हमीरपुरः कमजोर होती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार जहां बैंकों का विलय कर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है. गुरुवार देर शाम इलाहाबाद बैंक के दर्जनों कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि सरकार विलय के नाम पर देश की जनता से छलावा कर रही है. असल में बैंकों का विलय निजीकरण की दिशा में बढ़ने का पहला कदम है. बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न होगा उनकी छंटनी होगी. कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने निकाला कैंडल मार्च
- इलाहाबाद बैंक का विलय करने पर केंद्र सरकार के फैसले पर जिले के बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
- ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव की अध्यक्षता में कैंडल मार्च निकाला गया.
- सचिव ने कहा कि 155 साल पुराने इलाहाबाद बैंक का विलय साजिश के तहत उससे छोटे इंडियन बैंक में किया गया.
- जबकि इलाहाबाद बैंक की शाखांए ज्यादा और कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है.
फैसले से बैंक निजीकरण की दिशा में बढ़ेगा
- उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय के पश्चात शाखाएं बंद होगी.
- साथ ही बैंक कर्मचारियों को वीआरएस लेना पड़ेगा और उनका उत्पीड़न होगा.
- उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
- अगर सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.