ETV Bharat / state

विश्व पटल पर छाप छोड़ेगा सांडी पक्षी विहार, पक्षियों की संख्या में होगा इजाफा

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित सांडी पक्षी विहार को देश के 10 वेटलैंड में शामिल किया गया है. केंद्र सरकार ने इस पर्यटन स्थल को विकसित करने का फैसला लिया है, जिससे पर्यटन स्थल को बढ़ावा दिया जा सके और पक्षियों की संख्या में इजाफा हो सके.

सांडी पक्षी विहार
सांडी पक्षी विहार
author img

By

Published : Feb 5, 2020, 12:00 PM IST

हरदोई: जिले में सांडी पक्षी विहार को विश्व पटल पर उभारने की कवायद शुरू हो चुकी है. केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग ने रामासर के तहत देश में नए 10 वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला किया है. इसमें हरदोई जिले का सांडी पक्षी विहार भी शामिल किया गया है.

सांडी पक्षी विहार को बनाया जाएगा पर्यटन स्थल.

देश में वेटलैंड की संख्या पहुंची 37

पूरे देश में रामासर संरक्षित वेटलैंड की संख्या 37 पहुंच चुकी है. जिले के सांडी पक्षी विहार में सात समंदर पार से तमाम प्रजातियों के हजारों पक्षी कलरव करते हैं. यह साइबेरियन पक्षी अक्टूबर के महीने में यहां आना शुरू कर देते हैं और फिर मार्च तक यहां पर प्रवास करते हैं, फिर पुनः अपने मुल्क में वापस लौट जाते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार के इस फैसले से अब विश्व पटल पर सांडी पक्षी विहार की पहचान होगी और इसका कायाकल्प भी हो सकेगा.

दहर झील के भी नाम से जाना जाता है
जिले में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूर पर पर्यटन स्थल सांडी पक्षी विहार स्थित है. 308 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले विशाल भू-भाग को दहर झील के नाम से भी जाना जाता है. इसमें पांच छोटी-छोटी झील है, जिनमें सुदूर देशों से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अपने भोजन की तलाश में सर्दियों में यहां आते हैं. हजारों की संख्या में पक्षी विहार में प्रवास करते हैं, जिनमें से कुछ प्रवासी पक्षी तो कुछ स्थानीय पक्षी भी होते हैं. उत्तरी यूरोप चाइना और मंगोलिया में अधिक सर्दी के कारण बर्फ जम जाती है तो ऐसे में यह विदेशी पक्षी यहां विहार का रुख करते हैं.


देश में 10 नए वेटलैंड किए जाएंगे संरक्षित
केंद्र सरकार ने इस पर्यटन स्थल को विकसित करने का फैसला लिया है और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र सांडी पक्षी विहार का कायाकल्प भी बदलने वाला है. केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग में रामासर के तहत देश में 10 नए वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला लिया गया है. हरदोई का यह सांडी पक्षी विहार भी शामिल है.

वर्ष 1971 में रामासर में संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत के बीच एक समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत वेटलैंड संरक्षित करने का कार्य किया जाता है. 1971 से अब तक रामासर के तहत देश में 27 स्थान संरक्षित कर विकसित किए गए थे. अब 10 और वेटलैंड को रामासर के तहत विकसित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क, प्रशासन कर रहा अनदेखी

सांडी पक्षी विहार को रामासर के तहत संरक्षित किए जाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है. पूरे देश में 10 वेटलैंड को संरक्षित किया जाएगा, जिनमें हरदोई का सांडी पक्षी विहार भी शामिल है. इसे विश्वस्तरीय बनाया जाएगा ताकि सरकार पर्यटन स्थल को बढ़ावा दिया जा सके और पक्षियों की संख्या में इजाफा हो सके.

-राकेश चंद्रा, डीएफओ

हरदोई: जिले में सांडी पक्षी विहार को विश्व पटल पर उभारने की कवायद शुरू हो चुकी है. केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग ने रामासर के तहत देश में नए 10 वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला किया है. इसमें हरदोई जिले का सांडी पक्षी विहार भी शामिल किया गया है.

सांडी पक्षी विहार को बनाया जाएगा पर्यटन स्थल.

देश में वेटलैंड की संख्या पहुंची 37

पूरे देश में रामासर संरक्षित वेटलैंड की संख्या 37 पहुंच चुकी है. जिले के सांडी पक्षी विहार में सात समंदर पार से तमाम प्रजातियों के हजारों पक्षी कलरव करते हैं. यह साइबेरियन पक्षी अक्टूबर के महीने में यहां आना शुरू कर देते हैं और फिर मार्च तक यहां पर प्रवास करते हैं, फिर पुनः अपने मुल्क में वापस लौट जाते हैं. ऐसे में केंद्र सरकार के इस फैसले से अब विश्व पटल पर सांडी पक्षी विहार की पहचान होगी और इसका कायाकल्प भी हो सकेगा.

दहर झील के भी नाम से जाना जाता है
जिले में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूर पर पर्यटन स्थल सांडी पक्षी विहार स्थित है. 308 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले विशाल भू-भाग को दहर झील के नाम से भी जाना जाता है. इसमें पांच छोटी-छोटी झील है, जिनमें सुदूर देशों से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अपने भोजन की तलाश में सर्दियों में यहां आते हैं. हजारों की संख्या में पक्षी विहार में प्रवास करते हैं, जिनमें से कुछ प्रवासी पक्षी तो कुछ स्थानीय पक्षी भी होते हैं. उत्तरी यूरोप चाइना और मंगोलिया में अधिक सर्दी के कारण बर्फ जम जाती है तो ऐसे में यह विदेशी पक्षी यहां विहार का रुख करते हैं.


