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हरदोई: ओडीएफ अभियान की पोल खोल रहे जिले में बने शौचालय

उत्तर प्रदेश के हरदोई में तमाम ऐसे गांव हैं, जहां शौचालयों के निर्माण को लेकर काफी लंबे समय से धांधली चल रही है. ग्राम प्रधान से लेकर जिला प्रशासन तक की मिलीभगत से ओडीएफ अभियान किस तरह फल-फूल रहा है. देखिये ये खास रिपोर्ट...

ओडीएफ अभियान के तहत शौचालय के निर्माण में हो रही धांधली
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Published : Sep 29, 2019, 8:06 AM IST

हरदोई: जिले में विगत लंबे समय से पीएम मोदी के चलाए गए ओडीएफ अभियान में धांधली के मामले सामने आते रहे हैं. पूर्व में सिर्फ कागजी कार्रवाई करते हुए शौचालय बनावने को लेकर जिले का विकास विभाग चर्चाओं में था लेकिन अब इन शौचालयों के बनने के बाद इनकी जमीनी हकीकत सामने आने लगी है.

ओडीएफ अभियान के तहत शौचालय के निर्माण में हो रही धांधली.

इसे भी पढ़ें :- हरदोई में प्याज की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेसियों ने सरकार पर बोला हमला

शौचालयों की धांधली से परेशान ग्रामीण
शौचालय बनाने को लेकर जिला प्रशासन की बड़ी धांधली सामने आई है. प्रशासन द्वारा बनाए गए शौचालय कुछ ही दिनों में जर्जर हो चुके हैं. ग्रामीणों से बात करने पर शौचालयों की हकीकत सामने आई. हालात ये हैं कि आज भी महिलाएं पहले की तरह खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

तमाम गांव हैं शौचालयविहीन
जिले में आज भी तमाम गांव ऐसे हैं जहां लोगों को शौचालय मुहैया नहीं कराए गए हैं. तो कई गांव ऐसे हैं, जहां शौचालय बनवा तो दिए गए हैं लेकिन वह ज्यादा समय तक टिक नहीं सके हैं. जिले की आशा ग्राम पंचायत के बंजारन पुरवा गांव की बात करें तो यहां की स्थिति आज भी बेहद दयनीय है. वहीं ओडीएफ के तहत बनाए गए शौचालयों की मजबूती की बात की जाए तो हाथों से एक जोर का झटका मारने से ही इन्हें गिराया जा सकता है.

प्रधान डकार गए बजट के पैसे
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में करीब 5 से 6 सौ परिवारों में से केवल कुछ परिवारों को ही ओडीएफ के तहत शौचालय मिले लेकिन इन बनवाए गए शौचालयों में पीली ईंट और मिट्टी युक्त बालू का इस्तेमाल किया गया है. शौचालयों के निर्माण के लिये आई धनराशि को प्रधान ने ले लिया और कहा कि वे इन्हें भली भांति बनवा देंगे लेकिन प्रधान ने आधा पैसा अपने जेब में रखते हुए कुछ पैसों का ही ये कच्चा शौचालय तैयार करवा दिया.

हादसे को न्यौता दे रहा अधूरा बना शौचालय
जहां कुछ शौचालयों की स्थिति कुछ ही दिनों में जर्जर हो गई है तो वहीं कुछ शौचालय आज भी अधूरे पड़े हुए हैं. इन शौचालयों में दीवारें तो बनी हैं लेकिन अंदर सीट और पाइप दोनों ही नहीं लगवाए गए हैं. वहीं इनके टैंकों को भी अंदर से पक्का नहीं कराया गया है और खुला छोड़ दिया गया है. इस तरह कोई बच्चा इसमें गिरकर किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकता है.

इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे बंजारनपुरवा गांव के हज़ारों लोग आज भी सरकार और प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं लेकिन जिले के जिम्मेदार सरकार इस कार्यदायी योजना की धज्जियां उड़ाने का काम कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान की मिलीभगत से ये सारा काम बेकार किया गया, जिसका हर्जाना हम भुगत रहे हैं.

