हरदोई : जिले में अपने खेत में धान की पैदावार से अधिक धान बेचने वाले किसानों की भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर जांच की जाएगी. दरअसल कुछ किसानों ने दूसरे किसानों की भूमि को जिसमें धान के अलावा दूसरी फसल बोई गई थी, उस फसल को धान के रूप में दर्शाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया और रजिस्ट्रेशन कराने के बाद किसानों ने धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच दिया. ऐसे में प्रशासन ने कपट पूर्ण रवैया अपनाने वाले किसानों के खिलाफ जांच का निर्णय लिया है. जिसके चलते सभी किसानों की जांच की जाएगी. इस मामले में कुछ किसान दोषी पाए गए हैं.
अधिक धान बेचने वाले किसानों की जमीन का होगा सत्यापन
हरदोई जिले में शासन के निर्देश पर जनपद में विभिन्न एजेंसियों के 80 क्रय केंद्र बनाए गए हैं. इन क्रय केंद्रों पर किसानों का धान खरीदा जा रहा है. सरकारी क्रय केंद्रों पर सरकार ने धान का 1868 समर्थन मूल्य तय किया है. इन सभी क्रय केंद्रों पर किसान अपना धान लेकर पहुंच रहे हैं. ऐसे में कुछ किसानों ने उनके पास मौजूद भूमि से अधिक भूमि में धान की फसल दर्शाकर सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच दी है, जिसकी जांच के आदेश प्रशासन ने दिए हैं.
दोषी पाए जाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई
दरअसल, जनपद में प्रशासन को शिकायत मिली थी कि जिन किसानों के पास 5 या 10 बीघा खेतिहर जमीन है, उन किसानों ने क्षमता से अधिक धान की फसल बेच दी है. ऐसे में प्रशासन ने जांच कराई तो कई ऐसे किसान सामने आए जिनके पास कम भूमि है. लेकिन उन्होंने दूसरे की भूमि में धान की फसल दर्शाकर धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचा है. तो वहीं कुछ ऐसे किसान हैं जिन्होंने अपनी कुछ जमीन पर ही धान की फसल बोई थी लेकिन उन्होंने अधिक क्षेत्रफल में धान की फसल दर्शाकर पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया उसके बाद धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच दिया. ऐसे में प्रशासन ने कुछ किसानों को चिन्हित किया है. चिन्हित किसानों का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने कम भूमि वाले ऐसे किसान जिन्होंने पैदावार से अधिक फसल बेची है, उन सभी की भूमि का सत्यापन कराने का निर्णय लिया है. जिसके तहत उनकी भूमिका सत्यापन कराया जाएगा कि उन्होंने अपनी भूमि में कितनी धान की फसल बोई थी. ऐसे में कपट पूर्ण रवैया अपनाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने बताया
शासन के निर्देश पर धान खरीद शुरू की गई है. इनमें से कुछ किसान चिन्हित किए गए हैं, जिनके पास भूमि कम है लेकिन उन्होंने अधिक धान बेचा है. दूसरे का धान अपना दर्शाकर धान बेच दिया है. कुछ ऐसे किसान भी सामने आए हैं जिन्होंने कम क्षेत्रफल में धान की फसल बोई थी, लेकिन उन्होंने अपनी अन्य जमीन पर भी धान की फसल दर्शाकर रजिस्ट्रेशन कराकर फसल को सरकारी क्रय केंद्र पर बेच दिया है. ऐसे किसानों की जांच कराई जा रही है और इन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.