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हरदोई: सरकारी योजनाओं से आखिर क्यों वंचित रह गए ये पांच सौ परिवार

उत्तर प्रदेश के हरदोई में सरकारी योजनाओं का लाभ बंजारन पुरवा गांव के लोगों को नहीं मिल रहा. इस गांव में पांच से छह सौ परिवार आज भी कच्चे मकान में रहते हैं. ग्रामीणों को न तो सरकारी आवास मिले और न ही शौचालय बनवाए गए.

हरदोई सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार.
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Published : Aug 16, 2019, 10:54 PM IST

हरदोई: जिले में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को न तो आवास योजना का लाभ मिला और न ही अन्य योजनाओं का. जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर मौजूद बंजारन पुरवा गांव में छह सौ परिवार आज भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं. गांव में न तो शौचालय है और न ही रहने के लिए पक्के मकान.

मामले की जानकारी देते सिटी मजिस्ट्रेट.

नहीं मिला सरकारी योजना का लाभ

  • जिले में बंजारन पुरवा गांव विगत 20 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
  • इस गांव में करीब पांच से छह सौ परिवार रहते हैं.
  • इन परिवारों को आज तक किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका.
  • सरकार द्वारा शौचालय उपलब्ध कराए जाने की मुहिम की भी पोल खुल गई.
  • यहां न तो किसी को आवास मिला है और न ही शौचालय बने हैं.
  • उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीणों को गैस सिलेंडर भी नहीं मिले हैं.

पढ़ें- हरदोई: पर्यावरण चौक देगा जिले को नई पहचान, आम जनता को किया गया भेंट

सिटी मजिस्ट्रेट को मामले से कराया गया अवगत

  • ग्रामीणों ने प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सरकारी योजनाएं हम तक नहीं पहुंचाते.
  • ग्रामीणों ने सरकार से इन योजनाओं का लाभ दिलाये जाने की गुहार लगाई है.
  • वहीं इस मामले की विधिवत जानकारी से सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार ने अवगत कराया गया.
  • सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि ग्रामीणों की पात्रता की जांच कराकर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.

हरदोई: जिले में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों को न तो आवास योजना का लाभ मिला और न ही अन्य योजनाओं का. जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर दूर मौजूद बंजारन पुरवा गांव में छह सौ परिवार आज भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं. गांव में न तो शौचालय है और न ही रहने के लिए पक्के मकान.

मामले की जानकारी देते सिटी मजिस्ट्रेट.

नहीं मिला सरकारी योजना का लाभ

  • जिले में बंजारन पुरवा गांव विगत 20 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
  • इस गांव में करीब पांच से छह सौ परिवार रहते हैं.
  • इन परिवारों को आज तक किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका.
  • सरकार द्वारा शौचालय उपलब्ध कराए जाने की मुहिम की भी पोल खुल गई.
  • यहां न तो किसी को आवास मिला है और न ही शौचालय बने हैं.
  • उज्ज्वला योजना के तहत ग्रामीणों को गैस सिलेंडर भी नहीं मिले हैं.

पढ़ें- हरदोई: पर्यावरण चौक देगा जिले को नई पहचान, आम जनता को किया गया भेंट

सिटी मजिस्ट्रेट को मामले से कराया गया अवगत

  • ग्रामीणों ने प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सरकारी योजनाएं हम तक नहीं पहुंचाते.
  • ग्रामीणों ने सरकार से इन योजनाओं का लाभ दिलाये जाने की गुहार लगाई है.
  • वहीं इस मामले की विधिवत जानकारी से सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार ने अवगत कराया गया.
  • सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि ग्रामीणों की पात्रता की जांच कराकर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा.
Intro:आकाश शुक्ला हरदोई।9919941250

एंकर----हरदोई जिले में आज भी हज़ारों ऐसे लोग मौजूद हैं जिन्हें न ही तो अवाईय योजनाओं का सुख मिला है और न ही शौचालय और गैस सिलेंडर का लाभ।आज भी ईटीवी की टीम ने एक ऐसे ही गांव का जायजा लिया और यहां की जीरो ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की।ये जिला मुख्यालय से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद बंजारन पुरवा गांव है।यहां के 5 से 6 सौ परिवार आज भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं।खुले में शौच करने को मजबूर हैं और चूल्हे पर खाना बनाते हैं।स्थानीय ग्राम प्रधान से पटरी न खाने और विरोध चलने का आरोप।ग्रामीणों ने कहा कि प्रधान विरोधी है इसी वजह से ये प्रतारणाएं हमे झेपनी पड़ रही हैं।आइए जानते हैं कि और किस तरह की समस्याएं इनकी गरीबी के आड़े आ रही हैं।



Body:वीओ--1--हरदोई जिले में आशा ग्राम सभा का मजरा बंजारन पुरवा आज विगत 20 वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।इस गांव में करीब 5 से 6 सौ परिवार रहते हैं।जिन्हें आज तक किसी भी सरकारी योजनाओं का सुख नहीं मिल सका।ये ग्रामीण अब इतने बेबस हो चुके हैं,की इन्होंने इन कार्यदायी योजनाओं का लाभ पाने की आस भी छोड़ दी है।एक तरफ सरकार गांवों को ओडीएफ करने और बेघरों को घर दिए जाने का डंका बजा रही है।तो इन बेबस गरीब परिवारों के लोगों की आवाज़ और पीड़ा की आवाज़ अब दब गई है और किसी के कानों तक नहीं पहुंच रही है।यहां न ही तो किसी को आवास मिला है और न ही शौंचालय।वहीं बरसात के मौसम में इन ग्रामीणों के कच्चे घर भी अब गिरने की कगार पर हैं।कुछ एक के मकान तो ढह भी चुके हैं।अधिकांश लोग अब सड़क पर तिरपाल और पन्नी का घर बना कर गुजर बसर कर रहे हैं।वहीं शौचालय मुहैया कराए जाने की मुहिम की जमीनी हकीकत की भी यहां पोल खुल गयी।यहां एक या दो को छोड़ और किसी को भी शौचालय नहीं मिल सका है।जिस वजह से आज भी इस गांव की युवतियां व महिलाएं खुले में शौंच करने जाती हैं।इसके बाद बात आती है उज्ज्वला योजना की, तो इस योजना का भी सुख इन गरीब परिवारों को नहीं मिल सका है।यहां की स्थिति दिन प्रति दिन दयनीय होती जा रही है।वहीं यहां के लोगों ने बात करने पर उन्होंने दबी जुबानी प्रधान पर आरोप लगाया कि प्रधान हमसे दुश्मनी मानता है।यही कारण है कि आज हम सब इन सभी समस्याओं से जूझ रहे हैं।वैमरे कि सामने आते ही ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा सुनाई और सरकार से इन योजनाओं का लाभ दिलाये जाने की गुहार लगाई।सुनिए उन्ही की जुबानी।

बाईट--1--सलीम--वृद्ध ग्रामीण
बाईट--2--रश्मी--ग्रामीण
बाईट--3--रेशमा--ग्रामीण

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--वहीं इस मामले की विधिवत जानकारी से सिटी मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार ने अवगत कराया।कहा कि ग्रामीणों की पात्रता अपात्रता की जांच कराकर उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।

बाईट--गजेंद्र कुमार--सिटी मजिस्ट्रेट हरदोई


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