लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में तैनात लखनऊ समेत 10 यात्री कर अधिकारियों को परिवहन विभाग की तरफ से नोटिस दिया गया है. उनसे लक्ष्य हासिल न कर पाने के चलते स्पष्टीकरण तलब हुआ है. इन यात्री कर अधिकारियों में लखनऊ के यात्री कर भी शामिल हैं. यह सभी पीटीओ दिए गए टारगेट का 40% से भी कम राजस्व अर्जित कर पाए. एक अप्रैल 2024 से लेकर 31 जनवरी 2025 तक की प्रवर्तन कार्रवाई की समीक्षा करने पर इन सभी अफसरों को फिसड्डी पाया गया है.
जिन यात्री कर अधिकारियों से नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनमें लखनऊ में तैनात यात्री कर अधिकारी मनोज भारद्वाज ने कुल 225 दिन चेकिंग की. उन्हें 380 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया था. वह 148 लाख 32 हजार रुपए ही वसूल कर पाए. उनका प्रतिशत 39.03 रहा. चंदौली में तैनात पीटीओ ललित कुमार मालवीय को 114 लाख रपये का लक्ष्य दिया गया था. लेकिन वह 42 लाख रुपए ही राजस्व अर्जित कर पाए.
कुशीनगर में तैनात पीटीओ बलवंत सिंह ने 49 दिन चेकिंग की. 90 लाख का लक्ष्य था. 32 लाख से कुछ ज्यादा ही वसूल कर पाए. गोरखपुर में तैनात पीटीओ रमापति ने 116 दिन चेकिंग की. 114 लाख का लक्ष्य था. 40.50 लाख ही वसूल कर पाए. मैनपुरी में तैनात पीटीओ इशरत अली ने 60 दिन चेकिंग की. 69 लाख का लक्ष्य था, 23.56 लाख ही हासिल कर पाए. देवरिया में तैनात पीटीओ अनिल तिवारी को 161 लाख का लक्ष्य दिया गया था. वह 54.80 लाख ही वसूल कर पाए. 149 दिन उन्होंने चेकिंग की.
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प्रयागराज में तैनात यात्री कर अधिकारी केकी मिश्रा ने 121 दिन चेकिंग की. 342 लाख रुपए का लक्ष्य था. 94.85 लाख ही वसूल कर पाईं. अयोध्या में तैनात यात्री कर अधिकारी रानी सेंगर ने 49 दिन चेकिंग की. 90 लाख रुपए का टारगेट था. 22 लाख 84 हजार रुपए ही वसूल कर पाईं. बलरामपुर में तैनात यात्री कर अधिकारी मदन चंद्र ने 80 दिन चेकिंग अभियान चलाया. 138 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया था. 30.46 लाख राजस्व वसूल कर पाए. भदोही में तैनात यात्री कर अधिकारी राजेश सिंह कुशवाहा को 300 लाख रुपए का लक्ष्य दिया गया था. 38.96 लाख ही वसूल कर पाए. उन्होंने 84 दिन चेकिंग अभियान चलाया. राजस्व वसूली का अनुपात सिर्फ 12.99 फीसद रहा.
परिवहन विभाग मुख्यालय पर तैनात आरटीओ (प्रवर्तन) नरेश वर्मा ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 से 31 जनवरी 2025 तक के चेकिंग अभियान और राजस्व वसूली की समीक्षा की गई. इसमें पाया गया कि कई यात्री कर अधिकारी लक्ष्य से काफी पीछे रह गए हैं. नोटिस भेज कर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है.
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