ETV Bharat / state

हरदोई: धान बेचने को भटक रहे किसान, खरीद प्रक्रिया पर इन्होंने किया कब्जा

यूपी के हरदोई में धान खरीद न होने से परेशान किसानों ने किसान यूनियन के बैनर तले प्रदर्शन किया. किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर धान खरीद की समस्या के निराकरण की मांग की. किसानों की मांग है कि सरकारी क्रय केंद्र बढ़ाए जाएं और किसानों का शत प्रतिशत धान खरीदा जाए.

किसानों ने जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन.
किसानों ने जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन.
author img

By

Published : Oct 27, 2020, 3:24 AM IST

हरदोई: जिले में धान न खरीदे जाने से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि उनका धान सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा जा रहा है. लिहाजा किसानों को औने पौने दामों पर अपना धान बेचना पड़ रहा है. किसानों की मांग है कि सरकारी क्रय केंद्र बढ़ाए जाएं और किसानों का शत प्रतिशत धान खरीदा जाए, ताकि किसानों को अपने अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके. किसानों की मानें तो अगर उनका धान नहीं खरीदा गया तो किसान बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर धान खरीद की समस्या के निराकरण की मांग की है.


हरदोई जिले में धान खरीद केंद्रों पर धान न खरीदे जाने को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों ने प्रदर्शन किया. दरअसल विगत एक अक्टूबर से जनपद में धान खरीद की शुरुआत हुई. धान खरीद केंद्रों पर अव्यवस्था के चलते किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है. किसानों का आरोप है कि धान खरीद केंद्र पर उनके धान को नमी और खराब बताकर वापस किया जा रहा है, जिसके चलते किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. धान खरीद केंद्रों पर दो-तीन दिन खड़े रहने के बावजूद किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. ऐसे में किसानों को व्यापारियों के हाथों ₹1000 में अपना धान बेचना पड़ रहा है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है.

90% किसान व्यापारियों के हाथों धान बेचने को मजबूर

धान की उपज के बाद किसान अपना धान मंडी लेकर पहुंच रहे हैं. सरकारी गल्ला मंडी में कुछ हद तक किसानों का गेहूं खरीदा जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाके में किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. ऐसे में सरकारी क्रय केंद्र पर धान न बिकने की वजह से किसानों को काफी घाटा हो रहा है. किसानों का कहना है कि पैदावार के मुताबिक 10% धान खरीद का सरकार ने लक्ष्य दिया है. लिहाजा 90% किसान व्यापारियों के हाथों धान बेचने को मजबूर है. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार उनका शत-प्रतिशत धान खरीदे, जिससे किसानों के लिए धान की फसल घाटे का सौदा न साबित हो. किसानों को अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके और अगली फसल भी समय से बोई जा सके.

13 लाख 50 हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य

जनपद को इस बार शासन से 13 लाख 50 हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य मिला है. इसके लिए जनपद में विभिन्न एजेंसियों के 80 धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं. धान खरीद के लिए शासन ने 1868 समर्थन मूल्य तय किया है, जिसके अनुसार किसानों का धान खरीद कर उन्हें इसका भुगतान किया जा रहा है. किसानों को अपना धान बेचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद भी किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. लिहाजा जिला प्रशासन से किसानों ने धान खरीद की समस्या के निराकरण की मांग की है.

भारतीय किसान यूनियन ने की मांग

इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राज बहादुर सिंह का कहना है कि दबंग राशन माफिया और मिलर्स का दबाव है, जिसके चलते किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. उनकी मांग है कि सरकारी क्रय केंद्र बढ़ाए जाएं. सरकार सभी का धान खरीदे, जिससे किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सके. अगर किसानों का धान नहीं खरीदा गया तो जिले के किसान बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

हरदोई: जिले में धान न खरीदे जाने से किसान परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि उनका धान सरकारी क्रय केंद्रों पर नहीं खरीदा जा रहा है. लिहाजा किसानों को औने पौने दामों पर अपना धान बेचना पड़ रहा है. किसानों की मांग है कि सरकारी क्रय केंद्र बढ़ाए जाएं और किसानों का शत प्रतिशत धान खरीदा जाए, ताकि किसानों को अपने अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके. किसानों की मानें तो अगर उनका धान नहीं खरीदा गया तो किसान बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे. किसान यूनियन के बैनर तले किसानों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर धान खरीद की समस्या के निराकरण की मांग की है.


हरदोई जिले में धान खरीद केंद्रों पर धान न खरीदे जाने को लेकर सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में किसानों ने प्रदर्शन किया. दरअसल विगत एक अक्टूबर से जनपद में धान खरीद की शुरुआत हुई. धान खरीद केंद्रों पर अव्यवस्था के चलते किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है. किसानों का आरोप है कि धान खरीद केंद्र पर उनके धान को नमी और खराब बताकर वापस किया जा रहा है, जिसके चलते किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है. धान खरीद केंद्रों पर दो-तीन दिन खड़े रहने के बावजूद किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. ऐसे में किसानों को व्यापारियों के हाथों ₹1000 में अपना धान बेचना पड़ रहा है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है.

90% किसान व्यापारियों के हाथों धान बेचने को मजबूर

धान की उपज के बाद किसान अपना धान मंडी लेकर पहुंच रहे हैं. सरकारी गल्ला मंडी में कुछ हद तक किसानों का गेहूं खरीदा जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाके में किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. ऐसे में सरकारी क्रय केंद्र पर धान न बिकने की वजह से किसानों को काफी घाटा हो रहा है. किसानों का कहना है कि पैदावार के मुताबिक 10% धान खरीद का सरकार ने लक्ष्य दिया है. लिहाजा 90% किसान व्यापारियों के हाथों धान बेचने को मजबूर है. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार उनका शत-प्रतिशत धान खरीदे, जिससे किसानों के लिए धान की फसल घाटे का सौदा न साबित हो. किसानों को अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिल सके और अगली फसल भी समय से बोई जा सके.

13 लाख 50 हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य

जनपद को इस बार शासन से 13 लाख 50 हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य मिला है. इसके लिए जनपद में विभिन्न एजेंसियों के 80 धान खरीद केंद्र बनाए गए हैं. धान खरीद के लिए शासन ने 1868 समर्थन मूल्य तय किया है, जिसके अनुसार किसानों का धान खरीद कर उन्हें इसका भुगतान किया जा रहा है. किसानों को अपना धान बेचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद भी किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. लिहाजा जिला प्रशासन से किसानों ने धान खरीद की समस्या के निराकरण की मांग की है.

भारतीय किसान यूनियन ने की मांग

इस मामले में भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राज बहादुर सिंह का कहना है कि दबंग राशन माफिया और मिलर्स का दबाव है, जिसके चलते किसानों का धान नहीं बिक पा रहा है. उनकी मांग है कि सरकारी क्रय केंद्र बढ़ाए जाएं. सरकार सभी का धान खरीदे, जिससे किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य मिल सके. अगर किसानों का धान नहीं खरीदा गया तो जिले के किसान बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.