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हरदोईः राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब बच्चों के जीवन में ला रहा खुशहाली

उत्तर प्रदेश के हरदोई में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के माध्यम से गरीब बच्चों का इलाज कर उन्हें नया जीवनदान दिया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत जिले में अब तक 3,893 बच्चों को चिन्हित कर 2,621 बच्चों का उपचार किया जा चुका है.

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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम.
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Published : Dec 16, 2019, 12:50 AM IST

हरदोईः राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का मुफ्त में इलाज कराती है. इस कार्यक्रम के जरिए जीरो से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत जिले में अब तक हजारों बच्चों का नि:शुल्क उपचार कराया जा चुका है.

जानकारी देते सीएमओ.


हरदोई जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब बच्चों का इलाज कर उन्हें नया जीवनदान प्रदान किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में हर ब्लॉक स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है. प्रत्येक ब्लॉक पर 2 टीम का निर्धारण किया गया है, जिनमें एक एएनएम स्टाफ, एक नर्स आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर तथा कैंप लगाकर ऐसे बच्चों को खोजती हैं, जिनमें 3D डिसीज होती हैं. इस डिसीज में कमी, विकार, विकास में विलंब वाले 0 से 18 साल के बच्चे शामिल होते हैं.

गरीब बच्चों को गंभीर बीमारियों से निजात
टीमें बच्चों को चिन्हित कर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाती हैं, जहां पर उनका इलाज कराया जाता है. अगर वहां उनका इलाज नहीं हो पाता तो फिर उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाता है. वहां भी इलाज न होने पर मुफ्त में उनका इलाज मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में कराया जाता है, जिससे गरीब बच्चों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाई जाती है.

स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए उपचार
इस कार्यक्रम में दिल में छेद, मोतियाबिंद, मिर्गी आदि तमाम बीमारियां शामिल हैं. अभी तक जनपद में टीमों के द्वारा 3,893 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 2,910 बच्चों को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. 2,621 बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए उपचार कराया जा चुका है. जनपद में इस प्रोग्राम के जरिए अब तक ट्यूमर, हार्ट,मिर्गी, आंख की बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज कराया जा चुका है.


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए प्रत्येक विकासखंड में दो टीमें गठित की गई हैं, जो 0 से 18 साल तक के बच्चों का चयन करती है. आंगनबाड़ी और स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों को चिन्हित करने के बाद इन बच्चों का इलाज कराया जाता है. जिले में इलाज न हो पाने पर इलाज के लिए बच्चों को मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में भेजा जाता है और उनका मुफ्त इलाज कराया जाता है. अब तक जिले में 3,893 बच्चे चिन्हित किए गए, जिनमें 2,910 बच्चों को संदर्भित किया गया, जबकि 2,621 बच्चों का उपचार किया गया है.

डॉ. एस.के. रावत, सीएमओ

इसे भी पढ़ें- कुपोषण मुक्त भारत के लिए हर नागरिक समझें अपनी जिम्मेदारी: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

हरदोईः राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का मुफ्त में इलाज कराती है. इस कार्यक्रम के जरिए जीरो से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाता है. इस कार्यक्रम के तहत जिले में अब तक हजारों बच्चों का नि:शुल्क उपचार कराया जा चुका है.

जानकारी देते सीएमओ.


हरदोई जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब बच्चों का इलाज कर उन्हें नया जीवनदान प्रदान किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में हर ब्लॉक स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है. प्रत्येक ब्लॉक पर 2 टीम का निर्धारण किया गया है, जिनमें एक एएनएम स्टाफ, एक नर्स आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर तथा कैंप लगाकर ऐसे बच्चों को खोजती हैं, जिनमें 3D डिसीज होती हैं. इस डिसीज में कमी, विकार, विकास में विलंब वाले 0 से 18 साल के बच्चे शामिल होते हैं.

गरीब बच्चों को गंभीर बीमारियों से निजात
टीमें बच्चों को चिन्हित कर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाती हैं, जहां पर उनका इलाज कराया जाता है. अगर वहां उनका इलाज नहीं हो पाता तो फिर उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाता है. वहां भी इलाज न होने पर मुफ्त में उनका इलाज मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में कराया जाता है, जिससे गरीब बच्चों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाई जाती है.

