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हरदोई में बसें सीज, बस मालिकों ने किया प्रदर्शन - हरदोई में बस मालिकों का प्रदर्शन

यूपी के हरदोई में 26 बसों को सीज करने की कार्रवाई के बाद बस मालिकों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. बस यूनियन का आरोप है कि उनके सारे प्रपत्र वैध हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है.

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बस मालिकों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Nov 3, 2020, 7:07 PM IST

हरदोई: जिले में 26 बसों को सीज करने की कार्रवाई के बाद बस मालिकों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. बस यूनियन के लोगों का आरोप है कि उनके सारे प्रपत्र वैध हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. उनकी बसों को पुलिस लाइन में खड़ा करवा दिया गया है. बसों को सीज कर जुर्माने की कार्रवाई की गई है.

बस मालिकों ने प्रदर्शन कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बस मालिकों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस के द्वारा उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. दरअसल, दो नवंबर को शहर के घंटाघर रोड पर प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. यहां अनाधिकृत रूप से खड़ी 26 बसों को कब्जे में लिया गया था. इन बसों को सीज कर पुलिस लाइन परिसर में खड़ा कराया था. प्रशासन और पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हुए बस मालिकों के मुताबिक घंटाघर रोड से वर्षों से बस ऑपरेटरों का ट्रांसपोर्ट नगर के रूप में संचालित है.

कार्रवाई वापस न लेने पर भूख हड़ताल की चेतावनी
बस मालिक सतीश ने बताया कि सभी गाड़ियों के चालान कर दिए गए. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार वाहन के समस्त प्रपत्र 31 दिसंबर 2020 तक वैध हैं, जिसके चलते वाहन स्वामी कोविड-19 के कारण आर्थिक और मानसिक परेशानियों से गुजर रहे हैं. ऐसे में प्रशासनिक कार्रवाई से उनमें आक्रोश है. बस मालिकों ने बसों को अवमुक्त करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि शहर के बाहर उन्हें कहीं जगह दिला दी जाए, जिससे वह अपनी बसों का संचालन कर सकें. ऐसा न होने पर बस मालिकों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी.

हरदोई: जिले में 26 बसों को सीज करने की कार्रवाई के बाद बस मालिकों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. बस यूनियन के लोगों का आरोप है कि उनके सारे प्रपत्र वैध हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. उनकी बसों को पुलिस लाइन में खड़ा करवा दिया गया है. बसों को सीज कर जुर्माने की कार्रवाई की गई है.

बस मालिकों ने प्रदर्शन कर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. बस मालिकों का आरोप है कि प्रशासन और पुलिस के द्वारा उनको प्रताड़ित किया जा रहा है. दरअसल, दो नवंबर को शहर के घंटाघर रोड पर प्रशासन, पुलिस और परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. यहां अनाधिकृत रूप से खड़ी 26 बसों को कब्जे में लिया गया था. इन बसों को सीज कर पुलिस लाइन परिसर में खड़ा कराया था. प्रशासन और पुलिस की इस कार्रवाई के विरोध में लामबंद हुए बस मालिकों के मुताबिक घंटाघर रोड से वर्षों से बस ऑपरेटरों का ट्रांसपोर्ट नगर के रूप में संचालित है.

कार्रवाई वापस न लेने पर भूख हड़ताल की चेतावनी
बस मालिक सतीश ने बताया कि सभी गाड़ियों के चालान कर दिए गए. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार वाहन के समस्त प्रपत्र 31 दिसंबर 2020 तक वैध हैं, जिसके चलते वाहन स्वामी कोविड-19 के कारण आर्थिक और मानसिक परेशानियों से गुजर रहे हैं. ऐसे में प्रशासनिक कार्रवाई से उनमें आक्रोश है. बस मालिकों ने बसों को अवमुक्त करने के साथ ही जुर्माने की कार्रवाई वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि शहर के बाहर उन्हें कहीं जगह दिला दी जाए, जिससे वह अपनी बसों का संचालन कर सकें. ऐसा न होने पर बस मालिकों ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी.

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