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दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन, बाघों की फोटो सोशल मीडिया पर न करें शेयर - सोशल मीडिया पर जानवरों की फोटो शेयर करने पर रोक

यूपी के लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बाघों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की हैं. प्रशासन का कहना है कि यहां आने वाले सैलानी बाघ और अन्य दुर्लभ जानवरों की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर न करें.

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दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन.
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Published : Nov 27, 2019, 5:44 PM IST

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अब बाघों की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर लोकेशन समेत पोस्ट करने पर बैन लगा दिया है. अगर किसी सैलानी ने बाघों की लोकेशन सहित फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की, तो सैलानी मुसीबत में भी पड़ सकते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि यह कदम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार बाघों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है.

देश-विदेश में मशहूर है दुधवा टाइगर रिजर्व
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बसे यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के तराई इलाके में दुधवा टाइगर रिजर्व अपने बाघों के लिए देश-विदेश में मशहूर है. आठ सौ वर्ग किलोमीटर से ज्यादा में फैले दुधवा टाइगर रिजर्व में 100 से ज्यादा बाघों की तादाद है. तराई के जंगल इन बाघ और तेंदुए से आबाद हैं. खास बात यह है कि इन की नई संतति भी यहां खूब फल-फूल रही है, लेकिन इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बसे होने के कारण अक्सर यह टाइगर रिजर्व खतरनाक शिकारियों के मंसूबों के निशाने पर भी रहता है.

जानकारी देते दुधवा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर संजय पाठक.

यहां पाए जाते हैं दुर्लभ जंगली जानवर
पिछले कुछ सालों में दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानियों की तादाद भी खूब बड़ी है. देशी-विदेशी सैलानी यहां बाघों और प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए आते हैं. दुधवा में बाघों के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडों की भी बड़ी कॉलोनी पाई जाती है. जो असम के बाद शायद देश में पहली कॉलोनी है. पांच प्रकार के हिरण एक साथ और जंगली हाथियों और भालू के झुंड भी यहां खूब दिखाई देते हैं.

सोशल मीडिया से हो सकता है जानवरों को खतरा
पिछले कुछ सालों में सैलानियों की बढ़ी तादाद से अब दुधवा सोशल मीडिया पर भी काफी हिट होने लगा है. अतिउत्साह में सैलानी कभी-कभी सोशल मीडिया पर बाघों की एग्जैक्ट लोकेशन भी डाल देते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन का मानना है बाघों की सुरक्षा के लिए यह ठीक नहीं.

शिकारी उठा सकते हैं इसका फायदा
डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि सैलानी वाइल्डलाइफ टूरिज्म करने आएं, लेकिन उनको कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है. आम सैलानी को इन खतरों के बारे में शायद मालूम भी नहीं होता, पर खतरनाक शिकारी लगातार सोशल मीडिया के जरिए भी बाघों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. सैलानियों के अनजाने में डाले गए एक्जैक्ट लोकेशन का शिकारी फायदा उठा सकते हैं.

सोशल मीडिया पर फोटो डालना नियमों के विरुद्ध
दुधवा टाइगर रिजर्व में पिछले कई सालों से घूमने आने वाले सैलानी अपनी वाहवाही के लिए बाघों और अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों की फोटो खींचकर लोकेशन के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. इसको टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नियम विरुद्ध माना है. उनका कहना है इससे बाघों और अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों को खतरा हो सकता है.

प्रशासन की सैलानियों से अपील
भारतीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी सोशल मीडिया पर डाली गई फोटो और वीडियो को गम्भीरता से लेते हुए दिशा निर्देश जारी कर चुका है. अब प्रशासन भी इस विषय पर गंभीर हो गया है और उसने आने वाले सैलानियों से अपील की है कि वह बाघों की सुरक्षा की खातिर ऐसा न करें.

इसे भी पढ़ें- दुधवा टाइगर रिजर्व में पहली बार बाघिन ने दिया पांच बच्चों को जन्म

लखीमपुर खीरी: दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन ने अब बाघों की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर लोकेशन समेत पोस्ट करने पर बैन लगा दिया है. अगर किसी सैलानी ने बाघों की लोकेशन सहित फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की, तो सैलानी मुसीबत में भी पड़ सकते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि यह कदम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार बाघों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है.

देश-विदेश में मशहूर है दुधवा टाइगर रिजर्व
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बसे यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के तराई इलाके में दुधवा टाइगर रिजर्व अपने बाघों के लिए देश-विदेश में मशहूर है. आठ सौ वर्ग किलोमीटर से ज्यादा में फैले दुधवा टाइगर रिजर्व में 100 से ज्यादा बाघों की तादाद है. तराई के जंगल इन बाघ और तेंदुए से आबाद हैं. खास बात यह है कि इन की नई संतति भी यहां खूब फल-फूल रही है, लेकिन इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बसे होने के कारण अक्सर यह टाइगर रिजर्व खतरनाक शिकारियों के मंसूबों के निशाने पर भी रहता है.

जानकारी देते दुधवा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर संजय पाठक.

यहां पाए जाते हैं दुर्लभ जंगली जानवर
पिछले कुछ सालों में दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानियों की तादाद भी खूब बड़ी है. देशी-विदेशी सैलानी यहां बाघों और प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए आते हैं. दुधवा में बाघों के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडों की भी बड़ी कॉलोनी पाई जाती है. जो असम के बाद शायद देश में पहली कॉलोनी है. पांच प्रकार के हिरण एक साथ और जंगली हाथियों और भालू के झुंड भी यहां खूब दिखाई देते हैं.