देश में 10 नए वेटलैंड किए जाएंगे संरक्षित
केंद्र सरकार ने इस पर्यटन स्थल को विकसित करने का फैसला लिया है और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र सांडी पक्षी विहार का कायाकल्प भी बदलने वाला है. केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग में रामासर के तहत देश में 10 नए वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला लिया गया है. हरदोई का यह सांडी पक्षी विहार भी शामिल है.

वर्ष 1971 में रामासर में संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत के बीच एक समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत वेटलैंड संरक्षित करने का कार्य किया जाता है. 1971 से अब तक रामासर के तहत देश में 27 स्थान संरक्षित कर विकसित किए गए थे. अब 10 और वेटलैंड को रामासर के तहत विकसित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें:- हरदोई: हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क, प्रशासन कर रहा अनदेखी

सांडी पक्षी विहार को रामासर के तहत संरक्षित किए जाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है. पूरे देश में 10 वेटलैंड को संरक्षित किया जाएगा, जिनमें हरदोई का सांडी पक्षी विहार भी शामिल है. इसे विश्वस्तरीय बनाया जाएगा ताकि सरकार पर्यटन स्थल को बढ़ावा दिया जा सके और पक्षियों की संख्या में इजाफा हो सके.

-राकेश चंद्रा, डीएफओ

Intro:एंकर--यूपी के हरदोई में सांडी पक्षी विहार को विश्व पटल पर उभारने की कवायद शुरू हो चुकी है केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग ने रामासर के तहत देश में नए 10 वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला किया है जिसमें हरदोई जिले का सांडी पक्षी विहार भी शामिल है ऐसे में अब पूरे देश में रामासर संरक्षित वेटलैंड की संख्या 37 पहुंच चुकी है आपको बता दें कि हरदोई के सांडी पक्षी विहार में सात समंदर पार से तमाम प्रजातियों के हजारों पक्षी कलरव करते हैं यह साइबेरियन पक्षी अक्टूबर के महीने में यहां आना शुरू करते हैं और फिर मार्च तक यहां पर प्रवास करते हैं। और फिर पुनः अपने मुल्क में वापस लौट जाते हैं ऐसे में केंद्र सरकार के इस फैसले से अब विश्व पटल पर सांडी पक्षी विहार की पहचान होगी और इसका कायाकल्प भी हो सकेगा।Body:
Vo--उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित यह पर्यटन स्थल सांडी पक्षी विहार है। 308 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैले विशाल भूभाग को दहर झील के नाम से भी जाना जाता है इसमें पांच छोटी-छोटी झील है जिनमें सुदूर देशों से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी अपने भोजन की तलाश में सर्दियों में यहां आते हैं हजारों की संख्या में पक्षी यहां पक्षी विहार में प्रवास करते हैं जिनमें कुछ प्रवासी पक्षी तो कुछ स्थानीय पक्षी भी हैं जब उत्तरी यूरोप चाइना और मंगोलिया में अधिक सर्दी के कारण बर्फ जम जाती है तो ऐसे में यह विदेशी पक्षी यहां पक्षी बिहार का रुख करते हैं और मार्च के आसपास तक यह पक्षी यहां पर प्रवास करते हैं जिनमें विलुप्त प्रजाति के पक्षी भी काफी संख्या में यहां आते हैं।


Vo--केंद्र सरकार ने इस पर्यटन स्थल को विकसित करने का फैसला किया है और अब पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र सांडी पक्षी विहार का कायाकल्प होने वाला है केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु विभाग में रामासर के तहत देश में 10 नए वेटलैंड संरक्षित करने का फैसला किया है जिनमें हरदोई का यह सांडी पक्षी विहार भी शामिल है इस तरह पूरे देश में रामासर संरक्षित वेटलैंड की संख्या 37 पहुंच गई है रामासर के तहत संरक्षित होने के चलते सांडी पक्षी विहार की सूरत बदलेगी और यहां पर इसे जल्द ही विकसित करने का कार्य शुरू किया जाएगा और विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा ताकि इस पर्यटन केंद्र को बढ़ावा मिले और पक्षियों की आमद बढ़ाई जा सके दरअसल वर्ष 1971 में रामासर में संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत के बीच एक समझौता हुआ था इस समझौते के तहत वेटलैंड संरक्षित करने का कार्य किया जाता है 1971 से अब तक रामासर के तहत देश में 27 स्थान संरक्षित कर विकसित किए गए थे अब 10 और वेटलैंड को रामासर के तहत विकसित किया जाएगा।
बाइट--राकेश चंद्रा डीएफओ हरदोईConclusion:Voc--इस बारे में डीएफओ राकेश चंद्रा ने बताया कि सांडी पक्षी विहार को रामासर के तहत संरक्षित किए जाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है पूरे देश में 10 वेटलैंड को संरक्षित किया जाएगा जिनमें हरदोई का सांडी पक्षी विहार भी शामिल है अब पूरे देश में रामा सर के तहत संरक्षित होने वाले वेटलैंड की संख्या 37 हो गई है इसके तहत वेटलैंड को विकसित किया जाएगा और इसे विश्वस्तरीय बनाया जाएगा ताकि सरकार पर्यटन स्थल को बढ़ावा दिया जा सके और पक्षियों की संख्या में इजाफा हो सके।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.