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हरदोई: होली के त्योहार से इस तरह जुड़ा है यूपी का राजकीय फूल

होली पर रंगों का इस्तेमाल का चलन बहुत पुराना है. आजकल रासायनिक रंगों का प्रयोग ज्यादा किया जा रहा है लेकिन पूर्व में रंगों को बनाने में फूलों का उपयोग होता था. उत्तर प्रदेश का मौजूदा राजकीय फूल भी इन्हीं फूलों में से एक है. आम लोग होली और इस फूल के जुड़ाव से अनजान हैं.

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Published : Mar 21, 2019, 12:06 PM IST

होली के रंग और टेसू के फूल

हरदोई: होली रंगों का त्योहार है. इस पर्व पर रंगों का विशेष महत्व रहता है. पूर्व में जिन रंगों से होली का पर्व मनाया जाता था, वे रंग मौजूदा राजकीय पुष्प 'पलाश' से तैयार किए जाते थे. हैरानी की बात ये है कि लोगों को इस फूल के बारे और इसे राजकीय पुष्प घोषित किये जाने के पीछे के कारणों की जानकारी नहीं है.

होली के रंग और टेसू के फूल

आजकल होली में प्रयोग किए जाने वाले रंग केमिकल से भरपूर होते हैं. इसके बावजूद लोग धड़ल्ले से इनका उपयोग करते हैं. इससे त्वचा व सेहत संबंधी तमाम दिक्कतें हो जाती हैं, लेकिन पूर्व में लोग होली पर टेसू के फूल से बने रंगों का इस्तेमाल करते थे. टेसू यानी पलाश एक हर्बल पुष्प है. हर्बल रंग बनाने में इस फूल का इस्तेमाल जाता था.

इस पुष्प को पानी में खौला कर इसमें से जो रंग निकलता था उसी से होली का त्योहार मनाया जाता था. ऐसा माना जाता था कि इस पुष्प से बने रंग से पूरे वर्ष में हुए त्वचा के संक्रमण दूर हो जाते थे. आज के दौर में इस पुष्प से बने हर्बल रंगों का इस्तेमाल बेहद कम होता है.

पलाश का फूल गर्मी के सीजन में अपने यौवन में होता है. वन विभाग की हरदोई सिटी रेंज के रेंजर ने बताया कि पलाश पुष्प से बने हर्बल रंग सिर्फ त्वचा रोगों को ही नहीं बल्कि शरीर की अन्य बीमारियों को भी रोकने में लाभदायक साबित होते हैं. होली के पर्व से खास ताल्लुक रखने वाला यह राजकीय फूल आज अपनी पहचान खोता नजर आ रहा है.

हरदोई: होली रंगों का त्योहार है. इस पर्व पर रंगों का विशेष महत्व रहता है. पूर्व में जिन रंगों से होली का पर्व मनाया जाता था, वे रंग मौजूदा राजकीय पुष्प 'पलाश' से तैयार किए जाते थे. हैरानी की बात ये है कि लोगों को इस फूल के बारे और इसे राजकीय पुष्प घोषित किये जाने के पीछे के कारणों की जानकारी नहीं है.

होली के रंग और टेसू के फूल

आजकल होली में प्रयोग किए जाने वाले रंग केमिकल से भरपूर होते हैं. इसके बावजूद लोग धड़ल्ले से इनका उपयोग करते हैं. इससे त्वचा व सेहत संबंधी तमाम दिक्कतें हो जाती हैं, लेकिन पूर्व में लोग होली पर टेसू के फूल से बने रंगों का इस्तेमाल करते थे. टेसू यानी पलाश एक हर्बल पुष्प है. हर्बल रंग बनाने में इस फूल का इस्तेमाल जाता था.

इस पुष्प को पानी में खौला कर इसमें से जो रंग निकलता था उसी से होली का त्योहार मनाया जाता था. ऐसा माना जाता था कि इस पुष्प से बने रंग से पूरे वर्ष में हुए त्वचा के संक्रमण दूर हो जाते थे. आज के दौर में इस पुष्प से बने हर्बल रंगों का इस्तेमाल बेहद कम होता है.

पलाश का फूल गर्मी के सीजन में अपने यौवन में होता है. वन विभाग की हरदोई सिटी रेंज के रेंजर ने बताया कि पलाश पुष्प से बने हर्बल रंग सिर्फ त्वचा रोगों को ही नहीं बल्कि शरीर की अन्य बीमारियों को भी रोकने में लाभदायक साबित होते हैं. होली के पर्व से खास ताल्लुक रखने वाला यह राजकीय फूल आज अपनी पहचान खोता नजर आ रहा है.
Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250 एंकर--होली के इस पावन पर्व में रंगों का विशेष महत्व रहता है।ये त्यौहार रंगों का त्यौहार है, लेकिन इसमें इस्तेमाल में लाए जाने वाले रंग हमारी सेहत व त्वचा के लिए कितने हानिकारक हैं, इसका अंदाज़ा शायद लोगों को नहीं है।हालांकि पूर्व में जिन रंगों से होली का ये पर्व मनाया जाता था, वो रंग आज के हमारे राज्य पुष्प से तैयार किये जाते थे।ये हैरानी की बात इस लिए है क्योंकि लोगों को इस पुष्प के बारे में और इसे राज्य पुष्प घोषित किये जाने के पीछे के कारणों की जानकारी शायद नहीं है।हालांकि होली के पर्व में इस पलास के पुष्प की एक अलग महानता है।


Body:वीओ--1--होली में खेले जाने वाले रंगों की बात अगर करें तो ये आज के समय मे कैमिकल से भरपूर होते हैं।लेकिन इस बात से अनजान लोग भरपूर तरीके से इनका उपयोग करते हैं और अपने लिए तमाम तरह की समस्याएं पैदा कर लेते हैं।लेकिन बात अगर पूर्व की करें तो पूर्व में लोग होली के इस पर्व में जिन रंगों का प्रयोग करते थे वो टेसू के फूल से बने हुए होते थे।टेसू यानी पलास का पुष्प एक हर्बल पुष्प है जिससे हर्बल रंग बनाया जाता था।इस पुष्प को पानी मे खौला कर इसमें से जो रंग निकलता था उसी से इस रंग के पर्व को मनाया जाता था।मानना है कि इस पुष्प से बने रंग से पूरे वर्ष में हुए त्वचा के संक्रमण दूर हो जाते थे।लेकिन आज के दौर में बहुत ही कम इस पुष्प से बने हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। वीओ--2--वन विभाग के जिम्मेदारों ने इस विषय मे जानकारी दी कि ये टेसू यानी कि पलास का पुष्प गर्मी के सीजन में अपने यौवन में होता है।इस मौसम में इस पेड़ पर सिर्फ फूल होते हैं।इसी के साथ उन्होंने इस पुष्प की उपियोगिताओं और होली में इसके महत्व का वर्णन किया।कहा कि इससे बने हर्बल रंग सिर्फ त्वचा रोगों को ही नहीं बल्कि शरीर मे पैदा अन्य बीमारियों में भी लाभदायक साबित होते हैं।लेकिन होली के इस पर्व से खास ताल्लुख रक्चने वाला ये राज्य पुष्प आज अपनी पहचान खोता जरूर नज़र आ रहा है।विधिवत जानकारी से वन विभाग की हरदोई सिटी की रेंज के रेंजर ने अवगत कराया। बाईट--रेंजर--हरदोई पीटूसी


Conclusion:
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