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हमीरपुर के मां-बेटे की अमरनाथ में मौत, सफाई का काम करने गए थे

हमीरपुर के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले मां-बेटे की अमरनाथ यात्रा के दौरान मौत हो गई. दोनों वहां सफाई का काम करने गए थे. इसके अलावा 11 लोग और भी गए थे, जो वहां से लौट रहे हैं.

मां-बेटे की अमरनाथ में मौत
मां-बेटे की अमरनाथ में मौत
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Published : Jul 12, 2022, 9:06 AM IST

हमीरपुर: जिले के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के इचौली नायकपुरवा गांव के एक ठेकेदार के जरिए अमरनाथ में सफाई का कार्य करने गए मां-बेटे की अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने के कारण मौत हो गई. सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने परिजनों से शवों की शिनाख्त कराई.

कोरोना काल के बाद शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में मौदहा कोतवाली के इचौली नायकपुरवा गांव निवासी अरविन्द कुमार (22) मां राजकुमारी (42) के साथ अमरनाथ में सफाई का कार्य करने गए थे. ये लोग बांदा के बिसरा गांव निवासी ठेकेदार राकेश के माध्यम से वहां गए थे. मां और बेटे के अलावा उनके परिवार के वरदानी, रेखा, नेकराम, मीनू, बलराम, सोनी, विशाल, रोहित, सुरेन्द्र और सम्पत पत्नी फूलचन्द सहित 11 लोग और भी गए थे. ये सभी लोग सफाई कार्य करते हैं.

यह भी पढ़ें: बढ़ती जनसंख्या पर सीएम योगी ने दिया बड़ा बयान...पढ़िए क्या कहा

17 जून से ये सभी लोग अमरनाथ गुफा से कुछ किमी दूर शिविर में थे. 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के दौरान सफाईकर्मी अपने टेंटों में सो रहे थे. तभी बादल फटने से आई बाढ़ में कई लोग बह गए, जिसमें राजकुमारी और उनका बेटा अरविन्द दोनों लापता हो गए थे. दो दिन बाद उनके शव बरामद होने पर ठेकेदार ने सोमवार को परिजनों को उनकी मौत होने की सूचना दी. इससे परिवार में कोहराम मच गया. मृतकों के रिश्तेदार चन्द्रशेखर ने बताया कि श्रीनगर में ही मां और बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अब मृतकों के परिवार के 11 लोग वहां से हमीरपुर के लिए लौट रहे हैं.

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हमीरपुर: जिले के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के इचौली नायकपुरवा गांव के एक ठेकेदार के जरिए अमरनाथ में सफाई का कार्य करने गए मां-बेटे की अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने के कारण मौत हो गई. सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने परिजनों से शवों की शिनाख्त कराई.

कोरोना काल के बाद शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में मौदहा कोतवाली के इचौली नायकपुरवा गांव निवासी अरविन्द कुमार (22) मां राजकुमारी (42) के साथ अमरनाथ में सफाई का कार्य करने गए थे. ये लोग बांदा के बिसरा गांव निवासी ठेकेदार राकेश के माध्यम से वहां गए थे. मां और बेटे के अलावा उनके परिवार के वरदानी, रेखा, नेकराम, मीनू, बलराम, सोनी, विशाल, रोहित, सुरेन्द्र और सम्पत पत्नी फूलचन्द सहित 11 लोग और भी गए थे. ये सभी लोग सफाई कार्य करते हैं.

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17 जून से ये सभी लोग अमरनाथ गुफा से कुछ किमी दूर शिविर में थे. 8 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के दौरान सफाईकर्मी अपने टेंटों में सो रहे थे. तभी बादल फटने से आई बाढ़ में कई लोग बह गए, जिसमें राजकुमारी और उनका बेटा अरविन्द दोनों लापता हो गए थे. दो दिन बाद उनके शव बरामद होने पर ठेकेदार ने सोमवार को परिजनों को उनकी मौत होने की सूचना दी. इससे परिवार में कोहराम मच गया. मृतकों के रिश्तेदार चन्द्रशेखर ने बताया कि श्रीनगर में ही मां और बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. अब मृतकों के परिवार के 11 लोग वहां से हमीरपुर के लिए लौट रहे हैं.

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