हमीरपुर: बांध से पानी छोड़े जाने के बाद विकराल रूप धारण करने वाली यमुना और बेतवा नदियों का प्रकोप जिले में जारी है. बाढ़ ने निचले इलाकों में जहां भारी तबाही मचाई है. वहीं सैकड़ों एकड़ फसल भी इसकी चपेट में आ गई है. बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत पहुंचाने का कार्य तेज कर दिया है. डीएम मंगलवार को बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री देने पहुंचे. जिलाधिकारी ने बाढ़ में अपना घर खोने वाले ग्रामीणों को जल्द से जल्द राहत शिविर में पहुंचाने का आदेश दिया है.
जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि यमुना खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर एवं बेतवा आधा मीटर ऊपर बह रही है. इसकी चपेट में आए इलाकों में राहत पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ के चलते जिन लोगों को विस्थापित किया गया है, उन्हें कुछेछा डिग्री कॉलेज स्थित राहत शिविर में रखा गया है.
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बाढ़ प्रभावितों के लिए सभी जरूरी सुविधाओं का बंदोबस्त जिला प्रशासन द्वारा किया गया है. बाढ़ को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाएं भी राहत शिविर में चाक-चौबंद की गई है. बाढ़ प्रभावितों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए बाढ़ राहत सामग्री भी बटवाई जा रही है. इस बाढ़ राहत सामग्री में एक परिवार के लिए लगभग एक सप्ताह का राशन होता है.
-अभिषेक प्रकाश, जिलाधिकारी , हमीरपुर
ये इलाके हुए ज्यादा प्रभावित
यमुना और बेतवा में आई बाढ़ के चलते केसरिया डेरा, ब्रह्मा का डेरा, संकरी पीपल, कुछेछा, पुराना बेतवा घाट , पुराना जमुना घाट समेत कई गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. वर्तमान में यमुना का जलस्तर 105.680 और बेतवा 105.210 मीटर है. आशंका जताई जा रही है कि यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ सकता है, जिससे भारी तबाही मच सकती है.