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सावधान! जनसेवा केंद्र पर बन रहीं फर्जी मार्कशीट, हापुड़ पुलिस ने एक को गिरफ्तार करके किया गिरोह का पर्दाफाश

उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस ने जनसेवा केंद्र में फर्जी मार्कशीट बनाने के धंधे का खुलासा करते हुए मौके से 105 फर्जी मार्कशीट, 8 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट, मार्कशीट बनाने के उपकरण जब्त किए हैं. इन फर्जी मार्कशीट को ऑन डिमांड बनाकर देश के अलग-अलग राज्यों में जहां से डिमांड आती थी वहां भेजा जाता था.

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Published : Feb 22, 2023, 6:00 PM IST

हापुड़ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का सदस्य गिरफ्तार.
हापुड़ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का सदस्य गिरफ्तार.
हापुड़ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी देते एसपी अभिषेक वर्मा.

हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जनसेवा केंद्र की आड़ में ऑन डिमांड फर्जी मार्कशीट तैयार करता था. फर्जी मार्कशीट तैयार करके इन्हें देश के अलग-अलग राज्यों में जहां से डिमांड आती थी वहां के युवाओं को सप्लाई किया जाता था. इन फर्जी मार्कशीट का नौकरी और कॉलेज व विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए किया जाता था. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करके फर्जी मार्कशीट और बनाने के उपकरण बरामद किए हैं. आरोपी अपने नाम के जनसेवा केंद्र में ये धंधा चला रहा था.

मामला जनपद हापुड़ का है. हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के बुलंदशहर रोड से पुलिस और एसओजी ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. युवक को गिरफ्तार करने के बाद एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ जो जनसेवा केंद्र की आड़ में फर्जी मार्कशीट तैयार कर युवाओं को देता था. यह गिरोह 10,000 से 20,000 तक में फर्जी मार्कशीट युवाओं को देता था. मार्कशीट ऑन डिमांड तैयार की जाती थीं और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश, मुंबई और बाहर के राज्यों में युवाओं को डिमांड के हिसाब से तैयार कर भिजवाई जाती थीं.

पुलिस के अनुसार मार्कशीट तैयार करने और उन्हें युवाओं तक पहुंचाने के लिए पूरा गिरोह कार्य कर रहा था. पूछताछ में पुलिस को गिरोह के सदस्यों के बारे में भी जानकारी हुई है. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर उनकी भी तलाश कर रही है. पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर उसके पास से 105 फर्जी मार्कशीट, 8 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट,नगदी, एक मोबाइल फोन व भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट बनाने के उपकरण बरामद किए हैं.

एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी मार्कशीट तैयार कर युवाओं को देता था. मार्कशीट अलग-अलग प्लेटफार्म पर जॉब लेने के लिए इस्तेमाल की जाती थी. इस पूरे मामले में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जो आसपास के जनपदों के रहने वाले हैं और कुछ ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जो जेल में बंद हैं. जिन लोगों के नाम भी इस मामले में सामने आ रहे हैं, उन लोगों के बारे में जांच की जाएगी और संलिप्तता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी. जिन लोगों ने यह मार्कशीट ली है, उनके बारे में भी लिखित में जानकारी दी जाएगी. जिन यूनिवर्सिटी की मार्कशीट पुलिस को बरामद हुई है, वहां से भी जानकारी की जाएगी. ज्यादातर मार्कशीट ओपन यूनिवर्सिटी की हैं.

फर्जी मार्कशीट से सरकारी नौकरी करने वालों पर भी होगी कार्रवाई
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि फर्जी मार्कशीट सरकारी नौकरियों में भी इस्तेमाल हो सकती हैं. इसकी भी जानकारी की जाएगी कि कोई व्यक्ति फर्जी मार्कशीट लगाकर सरकारी नौकरी तो नहीं कर रहा है. जांच करने के बाद अगर ऐसा करते हुए कोई पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

ये भी पढ़ेंः मदरसा छात्रों के दाढ़ी रखने के फरमान का सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने किया समर्थन, कहा- यह शरीयत का मामला

हापुड़ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के बारे में जानकारी देते एसपी अभिषेक वर्मा.

हापुड़: उत्तर प्रदेश के हापुड़ में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जनसेवा केंद्र की आड़ में ऑन डिमांड फर्जी मार्कशीट तैयार करता था. फर्जी मार्कशीट तैयार करके इन्हें देश के अलग-अलग राज्यों में जहां से डिमांड आती थी वहां के युवाओं को सप्लाई किया जाता था. इन फर्जी मार्कशीट का नौकरी और कॉलेज व विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए किया जाता था. पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार करके फर्जी मार्कशीट और बनाने के उपकरण बरामद किए हैं. आरोपी अपने नाम के जनसेवा केंद्र में ये धंधा चला रहा था.

मामला जनपद हापुड़ का है. हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के बुलंदशहर रोड से पुलिस और एसओजी ने एक युवक को गिरफ्तार किया है. युवक को गिरफ्तार करने के बाद एक ऐसे गिरोह का खुलासा हुआ जो जनसेवा केंद्र की आड़ में फर्जी मार्कशीट तैयार कर युवाओं को देता था. यह गिरोह 10,000 से 20,000 तक में फर्जी मार्कशीट युवाओं को देता था. मार्कशीट ऑन डिमांड तैयार की जाती थीं और दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश, मुंबई और बाहर के राज्यों में युवाओं को डिमांड के हिसाब से तैयार कर भिजवाई जाती थीं.

पुलिस के अनुसार मार्कशीट तैयार करने और उन्हें युवाओं तक पहुंचाने के लिए पूरा गिरोह कार्य कर रहा था. पूछताछ में पुलिस को गिरोह के सदस्यों के बारे में भी जानकारी हुई है. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी कर उनकी भी तलाश कर रही है. पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर उसके पास से 105 फर्जी मार्कशीट, 8 फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट,नगदी, एक मोबाइल फोन व भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट बनाने के उपकरण बरामद किए हैं.

एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है, जो फर्जी मार्कशीट तैयार कर युवाओं को देता था. मार्कशीट अलग-अलग प्लेटफार्म पर जॉब लेने के लिए इस्तेमाल की जाती थी. इस पूरे मामले में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जो आसपास के जनपदों के रहने वाले हैं और कुछ ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जो जेल में बंद हैं. जिन लोगों के नाम भी इस मामले में सामने आ रहे हैं, उन लोगों के बारे में जांच की जाएगी और संलिप्तता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई होगी. जिन लोगों ने यह मार्कशीट ली है, उनके बारे में भी लिखित में जानकारी दी जाएगी. जिन यूनिवर्सिटी की मार्कशीट पुलिस को बरामद हुई है, वहां से भी जानकारी की जाएगी. ज्यादातर मार्कशीट ओपन यूनिवर्सिटी की हैं.

फर्जी मार्कशीट से सरकारी नौकरी करने वालों पर भी होगी कार्रवाई
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि फर्जी मार्कशीट सरकारी नौकरियों में भी इस्तेमाल हो सकती हैं. इसकी भी जानकारी की जाएगी कि कोई व्यक्ति फर्जी मार्कशीट लगाकर सरकारी नौकरी तो नहीं कर रहा है. जांच करने के बाद अगर ऐसा करते हुए कोई पाया जाता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी.

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