हरदोई: जिले में मौजूद चार हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों को एक जुलाई से खोलने के निर्देश बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया है. इन विद्यालयों में एक जुलाई से शिक्षकों को आकर विद्यालय सम्बन्धी कार्यों को शुरू करना होगा. साथ ही शारदा अभियान के तहत इन विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश कराया जाएगा. स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से 20 जुलाई से शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा, जिसके बाद बच्चों में ड्रेस और किताबों का वितरण कराया जाएगा.
एक जुलाई से शिक्षक आएंगे विद्यालय
लॉकडाउन के बाद अब एक जुलाई से जिले के 19 ब्लॉकों में मौजूद हजारों परिषदीय विद्यालयों को खोले जाने के शासन के निर्देशों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने भी सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है. इसके तहत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं व प्रधानाध्यापकों को एक जुलाई से अपने विद्यालयों में आकर पेंडिंग पड़े व नए शैक्षिक सत्र संबंधी कार्यों को पूरा करना होगा. इस बीच विद्यालयों में नए बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया को भी शारदा अभियान के तहत पूरा करना होगा.
क्या है शारदा अभियान
शारदा अभियान से तात्पर्य है कि प्रतिदिन स्कूल आएं. इस आधार पर ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाएगा, जिन्होंने स्कूल आना बंद कर रखा है. ऐसे नौनिहालों के परिजनों को जागरूक कर उन्हें सर्व शिक्षा अभियान की जानकारी दी जाएगी, जिससे कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई किसी भी सूरत में न रोकें और दोबारा अपने बच्चों का प्रवेश विद्यालयों में कराएं.
प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का भी होगा दाखिला
शारदा अभियान के तहत ऐसे बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा, जो लॉकडाउन में अन्य राज्यों से जिले में आए हैं. प्रवासी मजदूरों के प्रवासी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनको चिन्हित कर उनका भी दाखिला परिषदीय विद्यालयों में कराया जाएगा. एक जुलाई के बाद स्कूल खुलने का पहला चरण होगा. दूसरे चरण में 2 जुलाई से प्रत्येक ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी व शिक्षकों की संयुक्त टीमें प्रवासी बच्चों की सूची तैयार कर उनका नामांकन विद्यालयों में कराएंगी.
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शिक्षकों का होगा प्रशिक्षण
बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने जानकारी दी कि विद्यालय खुलने के तीसरे चरण में 20 जुलाई से शिक्षकों का प्रशिक्षण भी कराया जाएगा. तीन बेसिक मॉड्यूल्स हैं- आधारशिला, ध्यानाकर्षण व शिक्षण संग्रह. इन्हीं के आधार पर शिक्षकों का प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिससे कि विद्यालयों में शिक्षण व प्रशिक्षण को और भी रोचक व आसान बनाया जा सके. इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों को रोचक व सुगम्य ढंग से शिक्षा प्रदान करना है.