स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए उपचार
इस कार्यक्रम में दिल में छेद, मोतियाबिंद, मिर्गी आदि तमाम बीमारियां शामिल हैं. अभी तक जनपद में टीमों के द्वारा 3,893 बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिनमें 2,910 बच्चों को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है. 2,621 बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए उपचार कराया जा चुका है. जनपद में इस प्रोग्राम के जरिए अब तक ट्यूमर, हार्ट,मिर्गी, आंख की बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज कराया जा चुका है.


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए प्रत्येक विकासखंड में दो टीमें गठित की गई हैं, जो 0 से 18 साल तक के बच्चों का चयन करती है. आंगनबाड़ी और स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों को चिन्हित करने के बाद इन बच्चों का इलाज कराया जाता है. जिले में इलाज न हो पाने पर इलाज के लिए बच्चों को मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में भेजा जाता है और उनका मुफ्त इलाज कराया जाता है. अब तक जिले में 3,893 बच्चे चिन्हित किए गए, जिनमें 2,910 बच्चों को संदर्भित किया गया, जबकि 2,621 बच्चों का उपचार किया गया है.

डॉ. एस.के. रावत, सीएमओ

इसे भी पढ़ें- कुपोषण मुक्त भारत के लिए हर नागरिक समझें अपनी जिम्मेदारी: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

Intro:स्लग--हरदोई में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बच्चों के लिए साबित हो रहा वरदान

एंकर--राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम सरकारी स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों का मुफ्त में इलाज कराकर उन्हें नया जीवन दे रही है। इस कार्यक्रम के जरिए जीरो से 18 साल तक के बच्चों को चिन्हित कर उनका इलाज कराया जाता है इन बीमारियों में प्रमुख रूप से ह्रदय गला, मिर्गी रोग, कैंसर जैसे गंभीर रोगों से ग्रसित बच्चों का निशुल्क इलाज कराया जाता है जिले में अब तक हजारों की संख्या में बच्चों का निशुल्क उपचार कराया जा चुका है।


Body:vo--उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों को नया जीवन मिल रहा है इस कार्यक्रम के जरिए जनपद में गरीब बच्चों का इलाज किया जा रहा है इस कार्यक्रम के जरिए हर ब्लॉक स्तर पर एक टीम का गठन किया गया है प्रत्येक ब्लॉक पर 2 टीम जिनमें एक एएनएम स्टाफ और एक नर्स आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर तथा कैंप लगाकर ऐसे बच्चों को को खोजती हैं जिनमें 3D डिसीज होती हैं अर्थात कमी, विकार,विकास में विलंब वाले 0 से 18 साल के बच्चे शामिल होते हैं। यह टीमें बच्चों को चिन्हित कर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाती हैं जहां पर उनका इलाज कराया जाता है जहां पर उनका अगर इलाज नहीं हो पाता तो फिर उन्हें जिला अस्पताल भेजा जाता है और वहां भी इलाज ना होने पर मुफ्त में उनका इलाज मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में कराया जाता है जिससे गरीब बच्चों को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाई जाती है इनमें दिल में छेद मोतियाबिंद मिर्गी आदि तमाम बीमारियां शामिल है अभी तक जनपद में टीमों के द्वारा 3893 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिनमें 2910 बच्चों को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है जबकि 2621 बच्चों का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए उपचार कराया जा चुका है जनपद में इस प्रोग्राम के जरिए अब तक ट्यूमर, हार्ट,मिर्गी, आंख की बीमारियों से ग्रसित बच्चों का इलाज कराया जा चुका है।
बाइट-- डॉ एस के रावत मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरदोई


Conclusion:voc--इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस के रावत ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जरिए प्रत्येक विकासखंड में दो टीमें गठित की गई हैं जो 0 से 18 साल तक के बच्चों का चयन करती है आंगनवाड़ी और स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों को चिन्हित करने के बाद इन बच्चों का इलाज कराया जाता है जिले में इलाज ना हो पाने पर इलाज के लिए बच्चों को मेडिकल कॉलेज या फिर दूसरे संस्थान में भेजा जाता है और उनका मुफ्त इलाज कराया जाता है अब तक जिले में 3893 बच्चे चिन्हित किए गए जिनमें 2910 बच्चों को संदर्भित किया गया जबकि 2621 बच्चों का उपचार किया गया है।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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