मामले का संज्ञान ले लिया गया है. ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से उक्त प्रकरण की जांच गहनता से कराई जाएगी. इस तरह के कार्य में लिप्त पाए जाने पर जिम्मेदारों के ऊपर कड़ी कार्रवाई भी होगी.
-निधि गुप्ता, सीडीओ

हरदोई: जिले में विगत लंबे समय से पीएम मोदी के चलाए गए ओडीएफ अभियान में धांधली के मामले सामने आते रहे हैं. पूर्व में सिर्फ कागजी कार्रवाई करते हुए शौचालय बनावने को लेकर जिले का विकास विभाग चर्चाओं में था लेकिन अब इन शौचालयों के बनने के बाद इनकी जमीनी हकीकत सामने आने लगी है.

ओडीएफ अभियान के तहत शौचालय के निर्माण में हो रही धांधली.

इसे भी पढ़ें :- हरदोई में प्याज की बढ़ती कीमतों पर कांग्रेसियों ने सरकार पर बोला हमला

शौचालयों की धांधली से परेशान ग्रामीण
शौचालय बनाने को लेकर जिला प्रशासन की बड़ी धांधली सामने आई है. प्रशासन द्वारा बनाए गए शौचालय कुछ ही दिनों में जर्जर हो चुके हैं. ग्रामीणों से बात करने पर शौचालयों की हकीकत सामने आई. हालात ये हैं कि आज भी महिलाएं पहले की तरह खुले में शौच जाने को मजबूर हैं.

तमाम गांव हैं शौचालयविहीन
जिले में आज भी तमाम गांव ऐसे हैं जहां लोगों को शौचालय मुहैया नहीं कराए गए हैं. तो कई गांव ऐसे हैं, जहां शौचालय बनवा तो दिए गए हैं लेकिन वह ज्यादा समय तक टिक नहीं सके हैं. जिले की आशा ग्राम पंचायत के बंजारन पुरवा गांव की बात करें तो यहां की स्थिति आज भी बेहद दयनीय है. वहीं ओडीएफ के तहत बनाए गए शौचालयों की मजबूती की बात की जाए तो हाथों से एक जोर का झटका मारने से ही इन्हें गिराया जा सकता है.

प्रधान डकार गए बजट के पैसे
ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में करीब 5 से 6 सौ परिवारों में से केवल कुछ परिवारों को ही ओडीएफ के तहत शौचालय मिले लेकिन इन बनवाए गए शौचालयों में पीली ईंट और मिट्टी युक्त बालू का इस्तेमाल किया गया है. शौचालयों के निर्माण के लिये आई धनराशि को प्रधान ने ले लिया और कहा कि वे इन्हें भली भांति बनवा देंगे लेकिन प्रधान ने आधा पैसा अपने जेब में रखते हुए कुछ पैसों का ही ये कच्चा शौचालय तैयार करवा दिया.

हादसे को न्यौता दे रहा अधूरा बना शौचालय
जहां कुछ शौचालयों की स्थिति कुछ ही दिनों में जर्जर हो गई है तो वहीं कुछ शौचालय आज भी अधूरे पड़े हुए हैं. इन शौचालयों में दीवारें तो बनी हैं लेकिन अंदर सीट और पाइप दोनों ही नहीं लगवाए गए हैं. वहीं इनके टैंकों को भी अंदर से पक्का नहीं कराया गया है और खुला छोड़ दिया गया है. इस तरह कोई बच्चा इसमें गिरकर किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकता है.

इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे बंजारनपुरवा गांव के हज़ारों लोग आज भी सरकार और प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं लेकिन जिले के जिम्मेदार सरकार इस कार्यदायी योजना की धज्जियां उड़ाने का काम कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान की मिलीभगत से ये सारा काम बेकार किया गया, जिसका हर्जाना हम भुगत रहे हैं.