सोशल मीडिया से हो सकता है जानवरों को खतरा
पिछले कुछ सालों में सैलानियों की बढ़ी तादाद से अब दुधवा सोशल मीडिया पर भी काफी हिट होने लगा है. अतिउत्साह में सैलानी कभी-कभी सोशल मीडिया पर बाघों की एग्जैक्ट लोकेशन भी डाल देते हैं. दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन का मानना है बाघों की सुरक्षा के लिए यह ठीक नहीं.

शिकारी उठा सकते हैं इसका फायदा
डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं कि सैलानी वाइल्डलाइफ टूरिज्म करने आएं, लेकिन उनको कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है. आम सैलानी को इन खतरों के बारे में शायद मालूम भी नहीं होता, पर खतरनाक शिकारी लगातार सोशल मीडिया के जरिए भी बाघों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. सैलानियों के अनजाने में डाले गए एक्जैक्ट लोकेशन का शिकारी फायदा उठा सकते हैं.

सोशल मीडिया पर फोटो डालना नियमों के विरुद्ध
दुधवा टाइगर रिजर्व में पिछले कई सालों से घूमने आने वाले सैलानी अपनी वाहवाही के लिए बाघों और अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों की फोटो खींचकर लोकेशन के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. इसको टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नियम विरुद्ध माना है. उनका कहना है इससे बाघों और अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों को खतरा हो सकता है.

प्रशासन की सैलानियों से अपील
भारतीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी सोशल मीडिया पर डाली गई फोटो और वीडियो को गम्भीरता से लेते हुए दिशा निर्देश जारी कर चुका है. अब प्रशासन भी इस विषय पर गंभीर हो गया है और उसने आने वाले सैलानियों से अपील की है कि वह बाघों की सुरक्षा की खातिर ऐसा न करें.

इसे भी पढ़ें- दुधवा टाइगर रिजर्व में पहली बार बाघिन ने दिया पांच बच्चों को जन्म

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वीडियो add कर लें।
wrap से भेजी है।
लखीमपुर अगर आप यूपी के दुधवा टाइगर रिजर्व घूमने आ रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ें दुधवा टाइगर रिजर्व ने प्रशासन ने अब बाघों की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर लोकेशन समेत पोस्ट करने पर बैन लगा दिया है। अगर किसी सैलानी ने बाघों की लोकेशन समय फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की तो सैलानी मुसीबत में भी पड़ सकते हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं यह कदम राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार बाघों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।




Body:इंडो नेपाल पर बसे यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के तराई इलाके में दुधवा टाइगर रिजर्व अपने बाघों के लिए देश-विदेश में मशहूर है। आठ सौ वर्ग किलोमीटर से ज्यादा में फैले दुधवा टाइगर रिजर्व में 100 से ज्यादा बाघों की तादाद है। तराई के जंगल इन बाघ और तेंदुए से आबाद हैं खास बात यह है कि इन की नई संतति भी यहां खूब फल-फूल रही है। पर इंडो नेपाल बॉर्डर पर बसे होने के कारण अक्सर यह टाइगर रिजर्व खतरनाक शिकारियों के मंसूबों के निशाने पर भी रहता है।
पिछले कुछ सालों में दुधवा टाइगर रिजर्व में सैलानियों की तादाद भी खूब बड़ी है। देशी-विदेशी सैलानी यहाँ बाघों और प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए आते हैं। दुधवा में बाघों के साथ-साथ एक सींग वाले गैंडे की भी बड़ी कॉलोनी पाई जाती है। जो असम के बाद शायद देश में पहली कॉलोनी है। पांच प्रकार के हिरण एक साथ और जंगली हाथियों और भालू के झुंड भी यहां खूब दिखाई देते हैं। पिछले कुछ सालों में सैलानियों की बढ़ी तादाद अब दुधवा के प्रचार-प्रसार और सोशल मीडिया पर भी काफी हिट होने लगा है। अतिउत्साह में सैलानी कभी कभी अनजाने में सोशल मीडिया पर बाघों की एग्जैक्ट लोकेशन भी डाल देते हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन का मानना है ये ठीक नहीं। डायरेक्टर संजय पाठक कहते हैं। सैलानी वाइल्डलाइफ टूरिज्म करने आएं पर उनको कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। श्री पाठक कहते हैं कि आम सैलानी को इन खतरों के बारे में शायद मालूम भी नहीं होता। पर खतरनाक शिकारी लगातार सोशल मीडिया के जरिए भी बाघों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। और सैलानियों के अनजाने में डाले गए एक्जैक्ट लोकेशन का शिकारी फायदा उठा सकते हैं।


Conclusion:दुधवा टाइगर रिजर्व में पिछले कई सालों से घूमने आने वाले सैलानी और वाइल्डलाइफर अपनी वाहवाही के लिए बाघों और अन्य दुर्लभ जंगली जानवरों की फोटो खींचकर लोकेशन के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। इसको टाइगर रिजर्व प्रशासन ने नियम विरुद्ध माना है। और बाघों और अन्य जंगली दुर्लभ जानवरों के लिए खतरा भी।
भारतीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी बीच बीच मे सोशल मीडिया पर डाली गई फोटोज और वीडियोज को गम्भीरता से लेते हुए दिशा निर्देश जारी कर चुका। सोशल मीडिया पर एग्जैक्ट लोकेशन के साथ बागवान अन्य जंगली जानवरों के फोटो डालने पर अब पार प्रशासन भी गंभीर हो गया है और उसने आने वाले सैलानियों से अपील की है कि वह बाघों की सुरक्षा की खातिर ऐसा ना करें।
बाइट-संजय पाठक(डायरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व)
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प्रशान्त पाण्डेय
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