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हमीरपुर: सड़क पर उतरे बैंक कर्मचारी, बोले-धोखा दे रही है केंद्र सरकार

बैंक विलय के फैसले पर जिले के बैंक कर्मचारियों ने सरकार का विरोध किया. साथ ही ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के बैनर तले कैंडल मार्च निकाला गया.

प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी.
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Published : Sep 6, 2019, 8:16 AM IST

हमीरपुरः कमजोर होती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार जहां बैंकों का विलय कर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है. गुरुवार देर शाम इलाहाबाद बैंक के दर्जनों कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.

प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी.

उन्होंने कहा कि सरकार विलय के नाम पर देश की जनता से छलावा कर रही है. असल में बैंकों का विलय निजीकरण की दिशा में बढ़ने का पहला कदम है. बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न होगा उनकी छंटनी होगी. कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने निकाला कैंडल मार्च

  • इलाहाबाद बैंक का विलय करने पर केंद्र सरकार के फैसले पर जिले के बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
  • ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव की अध्यक्षता में कैंडल मार्च निकाला गया.
  • सचिव ने कहा कि 155 साल पुराने इलाहाबाद बैंक का विलय साजिश के तहत उससे छोटे इंडियन बैंक में किया गया.
  • जबकि इलाहाबाद बैंक की शाखांए ज्यादा और कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है.

फैसले से बैंक निजीकरण की दिशा में बढ़ेगा

  • उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय के पश्चात शाखाएं बंद होगी.
  • साथ ही बैंक कर्मचारियों को वीआरएस लेना पड़ेगा और उनका उत्पीड़न होगा.
  • उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
  • अगर सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.

हमीरपुरः कमजोर होती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार जहां बैंकों का विलय कर अपनी पीठ थपथपा रही है. वहीं बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है. गुरुवार देर शाम इलाहाबाद बैंक के दर्जनों कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.

प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी.

उन्होंने कहा कि सरकार विलय के नाम पर देश की जनता से छलावा कर रही है. असल में बैंकों का विलय निजीकरण की दिशा में बढ़ने का पहला कदम है. बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न होगा उनकी छंटनी होगी. कर्मचारियों ने कहा कि अगर सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने निकाला कैंडल मार्च

  • इलाहाबाद बैंक का विलय करने पर केंद्र सरकार के फैसले पर जिले के बैंक कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
  • ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव की अध्यक्षता में कैंडल मार्च निकाला गया.
  • सचिव ने कहा कि 155 साल पुराने इलाहाबाद बैंक का विलय साजिश के तहत उससे छोटे इंडियन बैंक में किया गया.
  • जबकि इलाहाबाद बैंक की शाखांए ज्यादा और कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है.

फैसले से बैंक निजीकरण की दिशा में बढ़ेगा

  • उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय के पश्चात शाखाएं बंद होगी.
  • साथ ही बैंक कर्मचारियों को वीआरएस लेना पड़ेगा और उनका उत्पीड़न होगा.
  • उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें.
  • अगर सरकार पुनर्विचार नहीं करती है तो बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे.
Intro:विलय के खिलाफ सड़क पर उतरे बैंक कर्मचारी, बोले-धोखा दे रही है केंद्र सरकार

हमीरपुर। हिचकोले खाती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए केंद्र सरकार जहां बैंकों का विलय कर अपनी पीठ थपथपा रही है वहीं बैंक कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है। गुरुवार देर शाम इलाहाबाद बैंक के दर्जनों कर्मचारियों ने कैंडल मार्च निकालकर सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार विलय के नाम पर देश की जनता से छलावा कर रही है। असल में बैंकों का विलय निजीकरण की दिशा में बढ़ने का पहला कदम है। बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न होगा उनकी छंटनी होगी जिससे उनके सामने भारी मुश्किलें खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती तो सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।


Body:इलाहाबाद बैंक के इंडियन बैंक में विलय करने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव सुनील कुमार के नेतृत्व में इलाहाबाद बैंक के मंडलीय कार्यालय से कैंडल मार्च निकाला गया। कैंडल मार्च के समापन के बाद उन्होंने कहा कि 155 साल पुराने इलाहाबाद बैंक का विलय साजिश के तहत उससे छोटे इंडियन बैंक में किया गया। जबकि इलाहाबाद बैंक की शाखाएं ज्यादा हैं और कर्मचारियों की संख्या भी बहुत अधिक है। लेकिन फिर भी सरकार ने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मर्जर के नाम पर सरकार देश की जनता को ठगने का काम कर रही है।


Conclusion:सरकार द्वारा बैंकों को लेकर जो नीति अपनाई जा रही है वह निजीकरण की दिशा में बढ़ने का पहला कदम है। सुनील कुमार ने कहा कि देश की वित्त मंत्री बैंक कर्मचारियों से झूठ बोल रही हैं कि सरकार द्वारा लिए गए बैंकों के विलय के फैसले से बैंक कर्मचारियों की छंटनी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बैंकों के विलय के पश्चात शाखाएं बंद होगी और बैंक कर्मचारियों को वीआएएस लेना पड़ेगा तथा उनका उत्पीड़न होगा। स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों के विलय के मामले में भी ऐसा ही हुआ है। हजारों की संख्या में बैंक कर्मचारियों को वीआरएस लेना पड़ा है और हजारों की संख्या में बैंक कर्मचारियों की छंटनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया तो सभी बैंक कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होंगे।

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नोट : बाइट ऑल इंडिया इलाहाबाद बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के मंडलीय सचिव सुनील कुमार की है।
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