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बच्चों की पढ़ाई पर जरूरी है ध्यान, मजदूरों के लिए जानें क्या बना प्लान

कोरोना काल में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ अब बच्चों की पढ़ाई पर भी ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए, यह एक बड़ा सवाल है. इसी को लेकर एक्शन एड, यूनीसेफ और आदित्य बिड़ला कैपिटल के संयुक्त तत्वावधान में पैरामेडिकल सभागार में जिला स्तरीय नेटवर्किंग मीटिंग हुई.

स्वास्थ्य के साथ बच्चों की पढ़ाई पर मंथन
स्वास्थ्य के साथ बच्चों की पढ़ाई पर मंथन
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Published : Nov 27, 2020, 5:05 PM IST

हमीरपुर: कोरोना काल में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए, यह एक बड़ा सवाल है. इसी को लेकर एक्शन एड, यूनीसेफ और आदित्य बिड़ला कैपिटल के संयुक्त तत्वावधान में पैरामेडिकल सभागार में जिला स्तरीय नेटवर्किंग मीटिंग हुई. मीटिंग में प्रेरकों, एसएमसी सदस्यों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने विचार व्यक्त किए.

जल्द पूरा होगा श्रमिक स्कूल का निर्माण
बैठक में श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने विभाग की ओर से शिशु हित लाभ योजना, संत रविदास शिक्षा योजना सहित कई अन्य योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर श्रमिक स्कूल का निर्माण चल रहा है. शीघ्र ही यह पूरा हो जाएगा. यहां पंजीकृत मजदूरों के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक मनोज कुमार पालीवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस साल स्कूलों में पढ़ाई बाधित हुई है. शिक्षक और एक्शन एड के प्रेरकों द्वारा किए गए शारदा सर्वे में आउट आॉफ स्कूल और ड्राॅप आउट बच्चों को चिह्निकरण किया गया है. नामांकन प्रक्रिया जारी है. विद्यालय प्रबंध समिति को इसमें सहयोग करना चाहिए.

बच्चों को बचाव को जागरूक करना जरूरी
दिव्यांग शिक्षा के जिला समन्वयक लखनलाल साहू ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा विभाग उपकरण देता हैं. उन्होंने प्रेरकों से कहा कि गांव में दिव्यांग बच्चा मिलने पर उनको सूचना दें. इससे उस बच्चे की सहायता की जा सकेगी. बालिका शिक्षा जिला सन्वयक शत्रुन्जय शर्मा ने भी मीटिंग में अपने विचार रखे. संस्था के जिला समन्वय अशोक कुमार ने कहा कि जनपद के 25 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाने में सभी सहयोग करें. सहायक जिला समन्वयक इमरान अली ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए बच्चों में भी सामाजिक दूरी, मास्क लगाने और साबुन से बार-बार हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए.

हमीरपुर: कोरोना काल में बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान देने की जरूरत है. शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर कैसे लाया जाए, यह एक बड़ा सवाल है. इसी को लेकर एक्शन एड, यूनीसेफ और आदित्य बिड़ला कैपिटल के संयुक्त तत्वावधान में पैरामेडिकल सभागार में जिला स्तरीय नेटवर्किंग मीटिंग हुई. मीटिंग में प्रेरकों, एसएमसी सदस्यों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने विचार व्यक्त किए.

जल्द पूरा होगा श्रमिक स्कूल का निर्माण
बैठक में श्रम प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार तिवारी ने विभाग की ओर से शिशु हित लाभ योजना, संत रविदास शिक्षा योजना सहित कई अन्य योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय की तर्ज पर श्रमिक स्कूल का निर्माण चल रहा है. शीघ्र ही यह पूरा हो जाएगा. यहां पंजीकृत मजदूरों के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी. सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक मनोज कुमार पालीवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस साल स्कूलों में पढ़ाई बाधित हुई है. शिक्षक और एक्शन एड के प्रेरकों द्वारा किए गए शारदा सर्वे में आउट आॉफ स्कूल और ड्राॅप आउट बच्चों को चिह्निकरण किया गया है. नामांकन प्रक्रिया जारी है. विद्यालय प्रबंध समिति को इसमें सहयोग करना चाहिए.

बच्चों को बचाव को जागरूक करना जरूरी
दिव्यांग शिक्षा के जिला समन्वयक लखनलाल साहू ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा विभाग उपकरण देता हैं. उन्होंने प्रेरकों से कहा कि गांव में दिव्यांग बच्चा मिलने पर उनको सूचना दें. इससे उस बच्चे की सहायता की जा सकेगी. बालिका शिक्षा जिला सन्वयक शत्रुन्जय शर्मा ने भी मीटिंग में अपने विचार रखे. संस्था के जिला समन्वय अशोक कुमार ने कहा कि जनपद के 25 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल बनाने में सभी सहयोग करें. सहायक जिला समन्वयक इमरान अली ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए बच्चों में भी सामाजिक दूरी, मास्क लगाने और साबुन से बार-बार हाथ धोने की आदत डालनी चाहिए.

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