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हरदोई: जिला अस्पताल की हकीकत बयान करता खतरे का यह काउंटर - hospital counter

हरदोई का जिला चिकित्सालय हमेशा से ही अपनी गैर जिम्मेदारियों की क्षवि के चलते चर्चाओं में रहता है. वहीं दवाइयों की कमी से भी अस्पताल अक्सर जूझता पाया गया है. चिकित्सालय की बिगड़ती हालत के चलते मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है.

हरदोई के जिला चिकित्सालय की बदहाल अवस्था.
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Published : Apr 4, 2019, 7:56 AM IST

हरदोई: जिले का यह सरकारी अस्पताल शहर के बीचो बीच मौजूद है. इसकी स्थिति विगत लंबे समय से दयनीय बनी हुई है. यहां न तो मरीजों को सुचारू रूप से इलाज मिल पाता है और न पर्याप्त दवाएं. इतना ही नहीं अब तो पर्चा बनवाने के लिए भी मरीज़ व उनके तीमारदारों को सुबह से शाम तक लम्बी कतार में इंतजार करना पड़ता है.

अस्पताल का पर्चा काउंटर गरीब मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए खतरे का काउंटर साबित हो रहा है. यहां पर्चा बनवाने के लिए मरीजों का झुंड आए दिन देखने को मलता है. इतने बड़े अस्पताल में जहां रोजाना करीब 1500 से 2000 के आस पास मरीज ओपीडी में आते हैं वहां महज एक ही पर्चा काउंटर बनवाया गया है.

हरदोई के जिला चिकित्सालय की बदहाल अवस्था.

अस्पताल की अव्यवस्था को देखते हुए अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े होते हैं. ऐसी अव्यवस्था के चलते मरीज भीड़ में दब कर किसी आकस्मिक घटना का शिकार भी बन सकते हैं. वहीं अस्पताल परिसर में बने इस काउंटर पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी सुरक्षा गार्ड नहीं तैनात है. अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ बैठा है और इस तरफ ध्यान देना तक जरूरी नहीं समझता.इस पूरे मामले की जानकारी से रूबरू कराते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ए के शाख्य ने समस्याओं का निवारण करने का कोरा आश्वासन दिया.

हरदोई: जिले का यह सरकारी अस्पताल शहर के बीचो बीच मौजूद है. इसकी स्थिति विगत लंबे समय से दयनीय बनी हुई है. यहां न तो मरीजों को सुचारू रूप से इलाज मिल पाता है और न पर्याप्त दवाएं. इतना ही नहीं अब तो पर्चा बनवाने के लिए भी मरीज़ व उनके तीमारदारों को सुबह से शाम तक लम्बी कतार में इंतजार करना पड़ता है.

अस्पताल का पर्चा काउंटर गरीब मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए खतरे का काउंटर साबित हो रहा है. यहां पर्चा बनवाने के लिए मरीजों का झुंड आए दिन देखने को मलता है. इतने बड़े अस्पताल में जहां रोजाना करीब 1500 से 2000 के आस पास मरीज ओपीडी में आते हैं वहां महज एक ही पर्चा काउंटर बनवाया गया है.

हरदोई के जिला चिकित्सालय की बदहाल अवस्था.

