हमीरपुर: जिले में मोहर्रम के त्यौहार पर एक इलेक्ट्रॉनिक ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस इलेक्ट्रॉनिक ताजिये को बनाने में हिन्दू और मुसलमानों ने डेढ़ लाख रुपये खर्च किए हैं. रंग-बिरंगी झालरों से जगमगाने वाले इस ताजिए में मुख्य द्वार भी रिमोट से खुलता है, जो भी इस इलेक्ट्रॉनिक ताजिये को देखता है वो मोहित हो जाता है. पूरे जिले में यह ताजिया चर्चा का विषय बना हुआ है.
- मौदहा तहसील के माचा गांव निवासी भोलू ने बताया कि वे पिछले 15 वर्षों से ताजिया बनाते आ रहे हैं.
- भोलू ने बताया कि वे हर बार अपने ताजिए में कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं.
- अबकी बार उन्होंने ताजिया बनाने में रंग-बिरंगी लाइटों का इस्तेमाल किया है.
- वे बताते हैं कि उनके गांव के सभी समुदायों के लोग ताजिया बनवाने में बढ़-चढ़कर मदद करते हैं.
- अबकी बार इलेक्ट्रॉनिक ताजिया बनाने में लगभग डेढ़ लाख रुपए का खर्च आया है और इसे बनाने में 3 महीने से ज्यादा का वक्त लगा है.
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भोलू ने बताया कि ताजिये में लगाई गई लाइटें व सजावट के लिए प्रयोग किए गए अन्य सामान वे दिल्ली, कानपुर और फिरोजाबाद आदि स्थानों से लाए हैं. इसके अलावा ताजिये का मुख्य द्वार रिमोट द्वारा खुलता और बंद होता है. जिसके लिए उन्होंने इसमें दो इलेक्ट्रॉनिक मोटर भी लगाईं है.
ताजिये का मुख्य द्वार खुलते ही मक्का और मदीना के चित्र दिखाई देते हैं. भोलू बताते हैं कि ताजिया बनाने के लिए हर साल उनके गांववासी दिल खोलकर आर्थिक सहायता करते हैं. जिसके चलते उनका अबकी बार का बनाया हुआ ताजिया जिले में ही नहीं यूपी का सबसे खूबसूरत ताजिया है.