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हरदोईः आजादी के बाद भी आजादी की बाट जोह रहा आजाद नगर - खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर

उत्तर प्रदेश के हरदोई का आजाद नगर कस्बा आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस इलाके में न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था है और न ही कूड़ा फेंकने के लिए कोई निश्चित स्थान. वहीं जिला प्रशासन इस समस्या को लेकर चुप्पी साधे हुए है.

खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर
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Published : Aug 21, 2019, 11:49 PM IST

हरदोईः आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी बहुत से क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव तो गांव शहर के मोहल्ले में भी लोगों के लिए विकास एक सपना सा बनकर रह गया है. वैसे तो जिम्मेदारों द्वारा विकास के बहुत से दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इन दावों और वादों की पोल खोल रही है. जिले का आज़ाद नगर आज भी विकास की राह से कोसों दूर है.

आजाद नगर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित.
खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर-
जिले के शहरी इलाकों में से सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र आज़ाद नगर है, जहां आज भी ये इलाका अविकसित है. यहां तमाम स्कूल और कोचिंग सेंटर मौजूद हैं. लेकिन आज भी इस इलाके में न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था है और न ही कूड़ा फेंकने के लिए कोई निश्चित स्थान. कूड़ा डालने के लिए लोगों ने खाली प्लॉट को ही कूड़ाघर बना दिया है.

सड़कें तालाब में तब्दील-
वहीं इस बार हुई मूसलाधार बारिश में यहां की सड़कें एक बार फिर तालाब में तब्दील हो गई हैं. ये पानी सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं है बल्कि लोगों की दुकानों और घरों में भी जाने लगा है. लेकिन जिला प्रशासन इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है.

ये इलाका वैसे तो ग्राम पंचायत में आता है लेकिन शहर के बीच में है और एक शहरी बस्ती में तब्दील हो चुका है. पूर्व में यहां के ग्राम पंचायत के खाते में तमाम अनियमितताएं पाए जाने पर खाते को सीज कर दिया गया था. यहां ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जल्द ही काम कराया जाएगा. साथ ही प्लॉटों में लगे कूड़े को हटवाकर पक्के कूड़ाघरों का निर्माण कराया जाएगा.
पुलकित खरे, डीएम

हरदोईः आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी बहुत से क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव तो गांव शहर के मोहल्ले में भी लोगों के लिए विकास एक सपना सा बनकर रह गया है. वैसे तो जिम्मेदारों द्वारा विकास के बहुत से दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इन दावों और वादों की पोल खोल रही है. जिले का आज़ाद नगर आज भी विकास की राह से कोसों दूर है.

आजाद नगर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित.
खाली प्लॉट बन गए कूड़ाघर-
जिले के शहरी इलाकों में से सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला क्षेत्र आज़ाद नगर है, जहां आज भी ये इलाका अविकसित है. यहां तमाम स्कूल और कोचिंग सेंटर मौजूद हैं. लेकिन आज भी इस इलाके में न ही जल निकासी की कोई व्यवस्था है और न ही कूड़ा फेंकने के लिए कोई निश्चित स्थान. कूड़ा डालने के लिए लोगों ने खाली प्लॉट को ही कूड़ाघर बना दिया है.

सड़कें तालाब में तब्दील-
वहीं इस बार हुई मूसलाधार बारिश में यहां की सड़कें एक बार फिर तालाब में तब्दील हो गई हैं. ये पानी सिर्फ सड़कों तक ही सीमित नहीं है बल्कि लोगों की दुकानों और घरों में भी जाने लगा है. लेकिन जिला प्रशासन इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है.

ये इलाका वैसे तो ग्राम पंचायत में आता है लेकिन शहर के बीच में है और एक शहरी बस्ती में तब्दील हो चुका है. पूर्व में यहां के ग्राम पंचायत के खाते में तमाम अनियमितताएं पाए जाने पर खाते को सीज कर दिया गया था. यहां ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जल्द ही काम कराया जाएगा. साथ ही प्लॉटों में लगे कूड़े को हटवाकर पक्के कूड़ाघरों का निर्माण कराया जाएगा.
पुलकित खरे, डीएम

