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हरदोई: क्वारंटाइन सेंटर में फंसे मूक बधिर, नहीं बता पा रहे घर का पता

लॉकडाउन के दौरान यूपी के हरदोई रेलवे स्टेशन पर एक मूक बधिर महिला व पुरुष जीआरपी को मिले थे. जीआरपी ने दोनों को कोरोना जांच के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी घर का पता न बता पाने के कारण वह वहीं फंसे हुए हैं.

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क्वारंटाइन सेंटर में फंसे मूक बधिर
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Published : Jul 11, 2020, 3:18 AM IST

हरदोई: जिले में वक्त और हालात ने एक वृद्ध पुरुष और महिला मूक बधिर को लाचार बना दिया है. अपनी बेबसी पर यह मूक बधिर आंसू बहा रहे हैं. लॉकडाउन के दौर में रेलवे स्टेशन पर मिले मूक बधिरों को जिला अस्पताल लाया गया और इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था.

डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी यह मूक बधिर जिला अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर में अपना जीवन काटने को मजबूर हैं. अपने घर जाने की जद्दोजहद में आस लगाए बैठे हैं. दोनों मूक बधिर अपने घर के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं. इस मामले में प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया गया है और दिव्यांग कल्याण विभाग इनकी मदद करेगा.

क्वारंटाइन सेंटर में फंसे मूक बधिर.

कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव
विगत 27 मई को रेलवे स्टेशन पर एक 72 वर्षीय वृद्ध और 55 वर्षीय महिला पाए गए थे, दोनों मूक बधिर हैं. वह अपना पता ठिकाना भी नहीं बता पा रहे थे. लिहाजा दोनों को जीआरपी जिला अस्पताल ले गयी और उनकी कोरोना वायरस की सैंपलिंग कराई गई, जिसमे दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आयी. फिर भी उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया. लेकिन क्वारंटाइन की अवधि खत्म होने के बावजूद भी यह दोनों अभी भी क्वारंटाइन सेंटर में हैं और अपने घर जाने को बेताब हैं.

दिव्यांग कल्याण विभाग करेगा मदद
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ट्रेनों की रोक पर यह यहीं रहने को विवश हो गए. हालांकि इस मामले में प्रशासनिक अफसरों ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है. अफसरों ने दोनों की भाषा समझने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी उनकी भाषा नहीं समझ सका. प्रशासनिक अफसरों ने दोनों की मदद के लिए दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित किया है.

सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया कि एक महिला और एक पुरुष जो मूक बधिर हैं, रेलवे स्टेशन पर मिले थे. जिन्हें जीआरपी के द्वारा जिला अस्पताल लाया गया था. कोरोना वायरस की रिपोर्ट उनकी निगेटिव आई और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. तब से वह यहीं पर हैं और अपने घर के बारे में भी नहीं बता पा रहे हैं. ऐसे में दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. निदेशालय स्तर से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है कि इनकी किस तरह से क्या मदद की जा सकती है. इस बारे में दिव्यांग कल्याण विभाग इनकी मदद करेगा.

हरदोई: जिले में वक्त और हालात ने एक वृद्ध पुरुष और महिला मूक बधिर को लाचार बना दिया है. अपनी बेबसी पर यह मूक बधिर आंसू बहा रहे हैं. लॉकडाउन के दौर में रेलवे स्टेशन पर मिले मूक बधिरों को जिला अस्पताल लाया गया और इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था.

डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी यह मूक बधिर जिला अस्पताल के क्वारंटाइन सेंटर में अपना जीवन काटने को मजबूर हैं. अपने घर जाने की जद्दोजहद में आस लगाए बैठे हैं. दोनों मूक बधिर अपने घर के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं. इस मामले में प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया गया है और दिव्यांग कल्याण विभाग इनकी मदद करेगा.

क्वारंटाइन सेंटर में फंसे मूक बधिर.

कोरोना रिपोर्ट आई निगेटिव
विगत 27 मई को रेलवे स्टेशन पर एक 72 वर्षीय वृद्ध और 55 वर्षीय महिला पाए गए थे, दोनों मूक बधिर हैं. वह अपना पता ठिकाना भी नहीं बता पा रहे थे. लिहाजा दोनों को जीआरपी जिला अस्पताल ले गयी और उनकी कोरोना वायरस की सैंपलिंग कराई गई, जिसमे दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आयी. फिर भी उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया. लेकिन क्वारंटाइन की अवधि खत्म होने के बावजूद भी यह दोनों अभी भी क्वारंटाइन सेंटर में हैं और अपने घर जाने को बेताब हैं.

दिव्यांग कल्याण विभाग करेगा मदद
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते ट्रेनों की रोक पर यह यहीं रहने को विवश हो गए. हालांकि इस मामले में प्रशासनिक अफसरों ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है. अफसरों ने दोनों की भाषा समझने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी उनकी भाषा नहीं समझ सका. प्रशासनिक अफसरों ने दोनों की मदद के लिए दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित किया है.

सिटी मजिस्ट्रेट जंग बहादुर यादव ने बताया कि एक महिला और एक पुरुष जो मूक बधिर हैं, रेलवे स्टेशन पर मिले थे. जिन्हें जीआरपी के द्वारा जिला अस्पताल लाया गया था. कोरोना वायरस की रिपोर्ट उनकी निगेटिव आई और उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है. तब से वह यहीं पर हैं और अपने घर के बारे में भी नहीं बता पा रहे हैं. ऐसे में दिव्यांग कल्याण विभाग को निर्देशित कर दिया गया है. निदेशालय स्तर से इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है कि इनकी किस तरह से क्या मदद की जा सकती है. इस बारे में दिव्यांग कल्याण विभाग इनकी मदद करेगा.

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