हमीरपुर: जिले के प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्टांप एवं न्यायालय शुल्क तथा पंजीयन विभाग) ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर बाढ़ प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने कुछेछा डिग्री कॉलेज में बने आश्रय स्थल पहुंचकर वहां मौजूद बाढ़ पीड़ितों का हालचाल जाना और उनके लिए स्वयं पूड़ियां भी बनाईं. इसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावित 43 लोगों को ड्राई राशन किट और 1,610 प्रभावितों को लंच पैकेट बांटे.
जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल को बताया कि जिले में कृषि क्षेत्रफल के कुल 62 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमें विकास खंड कुरारा के 38 गांव, सुमेरपुर के 24 गांव बाढ़ प्रभावित हैं. जिलाधिकारी द्वारा प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल को जनपद स्तर पर बाढ़ से निपटने के लिए तैयार की गई रणनीति भी बताई गई.
जिलाधिकारी ज्ञानेश्वर त्रिपाठी ने बताया कि बाढ़ से बचाव के लिए ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है. जनपद में दो राहत कैंप खोले गए हैं, जिसमें कुछेछा डिग्री काॅलेज में 1,700 परिवारों और श्री विद्या मंदिर में 54 परिवारों की रहने की व्यवस्था की गई है. 1,100 प्रभावित पशुओं को भी विस्थापित किया गया है.
जिले के प्रभारी मंत्री रवींद्र जायसवाल ने किसानों के हुए नुकसान का सर्वे बीमा कंपनियों से कराने और नुकसान की भरपाई का भुगतान 30 दिन के अंदर कराने के निर्देश दिए. इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष जयंती राजपूत, सदर विधायक युवराज सिंह, राठ विधायक मनीषा अनुरागी, चेयरमैन कुलदीप निषाद, पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित, अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे राजेश कुमार यादव, मुख्य विकास अधिकारी कमलेश कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
जिले में यमुना और बेतवा नदी ने मचाया कहर
बता दें कि यूपी के बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में नदियों में आई बाढ़ ने जो कहर बरपाया है, उसका दर्द लोगों के चेहरों पर उभरा हुआ है. जिले में यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं. बाढ़ का कहर अभी भी थमता नजर नहीं आ रहा है. जिले में यमुना नदी के खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बहने से कई गांव अपना वजूद खोने की कगार पर पहुंच गए हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान के बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 103 मीटर से ऊपर 105 मीटर तक पहुंच गया है. वहीं, बेतवा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है.