हरदोई: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना किसानों के लिए मुफीद साबित हो रही है. योजना की ओर किसानों का तेजी से रुझान बढ़ रहा है. किसान ड्रिप विधि से खेती कर जहां पानी बर्बाद होने से बचा रहे हैं. इससे फसलों की उपज भी बढ़ रही है. उद्यान विभाग लगातार किसानों को ड्रिप विधि से खेती करने के लिए आकर्षित कर रहा है. इस विधि से जनपद में 300 हेक्टेयर जमीन पर खेती कर किसान मुनाफा कमा रहे हैं.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से खेती कर रहे किसान
- उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरुआत की गई थी.
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली से पानी की कम मात्रा इस्तेमाल होती है.
- इसके लिए सरकार प्रोत्साहन के रूप में किसानों को सब्सिडी मुहैया करा रही है.
- इस विधि से खेती करने से 40 से 50% पानी की बचत होती है.
- कृषि उत्पादकता भी बढ़ती है और खाद की बर्बादी कम होती है.
- खेतों में खरपतवार भी कम उगते हैं. कम लागत, कम मेहनत में आय दोगुनी हो जाती है.
इस योजना से किसानों को काफी लाभ मिल रहा है. अब तक 300 हेक्टेयर भूमि पर आधुनिक तरीक से केला, मशरुम, आलू, औषधीय खेती सहित गन्ने की खेती की जा रही है. इसके लिए सरकार उपकरणों में 90% तक अनुदान दे रही है. यह योजना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है.
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किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री सिंचाई योजना बहुत ही अच्छी योजना है. इससे काफी सहूलियत होती है. इस योजना से पानी कम खर्च होता है. खाद का भी सही इस्तेमाल हो जाता है और कम लागत आती है.
किसानों की आय बढ़ाने और उनकी माली हालत सुधारने के लिए यह योजना का शुभारंभ किया गया था. ड्रिप स्प्रिंकलर विधि से खेती करने के लिए सलाह दी जाती है. इससे खेत में 50% पानी की बचत होती है. कम लागत और कम मेहनत में उनकी आय दोगुनी होती है. किसानों को उपकरण देने के लिए विभाग की ओर से 90% तक का अनुदान दिया जाता है. किसानों का पंजीकरण कराया जा रहा है.
-वीरेंद्र यादव, डिप्टी डायरेक्टर, उद्यान विभाग लखनऊ मंडल