हरदोईः प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आवारा गोवंश की समस्याओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे. निर्देश में कहा गया था कि निराश्रित गोवंश को पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जाए. इससे उम्मीद लगाई जा रही थी कि किसानों को दिन रात जगकर अपनी फसलों की रखवाली नहीं करनी पड़ेगी. वहीं इन निर्देशों के बावजूद अभी भी गोवंश किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए देखे जा सकते हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के बाद किसानों को आवारा गोवंश की समस्या से निजात दिलाने के लिए पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया था. इन आश्रय स्थलों में सभी आवारा गोवंश को रखने के निर्देश दिए थे. इसके बावजूद भी प्रशासनिक हीला हवाली के चलते अभी भी तमाम आवारा गोवंश खुलेआम घूमते देखे जा सकते हैं.
जिले में प्रशासन ने 78 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया था. साथ ही प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. सभी आवारा गोवंश को इन्हीं पशु आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाना था. यहां इनके चारे-पानी और रहने का प्रबंध किया गया, लेकिन प्रशासन की लापरवाही आम लोगों पर भारी पड़ गई. शुरुआत में आवारा गोवंश को पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाने के लिए जोर-शोर से प्रयास किए गए. उसके बाद आवारा गोवंश किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गए.
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दरअसल ग्रामीण इलाके में आवारा गोवंश से किसान बेहाल हैं. निराश्रित आवारा गोवंश किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हालांकि किसान दिन-रात जागकर खेतों की रखवाली करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें अपनी फसल बचाना मुश्किल साबित हो रहा है. इसके अलावा आवारा गोवंश की वजह से तमाम सड़क दुर्घटनाएं भी होती हैं. हालांकि इस मामले में प्रशासन का दावा है कि निराश्रित आवारा गोवंश को सरकार की मंशा के अनुरूप पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा रहा है.