मामले का संज्ञान ले लिया गया है. ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से उक्त प्रकरण की जांच गहनता से कराई जाएगी. इस तरह के कार्य में लिप्त पाए जाने पर जिम्मेदारों के ऊपर कड़ी कार्रवाई भी होगी.
-निधि गुप्ता, सीडीओ

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिले में विगत लंबे समय से ओडीएफ अभियान में धांधली के मामले संज्ञान में आते रहे हैं।पूर्व में कागजों पर शौंचालय बनवाये जाने को लेकर जिले का विकास विभाग चर्चाओं में रह रहा था।तो अब इन शौचालयों का बनने के बाद इनकी जमीनी हकीकत सामने आने लगी है।इन्हें बनाने में कई गयी धांधली का पता इनके कुछ ही दिनों में जर्जर हो जाने के बाद लगा।ग्रामीणों ने यहां बनाये गए शौंचालयों कि हकीकत से रूबरू कराते हुए आ रही समस्याओं की जानकारी भी दी।आज भी जिले में पूर्व की भांति महिलाएं खुले में शौंच करने को मजबूर हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले में आज भी तमाम गांव ऐसे हैं जहां शौंचालय लोगों को नहीं मुहैया कराए जा सके हैं।तो कई गांव ऐसे हैं जहां शौंचालय बनवा तो दिए गए।ये तस्वीरें हैं जिले की आशा ग्राम पंचायत के बंजारन पुरवा गांव की जहां की की स्थिति आज बेहद दयनीय है।यहां ओडीएफ के तहत बनाये गए शौंचालयों कि मजबूती की बात अगर करें तो हाथों से एक जोर का झटका मारने से इन्हें गिराया जा सकता है।ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में मौजूद करीब 5 से 6 सौ परिवारों में से कुछ को ही शौंचालय मिले।लेकिन इन बनवाये गए शौंचालयों में पीली ईंट व मिट्टी युक्त बालू का इस्तेमाल किया गया है।आरोप है कि शौंचालयों को बनवाने के लिए आई धनराशि को प्रधान ने ये कहकर ले लिया था कि वो इन्हें भलभांति बनवा कर तैयार करवा देगा।लेकिन उसने आधा पैसा अपनी जेब मे रख शेष बचे पैसों से इन्हें बनवा कर तैयार करवा दिया।आरोप है कि आज इसी कारण इनकी स्थिति कुछ ही दिनों में जर्जर हो गयी है।तो कुछ एक के शौंचालय आज भी अधूरे हैं, इनमें दीवार तो बनी हैं लेकिन अंदर न ही तो शीट है और न ही पाइप डलवाये गए हैं।वहीं इनके टैंकों को भी अंदर से पक्का नहीं कराया गया और खुला छोड़ दिया गया है।इससे कभी भी कोई बच्चा इसमें गिर कर किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकता है।इसी तरह की समस्याओं का सामना कर रहे बंजारनपुरवा गांव के हज़ारों लोग आज भी सरकार व प्रशासन से आस लगाए बैठे हैं।लेकिन जिले के जिम्मेदार सरकार की इस कार्यदायी योजना की धज्जियां उड़ाने का काम कर रहे हैं।जिसका जीतता जाता उदाहरण बंजारनपुरवा गांव में बने शौंचालय और यहां के ग्रामीणों का कैमरे के सामने बयान होता दर्द है।

विसुअल

वीओ--2--ग्रामीणों ने कैमरे के सामने आते ही यहां शौंचालयों को बनवाये जाने में हुई धांधली व इनमें इस्तेमाल निम्न स्तर के मटेरियल की जानकारी दी।कहा कि प्रधान की मिलीभगत से ये सारा काम किया गया जिसका हर्जाना हम भुगत रहे हैं।आज भी इस गांव की महिलाएं पूर्व की भांति खुले में शौंच करने को मजबूर हैं।

बाईट--1--राजकुमार--ग्रामीण
बाईट--2--रश्मि--ग्रामीण
बाईट--3--राजश्री--ग्रामीण

वीओ--3--वहीं पूरे मामले की जानकारी सीडीओ निधि गुप्ता ने दी कहा कि मामले का संज्ञान ले लिया गया है।कहा कि ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से उक्त प्रकरण की जांच गहनता से कराई जाएगी।वहीं लिप्त पाए जाने पर जिम्मेदारों के ऊपर कार्यवाही भी होगी।

बाईट--4--निधि गुप्ता--सीडीओ हरदोई


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