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प्रशासनिक कार्रवाई से आहत ग्रामीणों का प्रदर्शन, 25 से ज्यादा परिवार हुए बेघर - हरदोई खबर

हरदोई में प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. ग्राम समाज की जमीन पर दलित बस्ती के ग्रामीण अपने घर बनाकर रह रहे थे, जिसे प्रशासन ने उजाड़ दिया. इस प्रशासनिक कार्रवाई के चलते 25 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए. ऐसे में ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया.

हरदोई में प्रशासनिक कार्रवाई से आहत ग्रामीणों का प्रदर्शन
हरदोई में प्रशासनिक कार्रवाई से आहत ग्रामीणों का प्रदर्शन
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Published : Dec 15, 2020, 1:04 PM IST

हरदोई: जिले में प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. दरअसल, ग्राम समाज की जमीन पर पिछले 20 वर्षों से दलित बस्ती के ग्रामीण अपने आशियाने बनाकर रह रहे थे. जिसे प्रशासन ने उजाड़ दिया और सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया. इस प्रशासनिक कार्रवाई के चलते 25 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए. ऐसे में अब यह ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. ऐसे में महिला और बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. ग्रामीणों की माने तो प्रशासनिक कार्रवाई के चलते वह लोग बेघर हो गए हैं. ऐसे में उनके रहने के लिए कोई बंदोबस्त नहीं है, वह लोग इस भीषण सर्दी में जाएं तो कहां जाएं. ग्रामीणों ने प्रशासन से सरकारी आवास दिलाए जाने की मांग की है.

25 परिवारों के लोग हुए बेघर
जिले में कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीण तहसील सदर के अंतर्गत विकासखंड अहिरोरी के भीठा दान गांव के रहने वाले हैं. कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. ग्रामीणों के मुताबिक विगत 20 वर्षों पहले ग्राम पंचायत की खाली पड़ी भूमि पर उन्होंने अपनी झोपड़ी और कच्ची कोठरी बना ली थी. जिसमें वह लोग रह रहे थे. उनके परिवार और बच्चों के रहने के लिए उनके पास कोई दूसरी जगह भी नहीं है. ऐसे में बिना कोई पूर्व सूचना नोटिस दिए तहसीलदार की उपस्थिति मे जेसीबी मशीन से उनके आशियानों को गिरा दिया गया.

बेघर हुए ग्रामीणों ने मांगा सरकारी आवास
प्रशासन की कार्रवाई से उनका सारा गृहस्थी का सामान तबाह हो गया और उनके आशियाने जमींदोज हो गए. इसको लेकर प्रशासन से उन्होंने गुहार भी लगाई, लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई बात नहीं सुनी. ग्रामीणों के मुताबिक इस प्रशासनिक कार्रवाई से वह लोग बेघर हो गए. उनके रहने के लिए अब कोई ठिकाना नहीं रहा है. ऐसे में 25 परिवारों के लोग अब खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं. ऐसे में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे ग्रामीणों ने सरकारी आवास दिलाए जाने की मांग की है और प्रशासन से मदद न मिलने पर आमरण अनशन का ऐलान किया है.

इस बारे में समाजसेवी रीता सिंह का कहना है कि भीठादान गांव के रहने वाले इन ग्रामीणों को बगैर नोटिस दिए ही इनके घरों को गिरा दिया गया है. पिछले 20 वर्षों से यह लोग ग्राम समाज की जमीन पर काबिज थे. प्रशासन ने जमीन को कब्जा मुक्त कराया है. ऐसे में यह लोग प्रशासनिक कार्रवाई से बेघर हो गए हैं और प्रशासन से सरकारी आवास दिलाए जाने की गुहार लगा रहे हैं. दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले यह ग्रामीण खुले आसमान में जीवन जीने को मजबूर हैं, ऐसे में अगर प्रशासन ने इनकी मांग नहीं मानी तो यह लोग आमरण अनशन करेंगे.

हरदोई: जिले में प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. दरअसल, ग्राम समाज की जमीन पर पिछले 20 वर्षों से दलित बस्ती के ग्रामीण अपने आशियाने बनाकर रह रहे थे. जिसे प्रशासन ने उजाड़ दिया और सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया. इस प्रशासनिक कार्रवाई के चलते 25 से ज्यादा परिवार बेघर हो गए. ऐसे में अब यह ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. ऐसे में महिला और बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. ग्रामीणों की माने तो प्रशासनिक कार्रवाई के चलते वह लोग बेघर हो गए हैं. ऐसे में उनके रहने के लिए कोई बंदोबस्त नहीं है, वह लोग इस भीषण सर्दी में जाएं तो कहां जाएं. ग्रामीणों ने प्रशासन से सरकारी आवास दिलाए जाने की मांग की है.

25 परिवारों के लोग हुए बेघर
जिले में कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन करने पहुंचे ग्रामीण तहसील सदर के अंतर्गत विकासखंड अहिरोरी के भीठा दान गांव के रहने वाले हैं. कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले ग्रामीणों ने अपर जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया. ग्रामीणों के मुताबिक विगत 20 वर्षों पहले ग्राम पंचायत की खाली पड़ी भूमि पर उन्होंने अपनी झोपड़ी और कच्ची कोठरी बना ली थी. जिसमें वह लोग रह रहे थे. उनके परिवार और बच्चों के रहने के लिए उनके पास कोई दूसरी जगह भी नहीं है. ऐसे में बिना कोई पूर्व सूचना नोटिस दिए तहसीलदार की उपस्थिति मे जेसीबी मशीन से उनके आशियानों को गिरा दिया गया.

बेघर हुए ग्रामीणों ने मांगा सरकारी आवास
प्रशासन की कार्रवाई से उनका सारा गृहस्थी का सामान तबाह हो गया और उनके आशियाने जमींदोज हो गए. इसको लेकर प्रशासन से उन्होंने गुहार भी लगाई, लेकिन प्रशासन ने उनकी कोई बात नहीं सुनी. ग्रामीणों के मुताबिक इस प्रशासनिक कार्रवाई से वह लोग बेघर हो गए. उनके रहने के लिए अब कोई ठिकाना नहीं रहा है. ऐसे में 25 परिवारों के लोग अब खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं. ऐसे में कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे ग्रामीणों ने सरकारी आवास दिलाए जाने की मांग की है और प्रशासन से मदद न मिलने पर आमरण अनशन का ऐलान किया है.

इस बारे में समाजसेवी रीता सिंह का कहना है कि भीठादान गांव के रहने वाले इन ग्रामीणों को बगैर नोटिस दिए ही इनके घरों को गिरा दिया गया है. पिछले 20 वर्षों से यह लोग ग्राम समाज की जमीन पर काबिज थे. प्रशासन ने जमीन को कब्जा मुक्त कराया है. ऐसे में यह लोग प्रशासनिक कार्रवाई से बेघर हो गए हैं और प्रशासन से सरकारी आवास दिलाए जाने की गुहार लगा रहे हैं. दलित बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले यह ग्रामीण खुले आसमान में जीवन जीने को मजबूर हैं, ऐसे में अगर प्रशासन ने इनकी मांग नहीं मानी तो यह लोग आमरण अनशन करेंगे.

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