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एक FIR के लिए दर-दर भटक रहे बीजेपी विधायक, जानिए पूरा मामला - बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल

बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल एक निजी अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए पिछले एक महीने से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. मामला उनके बेटे की मौत से जुड़ा हुआ है.

एफआईआर के लिए दर-दर भटक रहे बीजेपी विधायक
एफआईआर के लिए दर-दर भटक रहे बीजेपी विधायक
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Published : May 29, 2021, 12:27 PM IST

हरदोई: जिले के संडीला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल लखनऊ के एक निजी अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए एक महीने से थाने और अफसरों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

एफआईआर के लिए दर-दर भटक रहे बीजेपी विधायक

विधायक के मुताबिक उनके बेटे की 26 अप्रैल को काकोरी के अथर्व अस्पताल में अस्पताल की लापरवाही से मौत हो गई थी. इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस से की, लेकिन सीएमओ की जांच के बिना एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया गया. एक महीने बाद भी उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, उनकी मांग है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए.

'ऑक्सीजन के चलते बेटे की गई थी जान'

भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल उर्फ राजिया के (35) वर्षीय बेटे को कोरोना संक्रमण हुआ था. 22 अप्रैल को उसे लखनऊ के काकोरी के अथर्व अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, भाजपा विधायक के अनुसार 26 अप्रैल को सुबह बेटे का ऑक्सीजन लेवल 94 था वह खाना खा रहा था और सबसे बातचीत कर रहा था, इसके बाद शाम को अचानक डॉक्टरों ने बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, इस पर उनके दो अन्य बेटे बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए तो डॉक्टरों ने यह ऑक्सीजन मरीज तक नहीं पहुंचने दी, काफी सिफारिश के बाद भी ऑक्सीजन नहीं ली गई और थोड़ी देर बाद बेटे आशीष अग्रवाल की मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें: कोरोना प्रोटोकाॅल तोड़ बेटे का जन्मदिन मनाने में सपा महासचिव गए जेल, बताया राजनीतिक साजिश

'दोषियों पर कार्रवाई की मांग'

विधायक राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि निजी अस्पताल की लापरवाही से उनके बेटे की जान चली गई. किसी और के साथ ऐसा न हो इसलिए अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए काकोरी थाने में उन्होंने तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने सीएमओ की जांच के बिना रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया, उनका कहना है कि इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन 26 अप्रैल को दी गई तहरीर पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, इस बीच डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक से बात की, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई, विधायक की मांग है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोषियों को दंडित किया जाए.

हरदोई: जिले के संडीला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक राजकुमार अग्रवाल लखनऊ के एक निजी अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए एक महीने से थाने और अफसरों के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

एफआईआर के लिए दर-दर भटक रहे बीजेपी विधायक

विधायक के मुताबिक उनके बेटे की 26 अप्रैल को काकोरी के अथर्व अस्पताल में अस्पताल की लापरवाही से मौत हो गई थी. इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री और पुलिस से की, लेकिन सीएमओ की जांच के बिना एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया गया. एक महीने बाद भी उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है, उनकी मांग है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जाए और दोषियों को दंडित किया जाए.

'ऑक्सीजन के चलते बेटे की गई थी जान'

भाजपा विधायक राजकुमार अग्रवाल उर्फ राजिया के (35) वर्षीय बेटे को कोरोना संक्रमण हुआ था. 22 अप्रैल को उसे लखनऊ के काकोरी के अथर्व अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, भाजपा विधायक के अनुसार 26 अप्रैल को सुबह बेटे का ऑक्सीजन लेवल 94 था वह खाना खा रहा था और सबसे बातचीत कर रहा था, इसके बाद शाम को अचानक डॉक्टरों ने बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, इस पर उनके दो अन्य बेटे बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर आए तो डॉक्टरों ने यह ऑक्सीजन मरीज तक नहीं पहुंचने दी, काफी सिफारिश के बाद भी ऑक्सीजन नहीं ली गई और थोड़ी देर बाद बेटे आशीष अग्रवाल की मौत हो गई.

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'दोषियों पर कार्रवाई की मांग'

विधायक राजकुमार अग्रवाल का कहना है कि निजी अस्पताल की लापरवाही से उनके बेटे की जान चली गई. किसी और के साथ ऐसा न हो इसलिए अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए काकोरी थाने में उन्होंने तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने सीएमओ की जांच के बिना रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया, उनका कहना है कि इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन 26 अप्रैल को दी गई तहरीर पर अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, इस बीच डीजीपी से लेकर पुलिस कमिश्नर तक से बात की, लेकिन कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई, विधायक की मांग है कि अस्पताल प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दोषियों को दंडित किया जाए.

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