हमीरपुर: जनपद में डेंगू बुखार के बढ़ते मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांव सर्वे शुरू करा दिया है. इस काम में आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया है. दो दिन से ज्यादा बुखार वाले मरीजों को निकटवर्ती अस्पतालों में दिखाने और लक्षण के आधार पर मलेरिया, डेंगू की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं. ग्राम स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से भी एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है.
डेंगू से सबसे ज्यादा सदर व राठ प्रभावित
मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से इस वक्त बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. डेंगू लक्षण वाले मरीज भी बढ़ रहे हैं. जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज के साथ ही गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज कानपुर या झांसी रेफर किया जा रहा है. जनपद में डेंगू बुखार ने सबसे ज्यादा सदर तहसील और राठ को प्रभावित किया है. मौदहा-सरीला तहसीलों के भी गांवों में बुखार के मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है. कोरोना संक्रमण के साथ-साथ बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरत रहा है.
आशा बहुओं को सौंपी गई है सर्वे की जिम्मेदारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.आरके सचान ने बताया कि बुखार के मरीजों में हो रही बढ़ोत्तरी के चलते गांव-गांव सर्वे शुरू कराया गया है. आशा बहुओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर बुखार ग्रसित मरीजों का पता लगाएं. जिस व्यक्ति को दो दिन से ज्यादा बुखार आ रहा है, उसे तत्काल इलाज के लिए निकटवर्ती अस्पताल ले जाएं. डेंगू, मलेरिया जैसे लक्षण दिखने पर उनकी जांच कराएं. यह सभी कार्य कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार किए जाएं, ताकि कोरोना के संक्रमण से भी बचा जा सके.
संक्रमित वयस्क मादा मच्छर के काटने से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया तथा जापानी इंसेफिलाइटिस जैसी बीमारियां फैलती हैं. इन सभी बुखारों के नि:शुल्क उपचार की अस्पतालों में व्यवस्थाएं हैं. डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है. घरों में खुली टंकियां, पुराने टायर, खाली डिब्बे, कूलर, फ्रिज के पीछे पानी वाली ट्रे, गमले, खाली बोतलें, मनीप्लांट आदि में इसका लार्वा पनपता है. ज्यादा ठंड होने पर स्वत: समाप्त हो जाता है.
-आरके यादव, जिला मलेरिया अधिकारी