अस्पताल की अव्यवस्था को देखते हुए अस्पताल प्रशासन पर कई सवाल खड़े होते हैं. ऐसी अव्यवस्था के चलते मरीज भीड़ में दब कर किसी आकस्मिक घटना का शिकार भी बन सकते हैं. वहीं अस्पताल परिसर में बने इस काउंटर पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी सुरक्षा गार्ड नहीं तैनात है. अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ बैठा है और इस तरफ ध्यान देना तक जरूरी नहीं समझता.इस पूरे मामले की जानकारी से रूबरू कराते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ए के शाख्य ने समस्याओं का निवारण करने का कोरा आश्वासन दिया.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिला चिकित्सालय हमेशा से ही अपनी गैर जिम्मेदाराना क्षवि के चलते चर्चाओं में रहता है।कभी मरीजों को इलाज न मिलने के तो कभी गरीब मरीजों से वसूली करने के आरोप आये दिन अस्पताल प्रशासन पर लगना आम हो गए हैं।वहीं दवाइयों की कमी से भी जिला चिकित्सालय इस दौरान जूझ ही रह है।जहां से गिनी चुनी कुछ एक दवाइयां मरीजों को मिलती हैं, वहां से दवाएं लेने के लिए मरीजों को पर्चा बनवाना पड़ता है।जिसके बाद डॉक्टर को दिखा कर वे उस पर्चे पर डॉटकर द्वारा लिखी गयी दवाएं ले सकते हैं।लेकिन जब पर्चा ही नहीं बनेगा तो कैसे मिलेगा इकाज़ और कैसे मरीजों को दवाएं उपलब्ध हो पाएंगी।इतने बड़े अस्पताल में सिर्फ एक पर्चा काउंटर इस दरमियान मरीजों की समस्या का कारण बना हुआ है।जिसका एक छोटा सा नज़ारा हम आपको दिखाते हैं, जिसमें ये पर्चा काउंटर एक खतरे का काउंटर बन चुका है और कभी भी किसी मरीज़ व तीमारदार को अपनी चपेट में ले घायल कर सकता है।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले का ये सरकारी अस्पताल शहर के बीचों बीच मौजूद है।जिसकी स्थिति विगत लंबे समय से दयनीय बनी हुई है।यहां न ही तो मरीजों को सुचारू रूप से इलाज मिल पाता है और न पर्याप्त दवाएं।इतना ही नहीं अब तो पर्चा बनवाने के लिए भी मरीज़ व उनके तीमारदारों को सुबह से शाम सिर्फ इंतज़ार में ही काट देनी पड़ती है।लेकिन वे अपना पर्चा नहीं बनवा पाते और निराश होकर वापस घर लौट जाते हैं।हम बात कर रहे हैं जिला अस्पताल में बने इस नए पर्चा काउंटर की जिसे आप तस्वीरों में साफ देख पा रहे हैं।हालही में बना ये पर्चा काउंटर आज गरीब मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए खतरे का काउंटर साबित हो रहा है।यहां भूसे की तरह झुंड लगाए खड़े ये लोग और कोई नहीं बल्कि इलाज कराने के लिए पर्चा बनवाने आये मरीज़ व उनके तीमारदार हैं।जो सुबह से दोपहर बीत जाने के बाद भी पर्चा न बनवा सके और वापस घर लौट गए।इतने बड़े अस्पताल में जहां रोजाना करीब 15 सौ से 2 हज़ार के आस पास मरीज़ ओपीडी में आते हैं, यहां महज एक ही पर्चा काउंटर बनवाया गया है।जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि यहां लगी महिलाओं व पुरुषों की कतारें इस कदर अव्यवस्थित हुई कि कॉउंटकर पर लगी खिड़की ही टूट गयी।ऐसे में इस भीड़ में कुछ वृद्ध भी हैं जो ऐसी अव्यवस्थित भीड़ में दब कर किसी आकस्मिक घटना का शिकार भी बन सकते हैं।वहीं अस्पताल परिसर में बने इस काउंटर पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई भी सुरक्षा गार्ड भी नहीं तैनात था।लेकिन अस्पताल प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ बैठा है और इस तरफ ध्यान देना तक जरूरी नहीं समझ रहा।कैमरे के सामने आते ही मरीजों व तीमारदारों का दर्द छलक उठा।

वॉइस ओवर
बाईट--मरीज़
बाईट--तीमारदार
विसुअल

वीओ--2--इस पूरे मामले की जानकारी से रूबरू कराते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ए के शाख्य ने अवगत कराया।कहा कि खिड़की भीड़ में खड़े लोगों की धक्का मुक्की से टूट गयी जिसे ठीक करा दिया जाएगा।साथ ही उन्होंने अन्य समस्याओं का निवारण करने का कोरा आश्वासन दिया।साथ ही मरीजों को सलाह देते भी नज़र आए। सुनिए उन्हीं की जुबानी।

बाईट--ए के शाख्य--सीएमएस हरदोई




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