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----आजादी के छह दशक बीत जाने के बाद भी बहुत से क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गांव तो गांव शहर और कस्बों के महौल्लों में भी लोगों के लिए विकास एक सपना सा बनकर रह गया है। वैसे तो जिम्मेदारों द्वारा विकास के बहुत से दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत इन दावों और वादों की पोल खोल रही है।यह तस्वीरें हैं जिले के आज़ाद नगर की जहां की आबादी करीब 15 से 20 हज़ार परिवारों की है।लेकिन आज भी ये इलाका विकास की राह से कोसों दूर है।आइए जानते हैं कि किन किन दिक्कतों का सामना यह के मूल निवासियों व अन्य लोगों को करना पड़ रहा है।


Body:वीओ--1--जिले के शहरी इलाकों में से सबसे बड़ा और सबसे अधिक आबादी वाला ये क्षेत्र और कोई नहीं बल्कि आज़ाद नगर है।इसका नाम तो आज़ाद है लेकिन देश की आज़ादी के बाद से लेकर अभी तक सही मायनों में इसे आज़ादी न मिल सकी।आज भी ये बदहाली की जंजीरों में बंधा हुआ एक अविकसित महौल्ला है।यहां तमाम स्कूल व कोचिंग सेमतर भी मौजूद हैं।जहां हज़ारों छात्र छात्राएं पढ़ने आते हैं।लेकिन आज भी इस इलाके में न ही तो जल निकासी की कोई व्यवस्था है और न ही कूड़ा फेंकने के लिए कोई निश्चित स्थान।वहीं इस बार हुई मूसलाधार बारिश में यहां की सड़कें एक बार फिर तालाब में तापदील हो गयी हैं।तो ये पानी सिर्फ सड़कों तक ही नहीं सीमित है बल्कि लोगों की दुकानों और घरों में भी जानें लगा है।लेकिन जिला प्रशासन इस तरफ ध्यान देने को तैयार नहीं है।ये आलम सिर्फ इसी इलाके तक सीमित नहीं है बल्कि जिले के अधिकांश इलाकों की स्थिति कुछ ऐसी ही है।जहां ड्रेनेज व्यवस्था ठप तो कूड़ा डालने के लिए कूड़ेदान तक नहीं रखवाए जा सके हैं।

वीओ--2--कैमरे में कैद ये तस्वीरें खास आज़ाद नगर की हैं जो कि जिलाधिकारी आवास के ठीक पीछे बसा एक बड़ी आबादी वाला इलाका है।यहां चारों तरफ जल भराव की स्थिति पैदा हो गयी है।इसका अहम कारण लचर ड्रेनेज व्यवस्था है।वहीं कूड़ा डालने के लिए कूड़ेदान न होने के चलते लोगों ने खाली पड़े प्लॉट को ही कूड़ाघर बना दिया है।वहीं रिहायशी इलाके में बनी डेरी से आने वाला जानवरों का मल भी इन्हीं प्लॉटों में सड़क किनारे डाल दिया जाता है।इलाके के एक वरिष्ठ नागरिक अरुण मिश्रा ने कैमरे के सामने आते ही विगत कई वर्षों से होने वाली समस्याओं का बखान करना शुरू कर दिया।कहा कि दूषित जल एकत्र होने से इस बारिश के मौसम में संक्रमित बीमारियों से भी लोग ग्रसित होने लगे हैं।वहीं अन्य आ रही समस्याओं से भी उन्होंने अवगत कराया।सुनिए उन्हीं की जुबानी।

बाईट--अरुण मिश्रा--निवासी आज़ाद नगर

वीओ--3--जिलाधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी कि ये इलाका वैसे तो ग्राम पंचायत में आता है लेकिन शहर के बीच मे है और एक शहरी बस्ती में तपदील हो चुका है।कहा कि पूर्व में यहां के ग्राम पंचायत के खाते में तमाम अनियमित्ताएं पाए जाने पर खाते को सीज कर दिया गया था।कहा कि यहां ड्रेनेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुरजोर तरीके से जल्द ही काम कराया जाएगा।साथ ही खाली पड़े प्लॉटों में लगे कूड़े के ढेरों को हटवाकर पक्के कूड़ाघरों का निर्माण कराया जाएगा।वहीं जल भराव की समस्या का समाधान किये जाने का आश्वासन भी जिलाधिकारी खरे ने दिया है।

बाईट--पुलकित खरे--जिलाधिकारी हरदोई
पीटूसी


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