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हरदोई: हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क, प्रशासन कर रहा अनदेखी

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में तालाब में तब्दील हुई सड़क सरकार के दावों की पोल खोल रही है. इस सड़क पर वाहन आए दिन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि समस्या के बारे में अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समाधान नहीं किया गया.

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क्षतिग्रस्त सड़क.
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Published : Feb 2, 2020, 9:06 AM IST

हरदोई: जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर दूर मौजूद एआरटीओ कार्यालय से सटी हुई रोड विगत लंबे समय से बदहाल पड़ी हुई है. एआरटीओ दफ्तर भी इस तालाब के किनारे बनी सड़क की चपेट में आता जा रहा है. इस मार्ग पर आए दिन कोई न कोई वाहन रात में दुर्घटना का शिकार हो जाता है. कई स्कूल और सरकारी विभाग भी इस मार्ग पर मौजूद हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क.
ये तस्वीरें जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद उप संभागीय परिवहन विभाग से सटी हुई करीब 1 किलोमीटर लंबी सड़क की है. विगत कई वर्षों से बदहाल पड़ी यह सड़क गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई. यह तस्वीरें सरकार के दावों की जमीनी हकीकत बयान कर रही हैं. सड़क के किनारे बने तालाब में कटान होने से इस मार्ग की चौड़ाई महज 3 से 4 फुट रह गयी है, जिससे रोजाना यहां से निकलने वाले दुपहिया और चार पहिया वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. बेहटा चांद ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाली यह सड़क लखनऊ राजमार्ग की लिंक रोड भी है.

हादसे का शिकार हो रहे वाहन
जब लखनऊ रोड पर जाम की समस्या होती है तो अधिकांश वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस सड़क के तालाब में मिल जाने से रात्रि में यहां कई वाहन हादसे का शिकार भी हो चुके हैं. इस अंधेरी सड़क के किनारे बसे इलाके की आबादी करीब 5 हजार के आसपास है. इलाकाई लोगों ने बताया कि कई समस्या कई वर्षों से बरकरार है. कई बार संबंधित ग्राम प्रधान से लेकर बड़े अफसरों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान करना तो दूर कोई जिम्मेदार यहां झांकने तक नहीं आया है.

इसे भी पढ़ें- पांडव नगरी हस्तिनापुर को मिलेगी नई पहचान, मेरठ में बनेगा राष्ट्रीय संग्रहालय

इस मार्ग पर एक सरकारी बांट माप कार्यालय, दो निजी विद्यालय और एक गेस्ट हाउस मार्ग के किनारे बना हुआ है. यहां बने एआरटीओ दफ्तर की बाउंड्री वॉल भी इस तालाब की चपेट में आ गयी है. ऐसे में तालाब बनी सड़क के साथ ही अन्य समस्याओं से इलाके के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. स्कूली बच्चे भी इस मार्ग से खतरे के साए में निकलने को मजबूर हैं.जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने भविष्य में समाधान किए जाने का आश्वासन जरूर दिया.

हरदोई: जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर दूर मौजूद एआरटीओ कार्यालय से सटी हुई रोड विगत लंबे समय से बदहाल पड़ी हुई है. एआरटीओ दफ्तर भी इस तालाब के किनारे बनी सड़क की चपेट में आता जा रहा है. इस मार्ग पर आए दिन कोई न कोई वाहन रात में दुर्घटना का शिकार हो जाता है. कई स्कूल और सरकारी विभाग भी इस मार्ग पर मौजूद हैं. इसके बावजूद जिम्मेदार अफसर इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं.

हादसों को दावत दे रही क्षतिग्रस्त सड़क.
ये तस्वीरें जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद उप संभागीय परिवहन विभाग से सटी हुई करीब 1 किलोमीटर लंबी सड़क की है. विगत कई वर्षों से बदहाल पड़ी यह सड़क गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई. यह तस्वीरें सरकार के दावों की जमीनी हकीकत बयान कर रही हैं. सड़क के किनारे बने तालाब में कटान होने से इस मार्ग की चौड़ाई महज 3 से 4 फुट रह गयी है, जिससे रोजाना यहां से निकलने वाले दुपहिया और चार पहिया वाहनों का आवागमन प्रभावित हो रहा है. बेहटा चांद ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाली यह सड़क लखनऊ राजमार्ग की लिंक रोड भी है.

हादसे का शिकार हो रहे वाहन
जब लखनऊ रोड पर जाम की समस्या होती है तो अधिकांश वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. इस सड़क के तालाब में मिल जाने से रात्रि में यहां कई वाहन हादसे का शिकार भी हो चुके हैं. इस अंधेरी सड़क के किनारे बसे इलाके की आबादी करीब 5 हजार के आसपास है. इलाकाई लोगों ने बताया कि कई समस्या कई वर्षों से बरकरार है. कई बार संबंधित ग्राम प्रधान से लेकर बड़े अफसरों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन समस्या का समाधान करना तो दूर कोई जिम्मेदार यहां झांकने तक नहीं आया है.

