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हरदोई: जिला मुख्यालय से लेकर कचहरी तक आवारा पशुओं का डेरा - हरदोई न्यूज

उत्तर प्रदेश के हरदोई में जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट से लेकर कचहरी तक आवारा पशुओं के खुले में घूमने से वकीलों के साथ आने वाले फरियादियों के ऊपर भी खतरा बना हुआ है.

जिला मुख्यालय से लेकर कचहरी तक आवारा पशुओं का डेरा.
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Published : Oct 5, 2019, 5:50 PM IST

हरदोई: जिले में महज कागजों पर ही अन्ना पशुओं को आश्रित किया जा रहा है. इसका जीतता जागता सबूत जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट से लेकर कचहरी में वकीलों के चैंबर में बैठे ये आवारा पशु हैं. जिले की 72 स्थाई और अस्थाई गोशालाएं महज दिखावटी साबित हो रही हैं.

जिला मुख्यालय से लेकर कचहरी तक आवारा पशुओं का डेरा.

फरियादियों के भी ऊपर है खतरा

  • आवारा पशुओं के खुले में घूमने से वकीलों के साथ आने वाले फरियादियों के ऊपर भी खतरा बना हुआ है.
  • जिम्मेदार महज समाधान किए जाने का कोरा आश्वासन देने में लगे हुए हैं.
  • जबसे जिले में गोशालाओं का निर्माण हुआ है, तबसे सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा और बढ़ गया है.
  • इस कचहरी में करीब तीन से चार हजार वकील बैठते हैं.
  • इनमें से अधिकांश वकीलों के चैंबर के अंदर तक आवारा पशुओं का डेरा लगा ही रहता है.
  • जिला कलेक्ट्रेट में भी ये जानवर ऐसे घूमते हैं, जैसे किसी चारहगाह की जमीन पर घूम रहे हों.
  • अधिवक्ताओं ने इन जानवरों के आक्रामक होने वाले हादसों से भी अवगत कराया.
  • वकीलों ने जल्द ही इस समस्या का समाधान किए जाने की मांग जिला प्रशासन और सरकार से की है.

जिला प्रशासन द्वारा अन्ना पशुओं को आश्रित करने के इंतजाम समय-समय पर किए जा रहे हैं. इन पशुओं के लिए जिले में करीब 72 स्थाई और अस्थाई गोशालाओं का निर्माण कराया गया है, जहां प्रति गाय 900 रुपये भी जा रहे हैं.
-संजय सिंह, एडीएम

हरदोई: जिले में महज कागजों पर ही अन्ना पशुओं को आश्रित किया जा रहा है. इसका जीतता जागता सबूत जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट से लेकर कचहरी में वकीलों के चैंबर में बैठे ये आवारा पशु हैं. जिले की 72 स्थाई और अस्थाई गोशालाएं महज दिखावटी साबित हो रही हैं.

जिला मुख्यालय से लेकर कचहरी तक आवारा पशुओं का डेरा.

फरियादियों के भी ऊपर है खतरा

  • आवारा पशुओं के खुले में घूमने से वकीलों के साथ आने वाले फरियादियों के ऊपर भी खतरा बना हुआ है.
  • जिम्मेदार महज समाधान किए जाने का कोरा आश्वासन देने में लगे हुए हैं.
  • जबसे जिले में गोशालाओं का निर्माण हुआ है, तबसे सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा और बढ़ गया है.
  • इस कचहरी में करीब तीन से चार हजार वकील बैठते हैं.
  • इनमें से अधिकांश वकीलों के चैंबर के अंदर तक आवारा पशुओं का डेरा लगा ही रहता है.
  • जिला कलेक्ट्रेट में भी ये जानवर ऐसे घूमते हैं, जैसे किसी चारहगाह की जमीन पर घूम रहे हों.
  • अधिवक्ताओं ने इन जानवरों के आक्रामक होने वाले हादसों से भी अवगत कराया.
  • वकीलों ने जल्द ही इस समस्या का समाधान किए जाने की मांग जिला प्रशासन और सरकार से की है.

