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हरदोई: गेहूं खरीद पर बोरों की कमी का असर, अपनाई जा रही री-यूज की रणनीति - up government policy for farmers

हरदोई में गेहूं खरीद में समस्याएं पैदा हो रहीं थीं, जिसके चलते अभी तक लक्ष्य का 30 प्रतिशत गेहूं ही खरीदा जा सका है. एक तो लॉकडाउन के चलते किसान क्रय केंद्रों तक कम आ रहे थे. वहीं दूसरी ओर बोरों की कमी से भी दिक्कत हो रही थी.

wheat bags
गेहूुं के बोरे.
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Published : May 17, 2020, 1:41 PM IST

हरदोई: जिले में शासन के निर्देशों पर सरकारी गेहूं खरीद का लक्ष्य हर वर्ष की तरह निर्धारित कर दिया गया था. इस बार 113 क्रय केंद्रों पर करीब 1 लाख 46 हजार 5 सौ मीट्रिक टन का खरीद लक्ष्य तैयार किया गया था. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते अभी तक इस लक्ष्य का महज 30 फीसदी ही खरीद की जा सकी है. खरीद की धीमी रफ्तार का अहम कारण कोरोना वायरस के अलावा बोरों की किल्लत भी है, जिसके लिए शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सप्लाई के बोरों को रीयूज कर इस्तेमाल में लाये जाने की रणनीति तैयार की गई है.

जिले में खरीद की धीमी रफ्तार के आगे लॉकडाउन रोड़ा बना ही हुआ है, साथ ही बारदाना व बोरों की किल्लत भी खरीद में बाधा उत्पन्न कर रही थी. इसके लिए शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सप्लाई में इस्तेमाल किये जा रहे बोरों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए जिला पूर्ति विभाग के जरिये सभी कोटेदारों को आदेश दिए गए हैं की वे सप्लाई के बोरों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं, जिससे कि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की रफ्तार को बढ़ाया जा सके और जल्द से जल्द लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

एडीएम संजय कुमार सिंह ने मामले की विधिवत जानकारी से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि धीमी खरीद के बाद भी जिला खरीद के मामले में दूसरे स्थान पर चल रहा है. कुछ समस्याएं आ रही हैं, जैसे लॉकडाउन के दौरान किसानों का क्रय केंद्रों पर कम पहुंच पाना. साथ ही बोरों की खरीद से भी अड़चन पैदा हुई है. इसके लिए कोटेदारों से सप्लाई के बोरे इकठ्ठा किये जा रहे हैं, ताकि उन बोरों को री-यूज कर गेहूं खरीद की रफ्तार बढ़ाई जा सके. प्रशासन किसानों का गेहूं खरीदने के लिए पूर्ण रूप से कटिबद्ध है. जल्द से जल्द लक्ष्य प्राप्त होगा.

हरदोई: जिले में शासन के निर्देशों पर सरकारी गेहूं खरीद का लक्ष्य हर वर्ष की तरह निर्धारित कर दिया गया था. इस बार 113 क्रय केंद्रों पर करीब 1 लाख 46 हजार 5 सौ मीट्रिक टन का खरीद लक्ष्य तैयार किया गया था. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते अभी तक इस लक्ष्य का महज 30 फीसदी ही खरीद की जा सकी है. खरीद की धीमी रफ्तार का अहम कारण कोरोना वायरस के अलावा बोरों की किल्लत भी है, जिसके लिए शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सप्लाई के बोरों को रीयूज कर इस्तेमाल में लाये जाने की रणनीति तैयार की गई है.

जिले में खरीद की धीमी रफ्तार के आगे लॉकडाउन रोड़ा बना ही हुआ है, साथ ही बारदाना व बोरों की किल्लत भी खरीद में बाधा उत्पन्न कर रही थी. इसके लिए शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुसार सप्लाई में इस्तेमाल किये जा रहे बोरों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके लिए जिला पूर्ति विभाग के जरिये सभी कोटेदारों को आदेश दिए गए हैं की वे सप्लाई के बोरों को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं, जिससे कि सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद की रफ्तार को बढ़ाया जा सके और जल्द से जल्द लक्ष्य को पूरा किया जा सके.

एडीएम संजय कुमार सिंह ने मामले की विधिवत जानकारी से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि धीमी खरीद के बाद भी जिला खरीद के मामले में दूसरे स्थान पर चल रहा है. कुछ समस्याएं आ रही हैं, जैसे लॉकडाउन के दौरान किसानों का क्रय केंद्रों पर कम पहुंच पाना. साथ ही बोरों की खरीद से भी अड़चन पैदा हुई है. इसके लिए कोटेदारों से सप्लाई के बोरे इकठ्ठा किये जा रहे हैं, ताकि उन बोरों को री-यूज कर गेहूं खरीद की रफ्तार बढ़ाई जा सके. प्रशासन किसानों का गेहूं खरीदने के लिए पूर्ण रूप से कटिबद्ध है. जल्द से जल्द लक्ष्य प्राप्त होगा.

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