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इस मार्ग पर एक सरकारी बांट माप कार्यालय, दो निजी विद्यालय और एक गेस्ट हाउस मार्ग के किनारे बना हुआ है. यहां बने एआरटीओ दफ्तर की बाउंड्री वॉल भी इस तालाब की चपेट में आ गयी है. ऐसे में तालाब बनी सड़क के साथ ही अन्य समस्याओं से इलाके के हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. स्कूली बच्चे भी इस मार्ग से खतरे के साए में निकलने को मजबूर हैं.जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने भविष्य में समाधान किए जाने का आश्वासन जरूर दिया.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--एक तरफ सरकार प्रदेश की सड़कों को गढ्ढा मुक्त करने का सपना देख रही है।तो जिले की सड़कें गढ्ढा मुक्त तो नहीं हो सकीं लेकिन सड़क मुक्त जरूर होती जा रही हैं।हम बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर दूर मौजूद एआरटीओ कार्यालय से सटी हुई रोड की जो विगत लंबे समय से बदहाल पड़ी हुई है।आज आलम ये है कि तालाब के कटान से इस 20 फुट लंबी सड़क की चौड़ाई 3 से 4 फुट ही रह गयी है।तो एआरटीओ दफ्तर भी अब इस तालाब की चपेट में आता जा रहा है और जल मग्न हो गया है।वहीं ये मार्ग अब खतरे का सबब भी बन गया है।आये दिन कोई न कोई वाहन रात में इस तालाब में गिर जाता है।तो कई स्कूल व सरकारी विभाग भी इसी 1 किलोमीटर लंबे मार्ग पर मौजूद हैं।ऐसे में जिम्मेदार अफ़सराम इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले में शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक आज भी तमाम ऐसे मार्ग हैं जहां से वाहन तो दूर पैदल भी लोग निकलना नहीं पसंद करते हैं।तो ये तस्वीरें भी सरकार के दावों की जमीनी हकीकत बयान कर रही हैं।जिला मुख्यालय से 2 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद उप संभागीय परिवहन विभाग से सटी हुई करीब 1 किलोमीटर लंबी सड़क विगत कई वर्षों से बदहाल पड़ी हुई है।ये सड़क गढ्ढा मुक्त यो नहीं हो पाई लेकिन सड़क मुक्त जरूर होती जा रही है।यहां सड़क के किनारे बने तालाब में कटान होने से आज इस मार्ग की चौड़ाई महज 3 से 4 फुट रह गयी है।जिससे रोजाना यहां से निकलने वाले 3 से 4 हज़ार दो पहिया व चौ पहिया वाहनों का आवागमन ठप हो रहा है।तो बेहटा चांद ग्राम सभा के अंतर्गत आने वाली ये सड़क लखनऊ राजमार्ग की लिंक रोड भी है।जब लखनऊ रोड पर जाम की समस्या होती है तो अधिकांश वाहन इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं।लेकिन आज इस सड़क के तालाब में मिल जाने से रात्रि में यहां कई वाहन हादसे का शिकार भी हो चुके हैं।तो इस अंधेरी सड़क के किनारे बसे इलाके की आबादी करीब 5 हज़ार के आस पास है।वहीं इलाकाई लोगों ने जानकारी दी कि कई वर्षों से ये समस्या यहां ऐसे ही बरकरार है।कई मर्तबा संबंधित ग्राम प्रधान से लेकर बड़े अफसरों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है।आज तक समस्या का समाधान किया जाना तो दूर कोई जिम्मेदार यहां झांकने तक नहीं आया है।तो इलाके के लोगों ने जानकारी दी कि उनकी खुद की गाड़ियां इस तालाब में दो बार गिर चुकी हैं।जिनको क्रेन से निकलवाया गया।वहीं इस मार्ग पर एक सरकारी बांट माप कार्यालय तो दो निजी विद्यालय मौजूद हैं।इसी के साथ एक गेस्ट हाउस भी यहां इसी मार्ग के किनारे बना हुआ है।एयर सबसे अहम एआरटीओ दफ्तर भी यही है।तो एआरटीओ कार्यालय की बाउंड्री वॉल भी अब इस तालाब की चपेट में आगयी है।ऐसे में तालाब बनी सड़क के साथ ही अन्य समस्याओं से भी इलाके के हज़ारों लोग प्रभावित हो रहे हैं।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--इलाके के लोगों ने जानकारी दी कि इस सड़क के किनारे बने तालाब में आये दिन जानवर भी गिर कर चोटिल हो जाते हैं।तो वाहनों के गरबे की घटनाएं भी अब आम हो गयी हैं।इसी के साथ यहां से हज़ारों वाहनों का आवागमन बरकरार रहता है।तो स्कूली बच्चे भी अब इस मार्ग से खतरे के साये में रह कर निकल रहे हैं।वहीं जिम्मेदार अधिकारीयों से बात करने पर वे कैमरे का सामना करने से कतराते नज़र आये हालांकि भविष्य में समाधान किये जाने का कोरा आश्वासन उन्होंने जरूर दिया।

बाईट--1--राजेश रस्तोगी--स्थानीय
बाईट--2--अधिवक्ता मनीष मिश्रा--स्थानीय

पीटूसी


Conclusion:
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