जिला प्रशासन द्वारा अन्ना पशुओं को आश्रित करने के इंतजाम समय-समय पर किए जा रहे हैं. इन पशुओं के लिए जिले में करीब 72 स्थाई और अस्थाई गोशालाओं का निर्माण कराया गया है, जहां प्रति गाय 900 रुपये भी जा रहे हैं.
-संजय सिंह, एडीएम

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिले में महज कागजों पर ही अन्ना पशुओं को आश्रित किया जा रहा है।इसका जीतता जात्ता सबूत जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट से लेकर कचहरी में वकीलों के चैंबर में बैठे ये कार पशु हैं।ऐसे में जिले की 72 स्थायी व अस्थाई गौशालाएं महज दिखावटी साबित हो रही हैं।इससे वकीलों के साथ साथ यहां आने वाले फरियादियों के ऊपर भी खतरा बना हुआ है।लेकिन जिम्मेदार महज समाधान किये जाने का कोरा आश्वासन देने में लगे हए हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले में गौशालाओं के निर्माण के बाद भी शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक तो आवारा पशुओं का जमावड़ा लगने की तमाम खबरे संज्ञान में आ ही रही थीं।लेकिन अब आलम ये है कि यहां जबसे गौशालाओं का निर्माण हुआ है तबसे सड़को पर आवारा जानवरों का जमावड़ा और अधिक बढ़ गया है।इतना ही नहीं तस्वीरें और भी चौकाने वाली तब बन गईं जब ईटीवी की टीम ने जिला मुख्यालय का जायजा लिया।जहां की स्थिति भयभीह जान मिली।यहां कचहरी में करीब 3 से 4 हज़ार वकील बैठते हैं।इनमें से अधिकांश वकीलों के चैंबर के अंदर तक आवारा पशुओं का डेरा लगा ही रहता है।वहीं कचहरी परिसर में चारों तरफ ये जानवर देखे जा सकते हैं।इतना ही नहीं यहां जिला कलेक्ट्रेट में भी ये जानवर ऐसे घूमते हैं जैसे किसी चारहगाह की जमीन पर घूम रहे हों।ऐसे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जब जिला मुख्यालय की ये स्थिति है तो जिले की अन्य जगहों पर आलम क्या होगा।ऐसे मे साफ है कि जिले में मौजूद गौशालाएं महज कागज़ी व अन्ना पशुओं को आश्रय देने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।वहीं इस समसया से जूझ रहे वकीलों व उनके पास आने वाले लोगों ने इन आवारा जानवरों से हो रही समस्याओं की जानकारी दी।साथ ही उन्होंने इन जानवरों के आक्रामक होने के बाद होने वाले हादसों से भी अवगत कराया।वकील समता शर्मा के एक क्लाइंट ने जानकारी दी कि पिछले दिनों जब वो कचहरी आया तो उसे एक आवारा सांड ने दौड़ा लिया जैसे तैसे कर वो खुद को बचा सका।वहीं वकीलों ने जानकारी दी कि ये अवकर जानवर विगक्त लंबे समय से यहां बने हुए हैं और कचहरी, दीवानी गेट व कोर्ट तक मे अपना डेरा डाले बैठे हैं।वकीलों ने जल्द ही इस समस्या का समाधान किये जाने की मांग जिला प्रशासन व सरकार से की है।सुनिए उन्ही की जुबानी।

विसुअल विद वॉइस ओवर
बाईट--1--संदीप सक्सेना--क्लाइंट
बाईट--2--समता शर्मा--अधिवक्ता
बाईट--3--अनुज कुमार शुक्ला--अधिवक्ता

वीओ--2--वहीं इस समस्या पर एडीएम संजय सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा अन्ना पशुओं को आश्रित करने के इंतज़ाम समय समय पर किये जा रहे हैं।जिनके लिए जिले में करीब 72 स्थाई व अस्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया गया है।जहां प्रति गाय 9 सौ रुपये भी जा रहे हैं।वहीं जिला मुख्यालय पर आ रही समस्या का जल्द ही समाधान किये जाने का कोरा आश्वासन जिम्मेदार अधिकारी ने जरूर दिया है।सुनिए उन्ही की जुबानी।वहीं इस दरमियान जिले में करीब 25 से 30 हज़ार अन्ना पशु मौजूद हैं जिनमें से महज कुछ ही आश्रित हैं बाकी जिले की सड़कों व किसानों के खेत से लवकर जिला मुख्यालय पर डेरा डाले बैठे हैं और आये दिन किसी न किसी हादसे को दावत दी रहे हैं।

बाईट--4--संजय सिंह--एडीएम हरदोई


Conclusion:
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