ट्रैक तकीयर कर उसे बालू की बोरियों के ऊपर टिका रखा है।जिससे कि गांव को आने वाला मुख्य मार्ग चलता है और आवागमन ठप न हो।इस पुल के ऊपर से सिर्फ दो पहिया वाहन व साइकिल ही गुजर सकती है।अगर गांव में कोई आगजनी व बड़ा हादसा हो जाये तो अग्नि शमन की गाड़ियां और एम्बुलेंस व अन्य चौपहिया वाहन नहीं प्रवेश कर सकते हैं।इतना ही नहीं ये पुल बेहद कमजोर है और बाइक व साइकिल ही नहीं किसी व्यक्ति के गुजरने पर भी डगमगा जाता है।ऐसे में ये कमजोर पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है।लेकिन मौजूदा सरकार व जिला प्रशासन के जिम्मेदार इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे और बेसुध हुए पड़े हैं।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--इस मामले की जानकारी सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार ने दी।कहा कि अधिशासी अभियंता इर्रिगेशन को इस संबंध में सूचित करता गया है।बजट आते ही इस पुल का निर्माण कराया जाएगा।दशकों से विकास की राह ताक रहा ये सई नदी पुल भविष्य में विकसित हो पाएगा या ग्रामीणों के लिए खतरे का सबब बना रहेगा ये एक बड़ा सवाल जरूर बना हुआ है।

बाईट--गजेंद्र कुमार--सिटी मजिस्ट्रेट हरदोई

वीओ--3--इस समस्या को लेकर जब ईटीवी की टीम ने ग्रामीणों से बात की तो कैमरे के सामने आते ही उनका दर्द छलक उठा और उन्होंने हो रही समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया।किसी ने इसके कभी भी टूटने की आशंका व्यक्त करते हुए इसे खतरे का पुल बताया।तो किसी ने सरकारों पर आरोप लगाते हुए उन्हें दोषी ठहराया।वहीं स्थानीय बच्चों ने बताया की नदी में बाढ़ आने के बाद ये पुल अपना अस्तित्व खो देता है।तो स्कूल जाने वाले बच्चे भी डर के कारण इस पुल के ऊपर से गुजरना नहीं चाहते।

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