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औषधीय फसलों से किसानों को हो रहा दोगुना फायदा

हमीरपुर जिले में औषधीय खेती के जरिए किसान बेहतर कमाई कर रहे हैं. जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि औषधीय फसलों की बुवाई से किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो रहा है.

राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.
राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.
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Published : Jan 6, 2021, 4:23 PM IST

हमीरपुर: जिले में किसानों ने कम लागत में दोगुना मुनाफा कमाने का नया तरीका निकाला है. सरकार की अहम योजना का लाभ उठाते हुए अब कम लागत में किसानों ने औषधीय खेती शुरू की है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.

जानकारी देते जिला उद्यान अधिकारी.

उद्यान विभाग किसानों को करता है प्रोत्साहित
जिला उद्यान अधिकारी उमेश चंद्र उत्तम बताते हैं कि राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत किसानों को औषधीय खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस मिशन के तहत किसानों को तुलसी, अश्वगंधा, सर्पगंधा आदि की फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके तहत जिले के विदोखर गांव निवासी किसान पुत्तन सिंह ने पहली बार बड़े पैमाने पर तुलसी की खेती की शुरुआत की है. पुत्तन सिंह ने 40 हेक्टेयर भूमि पर तुलसी की फसल बोई है.

राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.
राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.

कम लागत में ज्यादा मुनाफा
उमेश चंद्र उत्तम बताते हैं कि खरीफ के सीजन में औषधीय फसलों की बुवाई करने से किसानों को यह लाभ होता है कि अन्ना मवेशी इन फसलों से दूर रहते हैं. साथ ही औषधीय फसलों के दाम भी अन्य फसलों के मुकाबले बाजार में अधिक मिलते हैं. इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलता है. वे बताते हैं कि जिले में औषधीय फसलों की खेती के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध है. जो भी किसान अपने खेतों को परती छोड़ते हैं, उन्हें तुलसी की खेती करनी चाहिए.

ये कंपनी कर रही एग्रीमेंट
जिले में ऑर्गेनिक इंडिया नाम की कंपनी है, जो फसल होने के पहले ही किसानों से एग्रीमेंट कर लेती है. बीते साल कंपनी ने ग्रीमेंट के अनुसार लगभग साढ़े नौ हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से तुलसी की फसल खरीदी है. उन्होंने बताया कि लगभग एक हेक्टेयर में आठ से 10 क्विंटल तुलसी की फसल का उत्पादन होता है. ऐसे में किसानों को 4 महीने में 60 से 70 हजार रुपये की बचत होती है. अभी तक किसानों ने बहुत छोटे पैमाने पर औषधीय खेती की है. धीरे-धीरे औषधीय खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है.

औषधीय खेती से लाभ
औषधीय खेती में प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का खतरा कम होता है. अन्ना जानवर इन फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते. कम लागत में किसान अच्छी आय प्राप्त कर लेते हैं. इसी वजह से किसान औषधीय खेती की तरफ धीरे-धीरे आकर्षित हो रहे हैं.

हमीरपुर: जिले में किसानों ने कम लागत में दोगुना मुनाफा कमाने का नया तरीका निकाला है. सरकार की अहम योजना का लाभ उठाते हुए अब कम लागत में किसानों ने औषधीय खेती शुरू की है. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है. इससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.

जानकारी देते जिला उद्यान अधिकारी.

उद्यान विभाग किसानों को करता है प्रोत्साहित
जिला उद्यान अधिकारी उमेश चंद्र उत्तम बताते हैं कि राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत किसानों को औषधीय खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इस मिशन के तहत किसानों को तुलसी, अश्वगंधा, सर्पगंधा आदि की फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके तहत जिले के विदोखर गांव निवासी किसान पुत्तन सिंह ने पहली बार बड़े पैमाने पर तुलसी की खेती की शुरुआत की है. पुत्तन सिंह ने 40 हेक्टेयर भूमि पर तुलसी की फसल बोई है.

राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.
राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत मिल रहा लाभ.

कम लागत में ज्यादा मुनाफा
उमेश चंद्र उत्तम बताते हैं कि खरीफ के सीजन में औषधीय फसलों की बुवाई करने से किसानों को यह लाभ होता है कि अन्ना मवेशी इन फसलों से दूर रहते हैं. साथ ही औषधीय फसलों के दाम भी अन्य फसलों के मुकाबले बाजार में अधिक मिलते हैं. इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा मिलता है. वे बताते हैं कि जिले में औषधीय फसलों की खेती के लिए उपयुक्त जमीन उपलब्ध है. जो भी किसान अपने खेतों को परती छोड़ते हैं, उन्हें तुलसी की खेती करनी चाहिए.

ये कंपनी कर रही एग्रीमेंट
जिले में ऑर्गेनिक इंडिया नाम की कंपनी है, जो फसल होने के पहले ही किसानों से एग्रीमेंट कर लेती है. बीते साल कंपनी ने ग्रीमेंट के अनुसार लगभग साढ़े नौ हजार रुपये प्रति क्विंटल की दर से तुलसी की फसल खरीदी है. उन्होंने बताया कि लगभग एक हेक्टेयर में आठ से 10 क्विंटल तुलसी की फसल का उत्पादन होता है. ऐसे में किसानों को 4 महीने में 60 से 70 हजार रुपये की बचत होती है. अभी तक किसानों ने बहुत छोटे पैमाने पर औषधीय खेती की है. धीरे-धीरे औषधीय खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है.

औषधीय खेती से लाभ
औषधीय खेती में प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान का खतरा कम होता है. अन्ना जानवर इन फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाते. कम लागत में किसान अच्छी आय प्राप्त कर लेते हैं. इसी वजह से किसान औषधीय खेती की तरफ धीरे-धीरे आकर्षित हो रहे हैं.

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